कोरोना संक्रमण से इस तरह बचाएगी IIT कानपुर की कीटाणुनाशक सुरंग
अल्ट्रासोनिक सेंसर्स और माइक्रो कंट्रोलर्स की मदद से इस टनल को ऑपरेट किया जाता है। इस टनल में 2 चेंबर हैं जिनमें 3 अलग-अलग लेवल पर कीटाणुओं का नाश किया जाता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस तेजी से फैलता जा रहा है। देश और दुनिया के पास इससे बचाव के सीमित उपाय हैं, इसलिए सरकारों ने सोशल डिस्टैंसिंग का सहारा लिया है। देश में स्कूलों के छात्रों से लेकर देश के बड़े-बड़े वैज्ञानिक इस बीमारी से बचाव के उपाय खोजने में लगे हैं। वे नए-नए उपकरण बनाने में जुटे हैं, ताकि इससे बचा जा सके।
आईआईटी कानुपर के टेक्नोपार्क की एक टीम ने एक एडवांस्ड डिसइंफेक्टैंट टनल (Advanced Disinfectant Tunnel) तैयार की है। ये सुरंग आईआईटी कानपुर के टेक्नोपार्क ने आर्टिफिशल लिम्ब्स मैनुफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (ALIMCO) के साथ मिलकर बनाई है।
रोगाणुरहित इस सुरंग को इंसान नियंत्रित नहीं करते, बल्कि अल्ट्रासोनिक सेंसर्स और माइक्रोकंट्रोलर्स की मदद से इस टनल को ऑपरेट किया जाता है। इस टनल में 2 चेंबर हैं, जिनमें 3 अलग-अलग लेवल पर कीटाणुओं का नाश किया जाता है। जब कोई व्यक्ति टनल के पहले चेंबर में प्रवेश करता है तो आयोनाइज्ड लिक्विड डिसइंफेक्टेंट स्प्रे उस व्यक्ति के ऊपर होता है। रेग्युलर स्प्रे की तुलना में आयोनाइज्ड लिक्विड स्प्रे ज्यादा असरदार है, क्योंकि इस लिक्विड में एक तरह का चार्ज होता है, जो व्यक्ति की त्वचा पर मजबूती से फैल जाता है।
दूसरे चेंबर में प्रवेश करते ही व्यक्ति को करीब 70 डिग्री सेंटिग्रेड की गर्म हवा के ब्लास्ट का अनुभव होता है। यहां पर इस बात को सुनिश्चित किया जाता है कि अगर कुछ बैक्टीरिया पहले वाले डिसइंफेक्टेंट चेंबर में जीवित बच गए होंगे तो यहां वे हीट से मर जाएंगे। इसके बाद दूसरे चेंबर में दूसरी प्रक्रिया के तहत यूवीसी लाइट का एक्सपोजर दिया जाता है, जिसकी वेबलेंथ 207 से 222 नैनोमीटर (एनएम) के बीच की है। यह लाइट वायरस को मारने के लिए काफी है और साथ ही यह इंसान की आंखों और त्वचा के लिए भी सुरक्षित है।
Written By Shahina Noor