Recovery From Malaria: मलेरिया को ठीक होने में कितना समय लगता है?
Recovery From Malaria अगर मरीज़ को अच्छी तरह संपूर्ण इलाज मिले तो मलेरिया के लक्षण जल्द ही ठीक होने लगते हैं। पूरी तरह ठीक होने में मरीज़ों को कम से कम दो हफ्ते का समय लगता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Recovery From Malaria: मलेरिया मादा एनोफिलीज़ मच्छर के काटने से होता है। इस बीमारी से पीड़ित मरीज़ को अगर वक्त पर इलाज मिल जाए तो वह समय रहते ठीक हो सकता है लेकिन अगर इलाज में देर होती है, तो ये बीमारी प्लासमोडियम फाल्सीपेरम गंभीर मलेरिया का रूप ले लेती है। इससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इसलिए जब भी मलेरिया जैसे लक्षण दिखें तो जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी डॉक्टर से संपर्क करें। मलेरिया जैसी बीमारी को सही समय पर ठीक करने के लिए वक्त का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी होता है।
अगर मरीज़ को अच्छी तरह संपूर्ण इलाज मिले तो मलेरिया के लक्षण जल्द ही ठीक होने लगते हैं। पूरी तरह ठीक होने में मरीज़ों को कम से कम दो हफ्ते का समय लगता है। समय पर इलाज ना मिले तो कई बार ये बीमारी बार-बार होने की आशंका भी बनी रहती है। ऐसा कई मामलों में देखा गया है, जब मरीज़ को पूर्ण रूप से इलाज नहीं मिल पाता या फिर वह थोड़ा स्वस्थ होने के बाद दवाई लेना छोड़ दे तो उसे दोबारा मलेरिया होने की आशंका बनी रहती है।
इसके साथ ही सही इलाज नहीं होने से प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर होने लगती है और कई अन्य तरह की छोटी-छोटी बीमारियां भी घेर लेती हैं।
जाने-माने चिकित्सा विशेषज्ञ और पद्म विभूषित डॉक्टर मोहसिन वली का कहना है कि आमतौर पर मलेरिया दो तरह से फैलता है, पहला संक्रमित मच्छर से और दूसरा संक्रमित इंसान से। ऐसे में रक्त में परजीवियों की संख्या बढ़ती रहती है, जो मांसपेशियों पर हमला करते हैं। इसके लक्षण दिखने में 10 से 12 दिनों का समय लग जाता है। इसलिए डॉक्टरों का कहना है कि मलेरिया के लक्षण जितनी जल्दी दिखाई दें, इलाज भी उतनी ही जल्दी हो जाना चाहिए। इस बीमारी में जितनी देर होती है, मरीज़ के ठीक होने की उम्मीद भी उतनी ही कम होने लगती है। बेहतर इलाज से असर दो चार दिन में ही दिखने लगता है, हालांकि पूरी तरह से ठीक होने में दो हफ्ते का वक्त तो लगता ही है।
कितनी तरह के होता है मलेरिया?
वहीं, एक ज़रूरी बात ये भी है कि मलेरिया कई तरह का होता है। ऐसे में सभी प्रकारों में अलग-अलग तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। हालांकि, मरीज़ के पूरी तरह ठीक होने का समय कम से कम दो हफ्ते ही बताया जाता है। मलेरिया कई तरह का होता है। इनमें मलेरिया का एक प्रकार प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (P. Falciparum) है। इससे पीड़ित व्यक्ति को पता ही नहीं चलता कि वो क्या बोल रहा है। उसे तेज ठंड लगती है और सिर में दर्द के साथ उल्टियां होती हैं।
दूसरा प्रकार सोडियम विवैक्स (P. Vivax) है। जो हर तीसरे दिन यानी 48 घंटे बाद अपना असर दिखाता है। ये विवैक्स परजीवी दिन में सक्रिय रहता है। इसमें सिर, कमर, पैर और हाथों में दर्द होता है। भूख नहीं लगती और कंपकपी के साथ तेज़ बुखार होता है।
तीसरा प्रकार प्लाज्मोडियम ओवेल मलेरिया (P. Ovale) है। जो बिनाइन टर्शियन मलेरिया उत्पन्न करता है। वहीं चौथा प्रकार प्लास्मोडियम मलेरिये (P. malariae) है। ये एक तरह का प्रोटोजोआ है, जो बेनाइन मलेरिया के लिए जिम्मेदार है। हालांकि ये बाकी की तरह खतरनाक नहीं होता है। इसमें मरीज को हर चौथे दिन बुखार होता है। इससे पीड़ित शख्स के शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है और सूजन भी होती है।