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Good Sleep Can Protect Memory: अच्छी नींद हमें पुरानी यादों को भी संजो कर रखती है- जानिए कैसे

Good Sleep Can Protect Memory नींद यादों को पुनः संग्रहित करने में मदद करती है और इसे बेहद कुशल तरीके से हमारे दिमाग में प्रस्तुत करती है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 04:05 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 11:47 PM (IST)
Good Sleep Can Protect Memory: अच्छी नींद हमें पुरानी यादों को भी संजो कर रखती है- जानिए कैसे

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। यह बात साबित हो चुकी है कि अच्छी नींद से शरीर में कई तरह के मानसिक तथा शारीरिक फायदे हैं। अब एक नए रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अच्छी नींद आपके पूरे जीवनकाल में सीखने की क्षमता में लगातार मदद करती है। नींद ही वह चीज है जो हमारी पुरानी यादों को भी संजो कर रखती है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के सैन डियागो स्कूल ऑफ मेडिसीन के शोधकर्ताओं ने इस संबंध में एक अध्ययन किया है, जिसे ई-लाइफ जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

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अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कंप्यूटर मॉडल के आधार पर दिमाग की विभिन्न अवस्थाओं का छद्म विश्लेषण किया। जैसे कि सोने अथवा जागते रहने की स्थिति में दिमाग में नई यादें किस तरह कूट संकेत के रूप में संचित हो जाती है या पुरानी यादें किस तरह दिमाग में रची बसी रहती है। इस अध्ययन के प्रमुख वैज्ञानिक मकसीन बेझेनोव ने बताया कि जब हम सोते हैं तो हमारा दिमाग बहुत व्यस्त रहता है। हमने पूरे दिन क्या क्या सीखा है, सोने के समय हमारा दिमाग उन सभी चीजों को दोबारा संग्रहित करता है। इस प्रकार नींद यादों को पुनः संग्रहित करने में मदद करती है और इसे बेहद कुशल तरीके से यादों को प्रस्तुत करती है। उहोंने कहा कि हमारे इस अध्ययन से एक बात साफ है कि याददाश्त गतिशील है न कि स्थिर। उन्होंने कहा कि नींद इन यादों को लगातार अपडेट करती रहती है। उन्होंने कहा कि हमारा यह मानना है कि नींद के चक्र के दौरान नई और पुरानी यादें दिमाग में दोहराई जाती है जिससे किसी चीज को हम नहीं भूलते और यह हमारी यादों की क्षमता के प्रदशर्न को भी बढ़ाती है।

नींद के समय संवेदी तंत्रिका में जमा होती हैं यादें

बेझेनोव ने बताया कि जब नींद में यादों को दोहराया जाता है तब यह किसी चीज को भूलने के खिलाफ महत्वपूर्ण रक्षा कवच का काम करती है और कई यादों को संवेदी तंत्रिका में जमा करने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि हम रोजाना कुछ न कुछ नई चीजें सीखते हैं। हम जो नई चीजें सीखते हैं वे हमारे दिमाग में याददाश्त के रूप में संचित हो जाती है और पुरानी यादों के साथ प्रतिस्पर्धा करती रहती है। यानी वहां कौन सी यादें रहेंगी, इसके लिए प्रतिस्पर्धा होती है। उदाहरण के लिए आज हम अपनी कार को पार्क करने के लिए कुछ टेढ़े-मेढ़े रास्ते से जाते हैं और कल किसी और रास्ते से जाते हैं। इस स्थिति में दोनों ही यादें दिमाग में प्रतिस्पर्धा करेगी लेकिन हमारा दिमाग इतना कमाल का है कि नींद के बाद ये दोनों यादें हमारे दिमाग में संचित हो जाएंगी। अध्ययन में कहा गया है कि याददाश्त के लिए नींद का महत्व उसी प्रकार है जिस प्रकार अत्याधुनिक तकनीकी से लैस सेल्फ ड्राइविंग कार मनुष्य से कहीं आगे इमेज को पहचानने की क्षमता रखती है। 

              Written By Shahina Noor


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