Coronavirus vaccine: क्या नौजवां और उम्रदराज़ लोगों में दिखते हैं वैक्सीन के अलग-अलग साइड-इफेक्ट्स?
Coronavirus Vaccine टीके के साइड-इफेक्ट्स जिन्हें आमतौर पर भड़काऊ प्रतिक्रियाएं कहा जाता है लिंग उम्र और वैक्सीन के प्रकार के आधार पर भी अलग-अलग हो सकते हैं। उदाहरण के तौर पर नौजवां लोगों में उम्रदराज़ लोगों की तुलना उच्च तीव्रता वाले साइड-इफेक्ट्स का अनुभव हो सकता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus vaccine: कोरोना वायरस वैक्सीन के बाद होने वाले साइड-इफेक्ट्स आम बात है और इसे लेकर चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती। ऐसा देखा गया है कि वैक्सीन लगने के बाद अलग-अलग लोगों में अलग-अलग तरह के साइड-इफेक्ट्स होते हैं। कुछ लोगों को बुख़ार, कपकपाहट, बदन दर्द जैसे अनुभव होते हैं, वही कुछ लोगों को एक भी साइड-इफेक्ट का अनुभव नहीं होता।
हर व्यक्ति में वैक्सीन के साइ-इफेक्ट्स अलग क्यों होते हैं?
टीके के साइड-इफेक्ट्स, जिन्हें आमतौर पर भड़काऊ प्रतिक्रियाएं कहा जाता है, लिंग, उम्र और वैक्सीन के प्रकार के आधार पर भी अलग-अलग हो सकते हैं। उदाहरण के तौर पर नौजवां लोगों में उम्रदराज़ लोगों की तुलना उच्च तीव्रता वाले साइड-इफेक्ट्स का अनुभव हो सकता है।
शोधकर्ता रिसर्च में आमतौर पर देख रहे हैं कि वैक्सीन के बाद के दुष्प्रभाव सभी आयु समूहों में अलग हैं। यहां तक कि 45 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में साइड-इफेक्ट्स की अधिक संभावना है। ब्रिटेन के एक प्रमुख विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में किए गए परीक्षणों के आधार पर, पाया गया कि mRNA और पारंपरिक प्रौद्योगिकी टीकों के प्रभाव अलगअलग आयु वर्गों अलग तरह से दिखते हैं।
उम्रदराज़ लोगों में वैक्सीन के आम साइड-इफेक्ट्स
ऐसा कहा जाता है कि जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, उसके साथ हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर होती जाती है, इसलिए, उम्र बढ़ने पर प्रतिरक्षा प्रणाली उतनी मेहनत नहीं कर पाती है, जितनी कम उम्र के समय करती थी। इसलिए जब एक वैक्सीन का शॉट लगाया जाता है, तो प्रतिरक्षा कोशिकाएं प्रतिक्रिया करने के लिए दौड़ती हैं। बुज़ुर्गों में इसकी प्रतिक्रिया धीमी दिखेगी, वहीं जवान लोगों में तीव्र साइड-इफेक्ट्स दिख सकते हैं।
रिसर्च में देखा गया कि बुज़ुर्गों में वैक्सीन लगने के बाद इंजेक्शन लगने वाली जगह पर दर्द, त्वता का लाल होना, सूजन, शरीर में दर्द और थकान जैसे लक्षण दिखते हैं। वैक्सीन के बाद बुख़ार आने जैसा आम लक्षण बेहद कम मामलों में देखा गया। यह रिसर्च उन लोगों में की गई थी जिन्होंने फाइज़र और मॉडर्ना जैसे mRNA वैक्सीन्स चुनी थीं।
जवान लोगों में देखे जाते हैं ऐसे साइड-इफेक्ट्स
जब हम युवा होते हैं तो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता अपने चरम पर होती है- एक तरह से यह कम उम्र के लोगों, यानी 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों को कई तरह के रोगों और ख़राब स्वास्थ्य की चपेट में आने की संभावना से बचाती है।
हालांकि, जैसा कि वैक्सीन के मामले में है, एक 'स्वस्थ' और प्रमुख कार्यशील प्रतिरक्षा प्रणाली उनमें अधिक तीव्र साइड-इफेक्ट्स को उजागर कर सकती है, जो 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के किसी व्यक्ति की तुलना में कहीं ज़्यादा परेशान और थका देने वाला अनुभव हो सकता है। ऐसा देखा गया है कि युवा जब वैक्सीन लगवा रहे हैं, तो उनमें थकावट, बुख़ार, ठंड लगना, जोड़ों में दर्द, बदन दर्द जैसे कठोर साइड-इफेक्ट्स दिखते हैं।
युवाओं में खासतौर पर महिलाओं को वैक्सीन लगने के बाद कुछ 'असामान्य' लक्षण का अनुभव भी हुआ है, जिनमें मतली, पेट में दर्द, ऐंठन और मासिक धर्म चक्र में अस्थायी परिवर्तन शामिल है। इसके अलावा, तेज़ दिल की धड़कनें, कमज़ोरी, बदन दर्द, भी युवाओं में आम लक्षण हैं।
हालांकि, एक बात याद रखनी ज़रूरी है कि ऐसा हो सकता है कि वैक्सीन लगने के बाद आपको एक भी या बेहद हल्के साइड-इफेक्ट्स महसूस हों, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वैक्सीन असरदार नहीं है। आपको चाहे साइड-इफेक्ट्स दिखें या नहीं वैक्सीन अपना काम करेगी।