बच्चों में नजर आ रहे पोस्ट कोविड सिम्पटम्स से निपटने के लिए क्या करें और क्या नहीं, जानें यहां
पोस्ट कोविड सिम्पटम्स को ही लोग कोरोना मानकर बैठे रहते हैं। निगेटिव रिपोर्ट पर भी उन्हें विश्वास नहीं होता। ऐसे में डॉक्टर्स का कहना है कि खुद को बिजी रखना और पॉजिटिव सोचना ही इसका सबसे बड़ा इलाज है।
कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी शरीर में कुछ परेशानियां बनी रहती हैं। इनके खत्म होने में समय लगता है। पूर्णतः स्वस्थ होने में तीन महीने तक लग जाते हैं। तो बच्चों को पोस्ट कोविड किस तरह की समस्याएं हो सकती हैं और कैसे उन्हें दूर करें, इसके लिए पढ़ें यह लेख।
बच्चों को दो कैटेगरी में बांटा गया है। एक वो जो 1 महीने से 3 साल तक के हैं, जो बोल-बता नहीं सकते। दूसरे वे जो बोल सकते हैं, यानी 3 साल से लेकर 16 साल तक के।
पहली कैटेगरी
इसमें बच्चों को अगर कोरोना होता है तो वे बहुत कमजोर हो जाते हैं। खाना-पीना छूट जाता है। कुछ बता नहीं पाते हैं तो उनमें चिड़चिड़ापन आ जाता है। हमेशा रोते रहते हैं, जिससे हल्का-हल्का बुखार आता रहता है। ऐसे बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। बिना डॉक्टर की सलाह लिए उन्हें किसी भी तरह की दवा नहीं खिलानी चाहिए। इन्हें स्वस्थ्य होने में 5 से 30 दिन तक लग सकते हैं।
दूसरी कैटेगरी
इस कैटेगरी वाले बच्चों में सुस्ती, भूख न लगना, एंजाइटी जैसी समस्याएं देखने को मिली हैं। इस पर डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसे बच्चों के पेरेंट्स को घर का माहौल हमेशा पॉजिटिव बनाकर रखना चाहिए। उन्हें हमेशा अपनी आंखों के सामने रखें। स्ट्रेस नहीं आने दें। साइकोलॉजिकल परेशानी हो सकती है, ऐसे में सोशल मीडिया से दूर रखें। अच्छी और बैलेंस डाइट दें। टीवी पर पॉजिटिव चीज़ें ही देखने को दें। मेडिटेशन और एक्सरसाइज पॉसिबल हो तो करवाएं। डॉक्टर्स की सलाह पर मल्टी-विटामिन लंबे समय तक दें। दोस्तों से कनेक्ट करने के लिए फोन से जोड़कर रखें।
ऐसे बच्चों को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं
बच्चों के पोस्ट कोविड सिम्पटम्स में ही सबसे खतरनाक एमआईएससी मल्टी ऑगर्न इंफरामेंटरी सिंड्रोम सामने आया है। इसमें बच्चे के धीरे-धीरे एक-एक करके ऑर्गन फेल होने लगते हैं। बहुत कम बच्चों में यह सिंड्रोम मिल रहा है, लेकिन पेरेंट्स को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। अगर बच्चा खाना-पीना छोड़ देता है। बेहोश होने लगता है। एकदम बेजान सा हो जाता है, तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। घबराएं नहीं, समय से इलाज होगा तो ऐसे बच्चे भी ठीक हो सकते हैं।
बच्चों के साथ न करें ये चीज़ें
- नाक में गर्म तेल न डालें।
- गर्म तेल में अजवाइन डालकर मालिश करने से बचें।
- अगर बच्चे काढ़ा पीना, भाप लेना नहीं करते हैं तो डॉक्टर की राय लें।
Pic credit- freepik