बच्चों के लिए खाना बनाते समय स्वाद नहीं सेहत का रखें ख्याल, ऐसे करें नमक और चीनी की मात्रा कंट्रोल
शिशु की अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी है कि उसे ठोस आहार देते समय आप उसके भोजन में नमक और चीनी की मात्रा को लेकर विशेष रूप से सजग रहें।
जब शिशु छह माह का हो जाता है तो दूध के अलावा उसे कुछ ठोस आहार भी देने की जरूरत होती है। हर मां चाहती है कि वह अपने बच्चे को स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक आहार दे, लेकिन बच्चों के लिए खाना बनाते समय अक्सर माएं सबसे जरूरी बात भूल जाती हैं। वह है चीनी और नमक का सही मात्रा में इस्तेमाल।
अभी जरूरी नहीं है नमक
अकसर स्त्रियां यह सोचती हैं कि खाने में भरपूर स्वाद के बिना बच्चे को खाना पसंद नहीं आएगा, पर यह उनकी गलतफहमी है। लगभग 15 महीने की उम्र तक बच्चों की जीभ पर टेस्ट बड्स पूरी तरह विकसित नहीं होती। ऐसे में उन्हें स्वाद की पहचान नहीं होती। इसलिए यह सोचकर चिंतित होना छोड़ दें कि आप अपने बच्चे को फीका और बेस्वाद खाना दे रही हैं। अगर आप छोटे बच्चे को खाने में अपने स्वाद के अनुसार नमक डालेंगी तो यह उसकी सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह साबित होगा। हमारे शरीर में किडनी नमक में मौजूद अतिरिक्त सोडियम, पोटैशियम और फॉस्फोरस को अलग करके उत्सर्जन क्रिया द्वारा शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है। लेकिन बच्चे की किडनी इस उम्र में विकसित नहीं होती इसलिए यह अतिरिक्त नमक उसकी किडनी और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है। खाने की सभी चीज़ों जैसे- सब्जियों, फलों और मां के दूध में भी प्राकृतिक रूप से जितना नमक मौजूद होता है, वह बच्चे के लिए पर्याप्त होता है और उसके खाने में अतिरिक्त रूप से नमक मिलाने की जरूरत नहीं होती।
चीनी कम है
बच्चों की अच्छी सेहत के लिए यह बहुत जरूरी है कि उन्हें कम से कम एक साल की उम्र तक चीनी से दूर रखा जाए। छोटी उम्र से ही बहुत ज्यादा मीठा खिलाने से बच्चे को ओबेसिटी की समस्या हो सकती है। इसके अलावा आगे चलकर उसके दांतों में कैविटी की समस्या हो सकती है। लगभग सभी फलों जैसे- केला, पपीता और सेब आदि में पर्याप्त मात्रा में चीनी मौजूद होती है। इसके अलावा बच्चों के लिए बिकने वाले डिब्बाबंद बेबी फूड में पहले से चीनी मौजूद होती है। पैकेट बंद जूस में भी पहले से शुगर सिरप मिला होता है। इसलिए बच्चों को ऐसा जूस देते समय उसमें लगभग आधा पानी मिला दें। इससे बच्चों को नुकसान नहीं होगा। वैसे बेहतर तो यही होगा कि आप बच्चे को घर का ताजा जूस बिना चीनी-नमक के पिलाएं।
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