Mosquito Bite: क्या आप जानते हैं मच्छक क्यों पीते हैं इंसानों का खून? शोध में हुआ खुलासा
Mosquito Bite क्या आपने कभी सोचा है कि मच्छर आखिर खून क्यों चूसते हैं? उन्हें खून पीने की ज़रूरत क्यों पड़ती है? इन सवालों का जवाब वैज्ञानिकों ने ढूंढ़ लिया है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Mosquito Bite: दिल्ली और आसपास के इलाके में बारिश के मौसम के साथ ही मच्छरों का कहर भी चरम पर पहुंच जाता है। डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और ज़ीका वायरस ये सभी जानलेवा बीमारियां मच्छरों के काटने से होती हैं। ऐसे में इस मौसम में जितना मच्छरों से बचा जा सकता है, बचना चाहिए। आप मच्छरों को मारने के लिए रिपेलेंट, क्रीम, स्प्रे का इस्तेमाल कर सकते हैं, साथ ही ऐसे कपड़े पहनें जिसमें आपकी त्वचा ढकी रहे। इसके अलावा घर के आसपास पानी न जमा होने दें और शाम होने पर खिड़की, दरवाज़ों को बंद कर दें।
हालांकि, क्या आपने कभी सोचा है कि मच्छर आखिर खून क्यों चूसते हैं? उन्हें खून पीने की ज़रूरत क्यों पड़ती है? इन सवालों का जवाब वैज्ञानिकों ने ढूंढ़ लिया है। वैज्ञानिकों ने मच्छरों के खून चूसने की जो वजह बताई है, वो जानकार आप दंग रह जाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि दुनिया जब शुरू हुई तब मच्छर खून नहीं पीते थे। ये बदलाव धीरे-धीरे आया है।
क्यों खून पीते हैं मच्छर
मच्छरों ने इंसानों और अन्य जानवरों का खून पीना इसलिए शुरू किया, क्योंकि वे सूखे प्रदेश में रहते थे। जब भी मौसम सूखा होता और मच्छरों को अपने प्रजनन के लिए पानी नहीं मिलता, तो वे इंसानों या जानवरों का खून पीना शुरू कर देते।
न्यू जर्सी की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कुछ समय पहले अफ्रीका के एडीस एजिप्टी मच्छरों (aedes aegypti mosquitoes) पर शोध किया था। ये वही मच्छर है जिसकी वजह से ज़ीका वायरस, डेंगू और पीला बुखार जैसी ख़तरनाक बीमारियां होती हैं। न्यू साइंटिस्ट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, अफ्रीका के मच्छरों में एडीस एजिप्टी मच्छर की कई प्रजातियां हैं। सारी प्रजातियों के मच्छर खून नहीं पीते। ये कई अन्य चीज़ों को खा-पीकर अपना गुज़ारा करते हैं।
कैसे हुआ शोध
प्रिंसटन यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता नोआह रोज़ ने इस रिपोर्ट में दावा किया कि किसी ने अभी तक मच्छरों की विभिन्न प्रजातियों के खान-पान को लेकर अध्ययन नहीं किया। उन्होंने बताया, "हमने अफ्रीका के सब-सहारन रीजन के 27 जगहों से एडीस एजिप्टी मच्छर के अंडे लिए। इन अंडों से मच्छरों को निकलने दिया। फिर इन्हें इंसान, अन्य जीव, गिनी पिग जैसे लैब में बंद डिब्बों में छोड़ दिया ताकि उनके खून पीने के पैटर्न को समझ सकें। एडीस एजिप्टी मच्छरों की अलग-अलग प्रजातियों के मच्छरों का खान-पान एकदम अलग निकला।"
इस शोध से नोआह ने ये जाना कि ये बात एकदम ग़लत है कि सारे मच्छर खून पीते हैं। असल में जिस इलाके में सूखा या गर्मी ज़्यादा पड़ती है, पानी कम होता है, वहां मच्छरों को प्रजनन के लिए नमी की ज़रूरत पड़ती है। पानी की कमी को पूरा करने के लिए मच्छर इंसानों और अन्य जीवों का खून पीना शुरू कर देते हैं।
ये थी बदलाव की वजह
मच्छरों के अंदर ये बदलाव कई हज़ार साल में आया है। बढ़ते शहरों की वजह से पानी की किल्लत होने लगी, तब जाकर एडीस एजिप्टी मच्छरों को इंसानों का खून पीने की ज़रूरत पड़ने लगी।
वही, एनोफिलीस यानि मलेरिया करने वाले मच्छरों को कोई दिक्कत नहीं होती है। जहां इंसान पानी जमा करके रखते हैं, वहीं ये अपना प्रजनन कूलर, गमले, क्यारी या नाली जैसी जगहों पर कर लेते हैं, लेकिन जैसे ही पानी की कमी महसूस होती है, ये फौरन इंसानों या अन्य जीवों पर खून पीने के लिए हमला कर देते हैं।