इंटरमिटेंट फॉस्टिंग है वजन कम करने का नया तरीका, जानें इसके फायदे
इंटरमिटेंट फॉस्टिंग में कोई विशेष डाइट नहीं होती बल्कि एक खास तरह का ईटिंग पैटर्न होता है। इसके आप हफ्ते में कई बार अपना सकते हैं। जिससे वजन आसानी से हो जाएगा कम।
वजन घटाने के लिए हम क्या-क्या जतन नहीं करते। सुबह उठकर गर्म पानी में नींबू-शहद और अदरक से लेकर दिन भर कैलरी काउंटिंग की उधेड़बुन में फंसे रहते हैं लेकिन इन दिनों हेल्थ कॉन्शियस लोग इंटरमिटेंट फॉस्टिंग पर जोर दे रहे हैं। वजन कम करने के लिए यह एक अच्छा तरीका माना जा रहा है। इस फॉस्टिंग की खासियत है वजन घटाते समय इसमें कमजोरी भी महसूस नहीं होती। इसे सामान्य भाषा में कहें तो यह फास्ट करने का एक तरीका है। इसमें खाने का एक समय निश्चित होता है, जिसे आप अपने डाइट चार्ट के हिसाब से फॉलो करते हैं। कुछ ही हफ्तों में फर्क नजर आने लगता है।
क्या है 16:8 डाइट
इंटरमिटेंट फॉस्टिंग या कहें कि 16:8 डाइट, आज के समय में आप कम समय में ज्यादा वजन कम कर सकती हैं।इसमें ज्यादातर समय फॉस्टिंग करने और सिर्फ 8 घंटे खाने के लिए होते हैं, जिसमें आप ओवर इटिंग करने के बजाय कम ही खाते हैं, जिसमें आपकी बॉडी में बैलेस बना रहता है और फैट कम जमा होता है। इसे डाइट प्लैन बनाकर आसानी से फॉलो किया जा सकता है। सुबह चाय की जगह ग्रीन कॉफी या कॉफी से शुरूआत करें। वजन कम करने में कॉफी मदद करती है। कॉफी में कम कैोरी के साथ मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने की क्षमता होती है। शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए नारियल पानी पिएं। खाने में कम कैलोरी वाले फूड को शामिल करें। उबले हुए खाद्य पदार्थ को डाइट में शामिल करा न भूलें।
व्यायाम भी है जरूरी
कुछ लोगों का मानना होता है कि इस फॉस्टिंग के दौरान एक्सरसाइज की जरूरत नहीं पड़ती लेकिन जब आप वजन कम करने के लिए डाइट कंट्रोल कर रहे होते हैं, उसी समय एक्सरसाइज करने से आप तेजी से वजन कम करते हैं इसलिए फॉस्टिंग के समय वर्कआउट करना जरूरी है। आधे घंटे के लिए लाइट एक्सरसाइज करें।
डॉ परमीत कौर ( सीनियर डाइटीशियन, नारायणा हॉस्पिटल)