हेल्दी ब्रेकफास्ट के साथ भरपूर मात्रा में लिक्विड्स लेकर सुधार सकते हैं अपना इम्यून सिस्टम
बदलते मौसम में खुद को बीमारियों से बचाएं रखने के लिए सबसे जरूरी स्टेप है लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव। तो किस तरह के बदलावों से बने रह सकते हैं लंबे समय तक हेल्दी जानें यहां।
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के अलावा हाल-फिलहाल बदलते मौसम की वजह से भी फ्लू होने की संभावनाएं काफी हद तक बढ़ गई हैं। ऐसे में बॉडी को बीमारी से बचाए रखने के लिए आपका इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग होना बहुत ही जरूरी है। जिसे बनाने और बरकरार रखने के लिए अच्छी और बैलेंस डाइट के साथ लाइफस्टाइल में भी कुछ जरूरी बदलाव करने होेंगे।
डाइट जो बढ़ाएंगे इम्यूनिटी और रखेंगे इंफेक्शन से दूर
संतरा
संतरा, नींबू, आंवला मौसमी जैसे खट्टे फलों को अपने आहार का नियमित हिस्सा बनाएं।
बादाम
रोजाना आठ-दस बादाम भिगोकर सुबह-सुबह खाएं। सब्जियों और फलों के सेवन के साथ खूब सारा पानी पीएं।
टमाटर
टमाटर में विटामिन के, विटामिन सी और फाइबर की बहुतायत होती है, इससे इम्यूनिटी मजबूत होती है।
मशरूम
मशरूम में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूर करने वाले तत्व की प्रचुरता होती है। अंकुरित अनाज का भी सेवन करें।
लहसुन
रोजाना सुबह लहसुन की दो कलियों के सेवन से बल्ड प्रेशर नियंत्रित रहता है और इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है।
लाइफस्टाइल में करें ये जरूरी बदलाव
1. बहुत ही जरूरी है कि खुद को बेवजह की टेंशन और परेशानियों से दूर रखना और साथ ही 7-8 घंटे की नींद लेना।
2. लाइफस्टाइल में एक्सरसाइज, योग के साथ मेडिटेशन और टहलना जरूर शामिल करें।
3. वातावरण साफ-सुथरा रखने के अलावा अपनी शारीरिक स्वच्छता का खास ख्याल रखें।
4. रोजाना थोड़ी देर धूप में बैठें जिससे सामना सूर्य की अल्ट्रा वायरलेट किरणों से हो।
5. तुलसी और करी पत्ते की आठ दस पत्तियां चढ़ाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है।
सुबह का नाश्ता है सबसे जरूरी मील
अगर आप इम्यूनिटी को बूस्ट करना चाह रहे हैं तो भले ही दोपहर और रात का खाना स्किप कर दें लेकिन सुबह का ब्रेकफास्ट जरूर करें। नाश्ता प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होना चाहिए। जिसमें उबले अंडे, मौसमी ताजे फल, दलिया, नट्स, अंकुरित अनाज के साथ जूस या लस्सी को शामिल करें। जब आपके दिन की शुरूआत सही नाश्ते से होती है, तो इससे आपके शरीर और दिमाग दोनों को पोषण मिलने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
डॉ अर्चना सिन्हा (पोषण विशेषज्ञ, संजय गांधी पीजीआई, लखनऊ) से बातचीत पर आधारित