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गलत खानपान और एक्सरसाइज की कमी के अलावा दवाएं भी बढ़ा सकती हैं वज़न, जानें कैसे

आजकल मोटापे की वज़ह से ज्य़ादातर लोग परेशान हैं। आमतौर पर इसे खानपान की गलत आदतों और एक्सरसाइज़ न करने से जोड़कर देखा जाता हैपर कई बार दवाओं के नियमित सेवन से भी ऐसा होता है।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 08:02 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 08:02 AM (IST)
गलत खानपान और एक्सरसाइज की कमी के अलावा दवाएं भी बढ़ा सकती हैं वज़न, जानें कैसे
गलत खानपान और एक्सरसाइज की कमी के अलावा दवाएं भी बढ़ा सकती हैं वज़न, जानें कैसे

आपने अपने आसपास कुछ ऐसे लोगों को ज़रूर देखा होगा, जो लंबी बीमारी के इलाज के बाद अचानक बहुत ज्य़ादा मोटे हो जाते हैं। यह देखकर आमतौर पर लोग यही सोचते हैं कि बीमारी के बाद ज्य़ादा आराम करने या पौष्टिक खानपान की वजह से ऐसे लोगों का वज़न बढ़ जाता है, पर यह ज़रूरी नहीं है कि वज़न बढ़ाने के लिए केवल खानपान ही जि़म्मेदार हो। कई बार उपचार के दौरान दी जाने वाली दवाओं की वजह से भी ऐसी समस्या हो सकती है।

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एंटीबायोटिक्स

इन्फेक्शन से छुटकारा पाने के लिए अकसर लोग एंटीबायोटिक्स का सहारा लेते हैं। इससे यह समस्या आसानी से दूर हो जाती है, पर सर्दी-ज़ुकाम जैसी छोटी-छोटी परेशानियों के लिए हमेशा ऐसी दवाओं के सेवन करने वालों को ओबेसिटी हो सकती है।

गर्भनिरोधक गोलियां

परिवार नियोजन के लिए अधिकतर स्त्रियां कंट्रासेप्टिव पिल्स यानी गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं। आमतौर पर इन्हें सुरक्षित साधन माना जाता है लेकिन हाल ही में  ‍ वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन से यह पता चला है कि कुछ गर्भनिरोधक गोलियों के कारण स्त्रियों का वज़न बढ़ता है क्योंकि ऐसी दवाओं में मौज़ूद प्रोजेस्टेरॉन और एस्ट्रोजन हॉर्मोन के साइड इफेक्ट की वजह से शरीर में फ्लूइड रिटेंशन यानी पानी की मात्रा बढऩे की समस्या होती है, जिससे उनका वज़न बढ़ जाता है। इससे स्त्री की कमर, थाइज़ और बस्ट एरिया पर मोटापे का असर सबसे ज्य़ादा दिखाई देता है, पर यह ज़रूरी नहीं कि सभी गर्भनिरोधक दवाओं के साथ ऐसा हो। अगर ऐसी किसी दवा के सेवन के दौरान आपको अपना वज़न बढ़ता हुआ महसूस हो तो अपनी डॉक्टर की सलाह पर दवा बदल लेनी चाहिए।

मल्टी विटमिन टैब्लेट्स

जो लोग बिना डॉक्टर की सलाह लिए अपने मन से मल्टी विटमिन की गोलियों का लंबे समय तक सेवन करते हैं, उन्हें भी ओबेसिटी की समस्या हो सकती है। दरअसल ऐसी दवाएं शरीर में मेटाबॉलिज़्म की प्रक्रिया को सक्रिय कर देती हैं, जिससे लोगों को ज्य़ादा भूख लगती है और उनका वज़न तेज़ी से बढऩे लगता है।   

हाई ब्लडप्रेशर की दवाएं

हाई ब्ल्डप्रेशर एक ऐसी गंभीर समस्या है, जो आगे चलकर हृदय रोग का भी कारण बन सकती है। इसलिए इससे बचाव के लिए दवाओं का नियमित सेवन ज़रूरी हो जाता है। इस समस्या से बचाव के लिए जिन दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है, उनकी वजह से भी लोगों का वज़न बढ़ता है क्योंकि ये दवाएं कैलोरीज़ बर्न करने की प्रक्रिया धीमी करने के साथ शरीर में वॉटर रिटेंशन की समस्या भी बढ़ा देती हैं। जिससे यूरिन के ज़रिये शरीर से अतिरिक्त पानी बाहर नहीं निकल पाता और व्यक्ति का वज़न बढऩे लगता है। 

डायबिटीज़

इंसुलिन भी व्यक्ति का वज़न बढ़ा सकता है। टाइप-2 डायबिटीज के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं भी वज़न बढ़ा सकती हैं। ऐसी दवाओं के सेवन से साल भर में व्यक्ति का वज़न 4-5 किलो तक बढ़ सकता है। इसलिए डायबिटीज़ के मरीज़ों को संतुलित खानपान के साथ नियमित एक्सरसाइज़ भी करनी चाहिए, ताकि उन्हें ओबेसिटी की समस्या न हो।

अगर इन छोटी-छोटी बातों के प्रति सजगता बरती जाए तो दवाओं की वज़ह से होने वाली आबेसिटी से बचाव संभव है।

विनीता

डॉ. शैलेश सहाय, सीनियर कंसल्टेंट,  इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट मैक्स हॉस्पिटल गुडग़ांव से बातचीत पर आधारित 

Pic credit- https://www.freepik.com/free-photo/old-lady-prepare-eat-daily-medicine-pill_5192597.htm#page=2&query=eat+medicine&position=42


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