Move to Jagran APP

ये देश था कभी मच्छर मुक्त, 1970 के बाद इस वजह से फैलने लगी मच्छरजनित बीमारियां!

अगर आप WHO के आकड़ों को देखें तो पिछले पचास सालों में डेंगू की बीमारी तीस गुना तक बढ़ गई है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Tue, 06 Aug 2019 11:24 AM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 04:15 PM (IST)
ये देश था कभी मच्छर मुक्त, 1970 के बाद इस वजह से फैलने लगी मच्छरजनित बीमारियां!
ये देश था कभी मच्छर मुक्त, 1970 के बाद इस वजह से फैलने लगी मच्छरजनित बीमारियां!

नई दिल्ली, जेएनएन। निया के हर कोने में इन जानलेवा मच्छरों को मारने के कई तरह के नुस्खे आज़माये जाते हैं। हालांकि, इंसान की तमाम कोशिशों के बावजूद मच्छरों की वजह से होने वाली बीमारियां बड़ी तेज़ी से फैल रही हैं। एक मच्छर कई बीमारियों की जड़ होता है। वह डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और ज़ीका जैसी खतरनाक बीमारियों के वायरस को इंसानों तक पहुंचाता है। मच्छर के सिर्फ काटने से कुछ नहीं होता लेकिन अगर उसके शरीर में बीमारियों के कीटाणु मौजूद हैं तो उसके काटते ही वह आपके शरीर में घुस जाएंगे।

loksabha election banner

दु अगर आप WHO के आकड़ों को देखें तो पिछले पचास सालों में डेंगू की बीमारी तीस गुना तक बढ़ गई है।

साल 1970 तक इस बीमारी ने दुनिया के सिर्फ 9 देशों में भयंकर रूप ले लिया था। लेकिन आज डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमरीका के सौ से ज़्यादा देशों में कई बार महामारी का रूप ले लेती हैं। पिछले कुछ सालों में ज़ीका वायरस भी लैटिन अमरीकी और दूसरे देशों में फैलता दिख रहा है। 

कभी मच्छर मुक्त था ब्राजील

डेंगू और ज़ीका जैसी बीमारियां एडीज़ मच्छर के काटने से फैलती हैं। लेकिन अफसोस की बात ये है कि अब तक इन दोनों ही बीमारियों का इलाज नहीं खोजा जा सका है। यही वजह है कि पिछले कई दशकों से मच्छरों को खत्म करने के लिए तमाम नुस्खे आज़माए गए हैं। पिछली सदी में डाइक्लोरो डाइफेनाइल ट्राइक्लोरोईथेन यानी डीडीटी नाम के केमिकल का बड़े तौर पर इस्तेमाल किया गया था। इससे मच्छरों पर काबू पाने में काफी मदद मिली थी।

फिर कैसे लौट आए मच्छर?

साल 1958 में ब्राजील को इसी की मदद से एडीज़ मच्छर मुक्त देश घोषित कर दिया गया था। लेकिन इसके बाद डीडीटी के छिड़काव के नियमों में ढील दी गई। जिसका नतीजा ये हुआ कि 1970 के दशक से मच्छर दोबारा ब्राजील पहुंच गए। ये पड़ोसी देश वेनेज़ुएला से घुसे। धीरे-धीरे ये मच्छर पूरे ब्राज़ील में फैल गए। मच्छर के साथ तमाम बीमारियां भी लौट आईं। शहरीकरण की वजह से भी बीमारियों के फैलने की रफ़्तार तेज़ हो गई।

इसलिए बैन हुआ डीडीटी

इधर, वैज्ञानिकों ने दुनिया को डीडीटी के साइड इफेक्ट से आगाह करना शुरू किया। इससे बड़ी तादाद में परिंदे मर रहे थे। पता चला कि इसकी वजह से इंसानों में कैंसर भी हो रहा था। इसलिए तमाम देशों ने डीडीटी के इस्तेमाल पर 2004 में रोक लगा दी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.