Zika Virus Cure: ज़ीका वायरस के संक्रमित हो जाएं, तो कैसे होता है इलाज?
Zika Virus Cure इसके लक्षणों में तेज़ बुखार सिर दर्द रैशेज़ लाल चकत्ते आंख लाल होना और जोड़ों में दर्द शामिल हैं। वहीं ये लक्षण दिखने में भी 3-12 दिनों तक का समय लग जाता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Zika Virus Cure: ज़ीका वायरस संक्रमण का इलाज जानने से पहले इसके फैलने के कारण और लक्षण जानना ज़रूरी है। ज़ीका वायरस संक्रमण मुख्य रूप से एडीज़ जीन से संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है। इसके साथ ही ज़ीका वायरस से संक्रमित गर्भवती महिला से उसके नवजात बच्चे में, वायरस से संक्रमित शख्स के साथ शारीरिक संबंध बनाने और ब्लड ट्रांसफ्यूजन से भी फैलता है। इसके लक्षणों में तेज़ बुखार, सिर दर्द, रैशेज़, लाल चकत्ते, आंख लाल होना और जोड़ों में दर्द शामिल हैं। वहीं ये लक्षण दिखने में भी 3-12 दिनों तक का समय लग जाता है।
डॉ. मृदुला सिन्हा ने बताया कि ज़ीका वायरस से कैसे बचें
1. गर्भवती महिला को उन स्थानों पर जाने से बचना चाहिए जो ज़ीका वायरस से प्रभावित हैं। इसमें रोग नियंत्रण और बचाव केंद्र भी शामिल हैं।
2. अगर कोई गर्भवती महिला ऐसे किसी स्थान पर गई भी है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए।
3. अगर कोई पुरुष या महिला ऐसे स्थान पर रहते हैं, जहां ज़ीका वायरस का संक्रमण फैला हुआ है, तो उन्हें शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए। खासतौर पर ऐसे पुरुषों को गर्भवती महिला से शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। अगर शारीरिक संबंध बनाते भी हैं, तो कंडोम का ज़रूर इस्तेमाल करें।
4. ज़ीका वायरस से प्रभावित किसी इलाके में जाते समय ज़रूरी सावधानी बरतें।
वातावरण से संबंधित उपाय
1. आप जहां रहते हैं, उस स्थान ही साफ सफाई रखें।
2. कहीं भी कूड़ा करकट या पानी एकत्रित न होने दें ताकि मच्छर ना पनप सकें।
3. सुबह-शाम घर के खिड़की दरवाज़े बंद रखने चाहिए, ताकि मच्छर घर में प्रवेश न कर सकें। ऐसा इसलिए क्योंकि सुबह और शाम ही मच्छर सबसे अधिक सक्रिय होते हैं।
4. बाहर निकलते वक्त हाथ और पैरों को ढंककर रखें, ताकि मच्छर काट न सकें। मच्छरों से बचने के लिए बाज़ार में उपलब्ध प्रोडक्ट्स की सहायता भी ली जा सकती है। जैसे क्रीम, रिफिल आदि।
5. इसके साथ ही जहां मच्छर पनपते हैं, वहां जाने से भी बचें।
रक्तदान करते वक्त सावधानी बरतना
ज़ीका वायरस रक्तदान करने से भी हो सकता है। इसलिए रक्तदान करते वक्त इस बात का ध्यान रखें। रक्तदान के समय इस बात ध्यान भी रखा जाता है कि संबंधित इलाके में ज़ीका वायरस का प्रकोप तो नहीं है। इसके साथ ही इन चार स्थितियों में रक्तदान को कम से कम चार सप्ताह तक के लिए टाला भी जा सकता है।
कैसे कर सकते हैं बचाव
1. लक्षणों को हलके में ना लें। हो सके तो वक्त रहते डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर आपके द्वारा की गई किसी स्थान की यात्रा सहित जो भी सवाल पूछें, उनका बिल्कुल सही जवाब दें।
2. गर्भवती महिला अगर ज़ीका वायरस से संबंधित किसी स्थान पर गई है, तो उसे तुरंत अपनी जांच करानी चाहिए।
3. अगर जांच में ज़ीका वायरस की पुष्टि होती है तो पूरा इलाज कराएं। किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें।
ज़ीका वायरस का उपचार
डॉ. मृदुला का कहना है कि वर्तमान में ज़ीका वायरस से बचाव के लिए कोई सटीक दवा उपलब्ध नहीं है। मरीज़ को दर्द और बुखार से आराम देने के लिए पैरासिटामॉल (एसिटामिनोफेन) और आईबुप्रोफेन जैसी दवाएं दी जाती हैं।