Post-Covid Symptoms: कोरोना से रिकवर होने के बाद भी मरीज़ों में लम्बे समय तक रह सकते हैं ये लक्षण
Post-Covid Symptoms कोरोना से रिकवर हुए मरीज़ों में जो लक्षण सबसे अधिक पाया गया वो थकान है। भारत में मैक्स अस्पताल में की गई रिसर्च में इस बात का खुलासा किया गया कि रिकवर होने वाले 11 फीसदी मरीज लॉन्ग कोविड से प्रभावित रहे।
नई दिल्ली,लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोनावायरस के लक्षणों को समझने और उनका उपचार करने के लिए लगातार अध्ययन किए जा रहे हैं। कोरोनाकाल के शुरुआती दिनों में कोविड-19 से संक्रमित मरीज़ों पर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कोरोना से रिकवर होने के बाद भी मरीज़ों में 9-12 महीनों तक लक्षण मौजूद थे। कोरोना से रिकवर हुए मरीज़ों में जो लक्षण सबसे अधिक पाया गया वो थकान है।
भारत में मैक्स अस्पताल में की गई रिसर्च में इस बात का खुलासा किया गया कि रिकवर होने वाले 11 फीसदी मरीज 'लॉन्ग कोविड' यानी लंबे समय तक कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावित रहे। ये रिसर्च अप्रैल और अगस्त 2020 के बीच 1000 लोगों पर की गई है। मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि RT-PCR जांच के जरिए हुई थी।
40 फीसद लोग लॉन्ग कोविड के लक्षणों से रहे प्रभावित:
कोविड के मरीज़ों पर की गई एक नई रिसर्च से पता चला है कि कोविड के लक्षणों से 40 फीसद लोगों को जूझना पड़ा। कोविड के 990 मरीजों पर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि 31.8 फीसद मरीज़ों में तीन महीनों बाद भी पोस्ट-कोविड के लक्षण मौजूद थे। जबकि 11 फीसद मरीज़ों में बीमारी की शुरुआत से 9-12 महीनों तक कुछ लक्षण बने रहे।
मरीज़ों में लक्षणों की बात करें तो 12.5 फीसद मरीज़ों में थकान सबसे आम समस्या रही, जबकि पोस्ट कोविड के लक्षणों में दूसरे नंबर पर जिसमें 9.3 फीसद मरीज़ शामिल है उनमें मांसपेशियों में दर्द का लक्षण मौजूद रहा। सांस फूलने की समस्या उन लोगों में उल्लेखनीय रूप से अधिक बार दर्ज की गई जिनमें शुरू में गंभीर लक्षण था।
मैक्स अस्पताल की तरफ से की गई रिसर्च में दावा किया गया है कि कोविड से रिकवर होने के बाद सभी रोगियों में थकान, माइलियागिया, सांस फूलना, अवसाद और चिंता के मामूली लक्षण मौजूद थे।
मेक्स हेल्थ केयर ग्रुप के मेडिकल डायरेक्टर डॉ संदीप बुद्धिराजा ने बताया कि अध्ययन में कोविड से रिकवर हुए मरीज़ों में पाए जाने वाले लक्षणों में उम्र, लिंग या बीमारी की गंभीरता के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया। अध्ययन में पाया गया कि कोविड-19 की शुरूआत में बीमारी की गंभीरता और लक्षणों में महत्यपूर्ण संबंध था।