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Moderna Coronavirus Vaccine: शुरुआती परीक्षण में सफल हुई 'मॉडर्ना कोरोना वायरस' वैक्सीन, जानें 5 खास बातें

Moderna Coronavirus Vaccine इसमें पाया गया कि ये वैक्सीन एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करता है जो लोगों को घातक वायरस संक्रमण से बचाने में मदद कर सकता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 01:54 PM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 01:54 PM (IST)
Moderna Coronavirus Vaccine: शुरुआती परीक्षण में सफल हुई 'मॉडर्ना कोरोना वायरस' वैक्सीन, जानें 5 खास बातें
Moderna Coronavirus Vaccine: शुरुआती परीक्षण में सफल हुई 'मॉडर्ना कोरोना वायरस' वैक्सीन, जानें 5 खास बातें

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Moderna Coronavirus Vaccine: दवाइयां बनाने वाली कंपनी मॉडर्ना ने सोमवार को कहा कि उनके कोरोना वायरस वैक्सीन उम्मीदवार ने उत्साहजनक परिणाम दिखाए हैं, जो COVID-19 का इलाज खोजने की वैश्विक दौड़ में एक मील का पत्थर साबित होगा। 

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मैसाचूसेट्स की बायोटेक फर्म ने कहा कि SARS-CoV-2 वायरस यानी कोरोना वायरस के खिलाफ उनकी mRNA वैक्सीन (mRNA-1273) के पहले ह्यूमन ट्रायल सफल रहा। इसमें पाया गया कि ये वैक्सीन एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करता है जो लोगों को घातक वायरस संक्रमण से बचाने में मदद कर सकता है।

मॉडर्ना, WHO के कोविड-19 वैक्सीन के टॉप-8 उम्मीदवारों में से एक हैं, जिनको यूएस एफडीए ने mRNA-1273 वैक्सीन के दूसरे फेस के ट्रायल को स्वीकृति दी है। 12 मई को एफडीए ने इस वैक्सीन को 'फास्ट-ट्रैक' माना है। ये कंपनी तीसरे चरण के परीक्षण के लिए प्रोटोकॉल को अंतिम रूप दे रही है, जिसकी जुलाई 2020 में शुरू होने की उम्मीद है।

मॉडर्ना कोविड-19 वैक्सीन की 5 ख़ास बातें 

1. mRNA-1273 वैक्सीन की दो ख़ुराक 8 वॉलंटियर्स को दी गई थी, जिनके शरीर में ठीक वैसे ही सुरक्षात्मक एंटीबॉडी का विकास हुआ जैसे कोरोना वायरस से उबर चुके लोगों के होता है। 

2. मॉडर्ना ने कहा कि 43वें दिन में बेअसर करने वाले एंटीबॉडी का स्तर आमतौर पर बीमारी से उबर रहे लोगों में देखा जाता है। ऐसे स्तर उन लोगों के ख़ून के नमूनों में पाए गए जो कोरोना वायरस संक्रमण से उबरे हैं। 

3. कंपनी के अनुसार, ये वैक्सीन शुरुआती परीक्षण में सहनशील होने के साथ सुरक्षित भी है।  

4. चूहे पर परिक्षण के दौरान mRNA-1273 वैक्सीन ने फेफड़ों में वायरल प्रतिकृति के खिलाफ पूरी तरह सुरक्षा की। 

5. जुलाई में इस वैक्सीन का तीसरा ट्रायल शुरू किया जाएगा, जिसमें ख़ुराक 25 µg और 100 µg के बीच हो सकती है।

मॉडर्ना ने कहा कि यह अपनी वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए निवेश कर रहा है ताकि वे खुराक की संख्या को बढ़ा सकें जो लोगों को कोरोना वायरस से बचाने में मदद करेगा। इस वक्त, नए कोरोना वायरस का कोई विशेष इलाज नहीं है। वहीं, एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस ख़तरनाक बीमारी के खिलाफ वैक्सीन अगले साल से पहले उपलब्ध नहीं होगा।


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