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जानें, रमजान के दिनों में मधुमेह के मरीजों को किन-किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए

इस्लाम धर्म अनुसार सात साल से अधिक उम्र के व्यक्ति को रोजा रखना अनिवार्य है। हालांकि वृद्ध और बीमार व्यक्ति के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं के लिए निषेध है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Wed, 29 Apr 2020 04:07 PM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2020 06:30 PM (IST)
जानें, रमजान के दिनों में मधुमेह के मरीजों को किन-किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए
जानें, रमजान के दिनों में मधुमेह के मरीजों को किन-किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। रमजान के महीने की शुरुआत हो चुकी है। इस पाक महीने में लोग 'जथा शक्ति तथा भक्ति' के भाव से उपवास रख रहे हैं। खासकर लॉकडाउन के चलते रमजान महीने पर बुरा असर पड़ा है। इस्लाम धर्म अनुसार, सात साल से अधिक उम्र के व्यक्ति को रोजा रखना अनिवार्य है। हालांकि, वृद्ध और बीमार व्यक्ति के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं के लिए निषेध है। ऐसे में अगर आप मधुमेह के मरीज हैं तो आपको रमजान के दिनों में क्या-क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं-

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मधुमेह के मरीजों को क्या-क्या करना चाहिए

डॉक्टर से सलाह लें: अगर आप आप रोजा रखना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत है। डॉक्टर आपकी सेहत के बारे में सही से बता पाएंगे कि आप रोजे रखने के लिए कितने स्वस्थ हैं।

अपने शुगर लेवल को चेक करें: लॉकडाउन के चलते सब कुछ बंद है। ऐसी स्थिति में आपको हमेशा अपने शुगर लेवल को चेक करते रहना चाहिए। इससे आपको अपनी सेहत के बारे में सही जानकारी प्राप्त होगी। 

स्वस्थ और संतुलित आहार लें: रमजान के दिनों में अपने भोजन पर विशेष ध्यान दें। खासकर खाने में चीनी कम लें, गेहूं और अन्य अनाजों की रोटी खाएं, बीन्स और दाल अपने डाइट में जरूर लें। अपने डाइट में फलों और सब्जियों को अधिक से अधिक जोड़ें। शरीर को हायड्रेड रखने के लिए पानी अधिक पीएं। 

मधुमेह के मरीजों को रमजान के महीने में क्या-क्या नहीं करना चाहिए

भूखे पेट दवा न लें: किसी भी परिस्थिति में भूखे पेट मधुमेह की दवा न लें। इससे हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा बढ़ सकता है, जिससे आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। 

उपवास न रखें: अगर आप उपवास करते हैं तो इससे ब्लड शुगर 70 mg/dL से नीचे चला जाता है अथवा 300 mg/dL से ऊपर चला जाता है। दोनों ही परिस्थिति में यह आपके लिए हानिकारक है। ऐसे में आपको उपवास करने से बचना चाहिए। 

चीनी से निर्मित चीज़ों का कम सेवन करें: अगर आप ऐसा सोचते हैं कि सहरी में पेट भर खाने से इफ्तार तक आपको भूख-प्यास नहीं लगेगी तो आप गलत सोच रहे हैं।  ज्यादा खाना न खाएं। उन चीज़ों से दूरी बनाएं, जिनमें चीनी का अधिकता हो, ज्यादा तला- भुना हो।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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