बिजी हो या लेज़ी दोनों ही लाइफस्टाइल के लिए फ्यूजन वर्कआउट का ऑप्शन है बेस्ट
बिजी या लेजी लाइफस्टाइल दोनों में ही वर्कआउट के लिए समय निकाल पाना मुश्किल होता है ऐसे में जब कोई मोटिवेशन या फन इस काम को आसान बना सकता है जिसमें फ्यूज़न वर्कआउट्स करेंगे मदद।
बिजी और भागदौड भरी लाइफस्टाइल के लिए फ्यूजन वर्कआउट बहुत ही अच्छा ऑप्शन है। इसमें एरोबिक्स के साथ ग्लैमर भी जुड़ा हुआ है। ये मूविंग एक्सरसाइजेज हैं, जिनसे कैलरी तो कम होती ही है, बॉडी भी एक्टिव रहती है। ऐसे वर्कआउट्स से खासतौर पर पेट और बांहों के आसपास सैल्युलाइट घटाने में मदद मिलती है और बॉडी शेप में आती है। लेकिन वजन कम करने के लिए फ्यूजन का कोई रोल नहीं है इस बात को जान लेना जरूरी है। वजन घटाना है तो योग, परंपरागत व्यायाम के साथ सही खानपान ही काम आएगा। इसमें भी योग सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, जिससे मन और शरीर दोनों का व्यायाम हो जाता है और सही नतीजे भी मिलते हैं। ऐसा बिल्कुल जरूरी नहीं कि सुबह-सुबह ही योग करना फायदेमंद होता है शाम को भी आप कर सकते हैं।
फ्यूज़न वर्कआउट के प्रकार
बॉलीरोबिक्स
अगर बॉलीवुड के गानों पर थिरक सकते हैं तो वर्कआउट में परेशानी नहीं होगी। इससे एंटरटेनमेंट के साथ-साथ पूरे शरीर का वर्कआउट हो जाता है। स्ट्रेस या डिप्रेशन दूर करने के लिए भी यह परफेक्ट वर्क आउट है। सबसे अच्छी बात यह है कि आजकल स्त्रियां इन प्रयोगों के जरिये स्वस्थ जीवनशैली अपना रही हैं।
मसाला भांगडा
यह भी बॉलीरोबिक्स की तरह है। इसमें भांगडा के साथ एरोबिक्स को मिलाया गया है। दिल्ली व मुंबई के जिमखानों में यह बहुत पॉपुलर हो रहा है। आजकल कई जिम ट्रेनर भांगडा व बॉलीवुड स्टेप्स को लेटिनो-अमेरिकन जुंबा बीट्स के साथ भी मिला रहे हैं। स्मॉल डंबल्स के साथ बीट्स पर डांस भी खासा पॉपुलर हो रहा है।
योगालेटीज
यह पूर्व और पश्चिम का मेल है। इसमें पूरे शरीर की स्ट्रेचिंग होती है। सांस पर नियंत्रण, संतुलन और सही पॉश्चर सिखाया जाता है। इससे शरीर के हर हिस्से का वर्कआउट हो जाता है। योग और पिलेटीज का आपसी तालमेल बेहतर है, क्योंकि दोनों में ही कुछ दिलचस्प क्रियाएं होती हैं और दोनों में सांस को नियंत्रित करना सिखाया जाता है।
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