Move to Jagran APP

एक्सपर्ट्स से जानें डायबिटीज़ आपकी किडनीज़ को कैसे प्रभावित करती है?

डायबिटीज़ एक गंभीर समस्या है जो टाइप-1 या फिर टाइप-2 दोनों में लोगों के किडनी को प्रभावित करती है। हमारी किडनी बेहद ज़रूरी अंग है जो खून को छानने और हमारे शरीर से गंदगी को बाहर निकालने के लिए ज़िम्मेदार होती हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Sat, 18 Dec 2021 08:00 AM (IST)Updated: Sat, 18 Dec 2021 09:31 AM (IST)
एक्सपर्ट्स से जानें डायबिटीज़ आपकी किडनीज़ को कैसे प्रभावित करती है?
एक्सपर्ट्स से जानें डायबिटीज़ आपकी किडनीज़ को कैसे प्रभावित करती है?

नई दिल्ली, रूही परवेज़। डायबिटीज से पीड़ित होने पर लोगों को उन समस्याओं का भी ध्यान रखना चाहिए, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रणित न रख पाने के कारण उत्पन्न होता है। डायबिटीज़ एक गंभीर समस्या है, जो टाइप-1 या फिर टाइप-2 दोनों में लोगों के किडनी को प्रभावित करती है। हमारी किडनी बेहद ज़रूरी अंग है, जो खून को छानने और हमारे शरीर से गंदगी को बाहर निकालने के लिए ज़िम्मेदार होती हैं। डायबिटीज़ को सही तरीके से मैनेज न करने पर किडनी के इस काम में गड़बड़ी आने लगती है, जिससे किडनी के विफल होने का ख़तरा बढ़ जाता है।

loksabha election banner

तो आइए एक्सपर्ट्स से जानें कि किडनी को किन वजहों से नुकसान पहुंचता है।

किडनी को नुकसान किन कारणों से पहुंचता है?

मुंबई के मसीना हॉस्पिटल के डायबेटोलॉजिस्ट और मेटाबोलिक सुपरस्पेशलिस्ट, सलाहकार एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. अल्तमश शेख, ने बताया, "मधुमेह विश्व स्तर पर गुर्दे की बीमारी का प्रमुख कारण है। मधुमेह से पीड़ित 3 वयस्कों में से लगभग एक में गुर्दे की बीमारी पाई जाती है। इसे DKD (Diabetic Kidney Disease) मधुमेह गुर्दे की बीमारी या मधुमेह नेफ्रोपैथी के रूप में जाना जाता है। यह अनियंत्रित मधुमेह, अनियंत्रित रक्तचाप, धूम्रपान, मोटापा, ज़्यादा नमक का सेवन, आहार में लापरवाही, गुर्दे की बीमारी का पारिवारिक इतिहास जैसे कारणों से पैदा होती है।

सही डाइट, पर्याप्त पानी पीना, अच्छी नींद लेना और नियमित व्यायाम करना एक अच्छी जीवन शैली मानी जाती है, इसे हम सभी को लागू करना चाहिए। मधुमेह और गुर्दे दोनों को ठीक रखने और भविष्य की भयानक जटिलताओं को रोकने के लिए एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और नेफ्रोलॉजिस्ट से मिलना ज़रूरी होता है। गुर्दे की क्षति की जांच के लिए बार-बार इस पर ज़ोर दिया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि शुरुआत में नुकसान कम होता है और इसका इलाज किया जा सकता है। इसलिए यूरिन एल्ब्यूमिन क्रिएटिनिन रेश्यो (Uacr) कर नियमित जांच करें। डायबिटीज़ को सही तरीके से कंट्रोल करने के साथ हाइपरटेंशन और कोलेस्ट्रोल को भी कंट्रोल में रखें, सही वज़न को बनाए रखें, सही डाइट लें, अच्छी नींद लें, एक्सरसाइज़ करें, इससे मधुमेह अपवृक्कता को रोकने में मदद मिलती है।

डायबिटीज़ आपकी किडनीज़ को कैसे प्रभावित करती है?

मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल में सलाहकार एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, डॉ. स्नेहा कोठारी ने कहा, "दोनों तरह की डायबिटीज़ में किडनी को नुकसान पहुंचता है। यहां तक कि मधुमेह गुर्दे की बीमारी का प्रमुख कारण भी है। कॉर्न किडनी रोग के अधिकांश रोगियों को डायबिटीज़ होती है। किडनी का मुख्य काम आपके रक्त से साफ करना और अतिरिक्त पानी को मूत्र बनाने के लिए फ़िल्टर करना होता है, साथ ही रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए भी किडनी मदद करती है। मधुमेह के कई रोगियों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी होती है, इसलिए रक्त वाहिकाओं में चोट आने की वजह से गुर्दे प्रभावित हो जाते हैं। इसके अलावा मधुमेह के रोगियों की नसें भी प्रभावित होती हैं, जिसकी वजह से किडनी में बैक प्रेशर में बदलाव होता है। मूत्राशय में मूत्र रह जाता है, जो यूटीआई जैसे संक्रमण का कारण बनता है। इस तरह डायबिटीज़ किडनी को नुकसान पहुंचाती है।"


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.