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Hantavirus vs Coronavirus: जानें क्यों हंता वायरस नहीं हो सकता COVID-19 जैसा ख़तरनाक!

Hantavirus vs Coronavirusहंता वायरस के फैलने का ख़तरा बहुत कम है। अगर यह किसी को हो तो इससे दूसरे व्यक्ति को डरने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि यह एक इंसान से दूसरे में नहीं फैलती।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Fri, 27 Mar 2020 05:56 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 09:37 AM (IST)
Hantavirus vs Coronavirus: जानें क्यों हंता वायरस नहीं हो सकता COVID-19 जैसा ख़तरनाक!

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Hantavirus vs Coronavirus: पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट से जूझ रही है। इसी बीच चीन में एक और नए वायरस के फैलने की ख़बर है। इस वायरस का नाम हंता वायरस है। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार इस वायरस से अब तक एक व्यक्ति की जान जा चुकी है। इस मौत के बाद से देश और दुनिया में हलचल मच गई है। लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया है कि कहीं यह वायरस भी कोरोना की तरह जानलेवा तो नहीं।  

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हालांकि, रोग नियंत्रण एवं निवारण केंद्र का कहना है कि हंता वायरस के फैलने का ख़तरा बहुत कम है। अगर यह किसी एक व्यक्ति को हो तो इससे दूसरे व्यक्ति को डरने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि यह एक इंसान से दूसरे में नहीं फैलता। वहीं, इस वायरस के महामारी में बदलने की भी संभावना बहुत कम है। आइए जानते हैं कि हंता वायरस क्या है और यह कितना ख़तरनाक है? 

हंता वायरस क्या है?

आमतौर पर हंता वायरस के फैलने की मुख्य वजह चूहों के मल, लार या मूत्र को छूना है। जब कोई इंसान चूहों के मल, लार या मूत्र को छूता है और उसी हाथ से अपने आंख, कान, नाक या मुंह को छूता है तो फिर हंता वायरस होने का ख़तरा बहुत बढ़ जाता है। इसके साथ ही ऐरोसोल्स के हवा में फैलने से भी यह वायरस होता है। जब कोई इंसान सांस लेता है तो ऐरोसोल्स के संपर्क में आने के बाद इससे संक्रमित हो सकता है। इस वायरस से पीड़ित व्यक्ति को बदन दर्द, उल्टी, बुखार, दर्द, सर्दी, मांसपेशियों में दर्द की समस्या होती है। यह वायरस दो तरह के होते हैं। पहले स्टेज में संक्रमित व्यक्ति को तेज़ बुखार आता है। इससे शरीर के अंगों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। जबकि दूसरे स्टेज में हेमरैजिक बुखार आता है जो फेफड़े और हृदय के लिए बहुत घातक होता है। 

क्या यह भारत के लिए ख़तरे की घंटी है 

इस बारे में हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसका मुख्य केंद्र चीन है और यह एक साथ झुंड में रहते हैं। इस वायरस के भारत में आने की संभावना बहुत कम है क्योंकि यह एक इंसान से दूसरे में नहीं फैलता है। इसके आगे उनका कहना है कि इस वायरस के महामारी रूप में फैलने की संभावना बहुत कम है। ऐसे में डरने या चिंतित होने की कोई ज़रूरत नहीं है।  

इसका संक्रमण कनाडा, यूरोप और अमेरिका में भी है। हालांकि, देश के लोगों को हंता से बचने के लिए आवश्यक सावधानियां ज़रूर बरतनी चाहिए। जहां, कोरोना वायरस के लक्षण को पहचानने में 15 दिन लग जाते हैं वहीं, हंता के लक्षण 2-3 दिन में उजागर हो जाते हैं।   

क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

कोरोना वायरस से अब तक 5 लाख से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं और 24 हज़ार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हमारे लिए यह कठिन समय है। ऐसे में किसी अन्य प्रकार की बीमारी को फैलने से रोकने के लिए सभी तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए।  

हंता वायरस से सुरक्षित रहने के लिए हमें साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है। किसी मृत अथवा जीवित चूहे को न छुएं। चूहों के मल-मूत्र और लार से दूर रहें। चूंकि मौसम वसंत का है, ऐसे में इस समय फसल तैयार किए जाते हैं, जिसमें बहुत संख्या में चूहे खेतों से बाहर आते हैं। इन चूहों के संपर्क में आने से ज़रूर बचें।  

क्या हंता वायरस महामारी का रूप ले सकता है 

आज की तारीख में कुछ भी कहना मुश्किल है। कोरोना वायरस चीन से शुरू होकर पूरी दुनिया में फैल गया है। ऐसे में हंता वायरस को लेकर पूरी दुनिया को सतर्क रहने की ज़रूरत है। खासकर चीन को इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। अगर हंता वायरस से संक्रमित व्यक्ति को हॉस्पिटल में एडमिट नहीं कराया जाए तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है। फ़िलहाल हंता वायरस चीन, अमेरिका और यूरोप में ही सीमित है।


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