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Fighting Coronavirus: कोरोना वायरस से लड़ना है, तो इम्यूनिटी और इंफ्लामेशन को न करें नज़रअंदाज़

Fighting Coronavirus कोरोना वायरस महामारी को शुरू हुए महीनों ग़ुज़र चुके हैं। अब तक लाखों लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं और कई हज़ारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 04:38 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 06:17 PM (IST)
Fighting Coronavirus: कोरोना वायरस से लड़ना है, तो इम्यूनिटी और इंफ्लामेशन को न करें नज़रअंदाज़
Fighting Coronavirus: कोरोना वायरस से लड़ना है, तो इम्यूनिटी और इंफ्लामेशन को न करें नज़रअंदाज़

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Fighting Coronavirus: कोरोना वायरस के कहर के बीच ज़्यादातर लोग इससे बचने के लिए सामाजिक दूरी, मास्क पहनना, हाथों को कई बार धोना और यहां तक कि खुद को आइसोलेशन में रखने जैसी चीज़ों को सख्ती से पालन कर रहे हैं, लेकिन ऐसे बहुत कम लोग हैं जो इम्यूनिटी को बढ़ाने और इंफ्लामेशन को दूर रखने जैसी चीज़ों पर ध्यान दे रहे हैं। 

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कोरोना वायरस महामारी को शुरू हुए महीनों ग़ुज़र चुके हैं। अब तक लाखों लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं और कई हज़ारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। आंकड़ों को देखा जाए तो वही लोग इससे संक्रमित या फिर अपनी जान गंवा रहे हैं, जिनकी इम्यूनिटी कमज़ोर है और अगर इंफ्लामेशन की समस्या है तो आपकी मुश्किल को और बढ़ा सकता है।

शरीर की इम्यूनिटी

खासकर, बूढ़े लोग सबसे ज़्यादा इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं और जान भी गंवा रहे हैं। लेकिन बूढ़े लोगों का मतलब सिर्फ बू़ढ़ापे से नहीं है। ये सच है कि 80 की उम्र के किसी इंसान को कोरोना वायरस होता है, तो उसके इस बीमारी से मरने की उम्मीद 184 गुणा बढ़ जाती है लेकिन कोरोना वायरस का जोखिम 55 से ज़्यादा उम्र वालों के लिए भी बढ़ा है।   

शरीर की इम्यूनिटी उम्र के साथ कमज़ोर पड़ने लगती है। आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति किसी भी वायरस या इंफेक्शन से उस तरह नहीं लड़ पाती जैसे जवान लोगों की होती है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता।  

इंफ्लामेशन पर ध्यान देना भी ज़रूरी

इसी तरह, उम्र के साथ पूरे शरीर में ऊतकों में इंफ्लामेशन बढ़ता जाता है, एक तथ्य जो कोरोना वायरस को शरीर में जाने में मदद करता है, नाक और फेफड़ों में अणुओं को बांधता है, और कहर बरपाना शुरू करता है। उदाहरण के तौर पर फैट टिशू, इंफ्लामेशन को बढ़ाता है और यही वजह है कि मोटापे से पीड़ित लोगों को कोविड-19 से संक्रमित होने का ज़्यादा ख़तरा है। 

इंफ्लामेशन के लिए क्या करें

इसके लिए आपको रोज़ाना वर्कआउट करना ज़रूरी है। आप जितना वर्कआउट करेंगे, उतना ही इंफ्लामेशन कम होगा। जो लोग दिन में 3 हज़ार से कम कदम चलते हैं, उनके शरीर में इंफ्लामेशन की मात्रा उतनी ही ज़्यादा होती है। लेकिन लॉकडाउन के चलते आप घर बैठने पर ज़रूर मजबूर हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप वर्कआउट नहीं कर सकते। कार्डियो वर्कआउट घर पर भी आसानी से किया जा सकता है। इसके अलावा आप सीड़ियों पर तेज़ी से चढ़ें और उतरें। ऐसा कई बार करने से भी आप काफी कैलोरी बर्न कर सकेंगे।

इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं

इसे बढ़ाने के लिए पौष्टिक भोजन करना ज़रूरी है जो विटामिन, कैल्शियम, आयरन इत्यादि तत्वों से भरपूर हो। इसके अलावा कमज़ोरी को दूर करने में एक्सराइज़ करना लाभदायक साबित हो सकता है। हेल्थ संबंधी कुछ समस्याएं भरपूर नींद न लेना का नतीजा होती हैं। इनमें कमज़ोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी शामिल है, जो अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। इसीलिए एक व्यक्ति का भरपूर नींद (6-8 घंटों) लेना ज़रूरी बन जाता है।


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