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कोरोना ने हर्बल के बाजार को चमकाया, जानिए-किन प्रोडक्ट्स की है डिमांड

अब इम्यूनिटी बूस्टिंग के लिए लोग सदियों पुरानी भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद की ओर लौट रहे हैं। कोरोना संकट के बाद दुनिया भर में औषधीय जड़ी-बूटियों की धूम मच गई है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 04:56 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 04:56 PM (IST)
कोरोना ने हर्बल के बाजार को चमकाया, जानिए-किन प्रोडक्ट्स की है डिमांड
कोरोना ने हर्बल के बाजार को चमकाया, जानिए-किन प्रोडक्ट्स की है डिमांड

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना के खौफ के बीच अगर किसी चीज की सबसे ज्यादा चर्चा है तो वह है इम्यूनिटी बूस्टर की। यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता का शरीर के अंदर ही विकसित हो जाना। हम सब जानते हैं कि अब तक कोरोना की दवा या वैक्सीन नहीं आई है, इसलिए बचाव ही बीमारी का इलाज है। इसी के तहत पूरी दुनिया में इम्यूनिटी बूस्ट करने की चर्चा जोरों पर है, ताकि कोरोना वायरस शरीर में प्रवेश ही न करे और यदि करे भी तो जल्द ही शरीर अंदरूनी इम्यूनिटी के दम पर इन्हें खत्म कर दे।

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अब इस इम्यूनिटी बूस्टिंग के लिए लोग सदियों पुरानी भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद की ओर लौट रहे हैं। कोरोना संकट के बाद दुनिया भर में औषधीय जड़ी-बूटियों की धूम मच गई है। ग्रीन टी, एलोवेरा, गिलॉय, हल्दी, दालचीनी, अदरक जैसी औषधीय जड़ी-बूटियों के प्रति लोगों की दीवानगी इन दिनों सातवें आसमान पर पहुंच गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार इन जड़ी-बूटियों का सेवन करने की सलाह दे चुके हैं। इसके अलावा अपने सोशल मीडिया अकाउंट से वे बार-बार आयुष मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित जड़ी-बूटियों से निर्मित काढ़ा पीने की सलाह भी दे रहे हैं, ताकि इम्यूनिटी को बूस्ट किया जा सके। यही कारण है कि जब से कोरोना आया है, दुनियाभर में जड़ी-बूटियों का कारोबार सातवें आसमान पर पहुंच गया है।

15 अरब डॉलर का कारोबार

आंकड़ों के मुताबिक 2019 से 2024 के बीच 7.79 प्रतिशत की दर से हर्बल कारोबार बढ़ने की उम्मीद है। यानी 2024 तक औषधीय जड़ी-बूटियों का कारोबार 15.09 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। यह अनुमान कोरोना काल से पहले का है। आने वाले समय में यह कारोबार 30 अरब डॉलर तक भी पहुंच जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी, क्योंकि जिस रफ्तार से देश में इन उत्पादों की बिक्री बढ़ी है और विदेश में इन उत्पादों की जो मांग आ रही है, उससे यही लगता है कि यह कारोबार वर्तमान दर से कहीं आगे तक जाएगा। भारत के लिए भी यह अच्छी खबर है, क्योंकि दुनियाभर में हर्बल प्रोडक्ट्स का ज्यादातर हिस्सा भारत और चीन से जाता है। पूरे विश्व के हर्बल बाजार में भारत औऱ चीन की हिस्सेदारी 39 प्रतिशत है।

गूगल पर हर्बल प्रोडक्ट्स की सर्च रेट में 500 गुना वृद्धि

गूगल रिपोर्ट के मुताबिक, मई में भारत में इम्यूनिटी शब्द सर्च करने में 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी प्रकार विटामिन सी शब्द को सर्च करने में 2019 में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, लेकिन जून के दौरान इसमें 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसी तरह गिलोय 380 प्रतिशत और काढ़ा जैसी होम रिमेडीज के सर्च में 90 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

तीन गुना बढ़ी इम्यूनिटी बूस्टिंग दवा की बिक्री

एक हर्बल कंपनी के सीईओ अंशु बुद्धिराजा ने बताया कि इम्यूनिटी से संबंधित जो दवाइयां पहले से उपलब्ध थीं, उनकी बिक्री में तीन गुना की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि जिस तरह पहले से ही इसकी बिक्री बढ़ी है, उसमें हमें इम्यूनिटी और हाईजीन से संबंधित दवाइयां के उत्पादन में चार गुना वृद्धि करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इम्यूनिटी और हाईजीन से संबंधित उत्पादों की बिक्री का हिस्सा कुल सभी बिक्री का 56 से 60 प्रतिशत तक है। हर्बल कारोबार में इस तेजी की वजह से कई बड़ी कंपनियां हर्बल कंपनी में निवेश करने लगी है।

कई हर्बल प्रोडक्ट्स अब टैबलेट या कैप्सूल में

कोरोना के बाद पहले से मौजूद कई हर्बल प्रोडक्ट्स अब कैप्सूल या टैबलेट में आने लगे हैं, क्योंकि तरल अवस्था में इसे पीने में कई लोगों को बहुत परेशानी होती है, क्योंकि इसका स्वाद बहुत कड़वा होता है। गिलोय जिसे इम्यूनिटी बूस्टर के लिए अचूक माना जाता है, पहले इसका जूस आता था, लेकिन आजकल इसकी टैबलेट भी आने लगी है। इसी तरह मूलैठी, सतरीठा के भी कैप्सूल आने लगे हैं। अश्वगंधा पहले पाउडर में आता था, लेकिन आज यह कैप्सूल में आने लगा है। इसी तरह तुलसी, वसाका, सुरासा, अश्वगंधा इत्यादि कैप्सूल में उपलब्ध हैं। यानी ज्यादातर हर्बल प्रोडक्ट लोगों की पसंद के हिसाब अलग-अलग रूपों में बाजार में उपलब्ध है।

अब हल्दी आइसक्रीम भी उपलब्ध

कई अन्य चीजों जैसे आइसक्रीम, कॉफी, दूध इत्यादि में भी अब इन चीजों को इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर मिलाया जाने लगा है, जैसे आइसक्रीम में अब हल्दी मिलने लगी है। मदर डेयरी ने डे प्लस हल्दी आइसक्रीम लॉन्च की है। इसी तरह कई डेयरी प्रोडक्ट में इम्यूनिटी बूस्टर हर्बल प्रोडक्ट को मिलाया जा रहा है। कुछ कंपनियां इम्यूनिटी बूस्टर के लिए खास तरह के कॉम्बो मील का ऑफर कर रही है। इसमें ब्रोकोलाइ, पालक, शिमला मिर्च, लहसुन, अदरक, डार्क चॉकलेट, कागजी नींबू, अजवाइन, दालचीनी इत्यादि मिला के दे रहे हैं। इसी तरह इम्यूनिटी बूस्टर के लिए तुलसी, मुलैठी, अमलतास, उनाब, सपलस्तान, आमला, गिलोय, नीम इत्यादि मिश्रित काढ़े का कॉम्बो ऑफर दिया जा रहा है।

डॉक्टर भी दे रहे हैं सलाह

एक समय था, जब एलोपैथिक डॉक्टर जड़ी-बूटियों से निर्मित दवा को संकीर्ण दृष्टि से देखते थे, लेकिन आज वे भी इन हर्बल उत्पादों को लेने की सलाह दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा है कि प्रीवेंशन इज बेटर दैन क्योर यानी इलाज से ज्यादा अच्छा बचाव है। इसके बाद से देश विदेश के डॉक्टर हर्बल प्रोडक्ट्स को लेने की सलाह दे रहे हैं, ताकि इम्यूनिटी बूस्ट हो और लोगों में कोरोना से लड़ने की क्षमता स्वयं विकसित हो जाए। 

                   Story By Shahina Noor


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