Coronavirus Impacts Heart: दिल को क्यों प्रभावित करता है कोरोना वायरस संक्रमण?
Coronavirus Impacts Heart गंभीर संक्रमण से लेकर कोविड से उबरने के बाद तक के लक्षणों से पता चलता है कि हमने जो सोचा था कोरोना वायरस उससे कहीं ज़्यादा घातक साबित हो सकता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus Impacts Heart: चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस को आज 9 महीने गुज़र चुके हैं और अब जाकर दुनिया को ये पता चल रहा है कि SARS-COV-2 से होने वाला संक्रमण कोविड-19 कितना ख़तरनाक हो सकता है। शुरुआत में जिस संक्रमण के लिए कहा जा रहा था कि ये फ्लू की तरह की एक बीमारी है, आज शरीर के अहम अंगों को क्षति पहुंचा रहा है। गंभीर संक्रमण से लेकर कोविड से उबरने के बाद तक के लक्षणों से पता चलता है कि हमने जो सोचा था कोरोना वायरस उससे कहीं ज़्यादा घातक साबित हो सकता है।
ये ख़तरनाक संक्रमण सबसे ज़्यादा हमारे दिल को नुकसान पहुंचाता है। JAMA कोर्डियोलॉजी में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, 78 प्रतिशत मरीज़ ठीक होने के बाद दिल से जुड़ी तकलीफों के लिए दोबारा अस्पताल आते हैं। नए प्रमाण बताते हैं कि हृदय संबंधी समस्याएं संक्रमण के शुरुआती दिनों में भी हो सकती हैं, यहां तक कि उन लोगों को भी जिनमें इस बीमारी के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।
सांस की तकलीफ, हृदय संबंधी परेशानियां, मांसपेशियों में ब्रेकडाउन और सूजन (मायोकार्डिटिस), जैसी दिल से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती हैं, तब भी जब आपको दिल से जुड़ी समस्याएं पहले कभी नहीं हुईं। जो लोग पहले से दिल की बीमारी पीड़ित हैं, उनमें कोरोना वायरस गंभीर रूप ले लेता है, यहां तक कि मौत भी हो सकती है।
चीन के सीडीसी वीकली द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि COVID से मरने वाले 22% रोगियों को हृदय संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
कोविड-19 से होने वाली दिल की बीमारी की संख्या क्यों बढ़ती जा रहा है?
मेदांता हार्ट इंस्टीट्यूट के मैनेजिंग डायरेक्टर, डॉ. नरेश त्रेहन ने बताया कि कोरोना वायरस एक इंसान को हल्के से लेकर गंभीर रूप से बीमार कर सकता है लेकिन ये उम्र और सेहत पर निर्भर करता है। ये उन लोगों के लिए ज़्यादा घातक हो जाता है, जो पहले से किसी बीमारी से पीड़ित हैं। कोरोना वायरस के इफेक्ट्स पर आज भी शोध चल रहा है, लेकिन ये साफ है कि ये बीमारी शरीर के अहम अंगों को प्रभावित करती है, जिसमें से एक दिल भी है।
डॉक्टर त्रेहने ने चेताया है कि ये दिल को कई तरह से प्रभावित कर सकती है। इससे दिल का वायरल संक्रमण हो सकता है। दो बीमारियां जो आमतौर पर कोरोना के मरीज़ों में देखी जा रही हैं, वे हैं दिल का दौरा और हार्ट अरिथीमिया। फेफड़ों पर अत्याधिक दबाव के कारण दिल का दौरा पड़ सकता है या फिर दिल में सूजन आ सकती है, जिसे मयोकार्डिटिस कहते हैं। बुज़ुर्ग मरीज़ों में पहले दिल की बीमारी के कारण दिल का दौरा पड़ सकता है। वहीं, नौजवानों में कोविड-19 के कारण मयोकार्डिटिस हो सकता है।
एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लामेटरी जैसी प्रायोगिक दवाएं भी हैं कारण
एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लामेटरी जैसी प्रायोगिक दवाएं जिनका उपयोग मरीज़ को स्वस्थ करने के लिए किया जा रहा है, वे भी दिल की बीमारी का जोखिम बढ़ा सकती हैं।
इन लक्षणों पर दें ध्यान
सांस से जुड़े लक्षणों को पहचानना आसान है, लेकिन डॉ. त्रेहन के मुताबिक दिल से जुड़े इन लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए और इन पर भी ध्यान देना ज़रूर है।
- सांस लेने में तकलीफ
- सीने में लगातार दर्द या दबाव महसूस होना
- भ्रम या भटकाव महसूस होना
- होठों या चेहरे का नीला पड़ना
- शरीर में आक्सीजन की मात्रा कम हो जाना