Move to Jagran APP

हाई प्रोटीन लेने पर हो सकती है ये जानलेवा बीमारी,जानिए कितनी मात्रा है सही

जब भी हेल्दी डाइट चार्ट बनने की बात होती है तो उसमें प्रोटीन टॉप पर होता है। लेकिन हेल्दी डाइट चार्ट में टॉप पोजिशिन हासिल करने वाला प्रोटीन ज्यादा लेने पर बीमारी भी हो सकती है।

By Nandini DubeyEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 01:44 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 01:44 PM (IST)
हाई प्रोटीन लेने पर हो सकती है ये जानलेवा बीमारी,जानिए कितनी मात्रा है सही
हाई प्रोटीन लेने पर हो सकती है ये जानलेवा बीमारी,जानिए कितनी मात्रा है सही

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। जब भी हेल्दी डाइट चार्ट बनने की बात होती है तो उसमें प्रोटीन सबसे टॉप पर होता है। डाइट में प्रोटीन शामिल करने पर न केवल मांसपेशियां मजबूत होती हैं बल्कि वजन को भी कम करने में मदद करता है। इसके अपने और भी तमाम फायदें हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हेल्दी डाइट चार्ट में टॉप पोजिशिन हासिल करने वाला प्रोटीन शरीर को नुकसान भी पहुंचाता है। जी हां एक स्टडी में ये बात सामने आई कि अगर आप हर दिन एक निश्चित मात्रा से ज्यादा प्रोटीन अपनी डाइट में शामिल करते हैं तो उससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं। 

loksabha election banner

जी हां ये बात हाल ही में एक रिसर्च में सामने आई है कि हाई प्रोटीन वाले फूड, खासतौर से रेड मीट से मिलने वाला प्रोटीन लेने से कैंसर का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. शोधकर्ताओं का मानना है कि रेड मीट में फैट और कैंसरजनक तत्व पाए जाते हैं.रिसर्च के मुताबिक,डाइट में जरूरत से ज्यादा प्रोटीन लेने से कैंसर होने का खतरा 4 फीसदी ज्यादा बढ़ जाता है.इतना ही नहीं, इस स्टडी में ये भी जिक्र किया गया है कि रेड मीट खाने वाले ज्यादातर लोगों की मौत डायबिटीज से होती है. 

प्रोटीन की इतनी मात्रा लेनी चाहिए 

स्टडीज के अनुसार, किसी व्यक्ति को अपने वजन के प्रति किलोग्राम के हिसाब से 0.8 ग्राम प्रोटीन खाना चाहिए. इससे ज्यादा लेने पर नुकसान हो सकता है। इसलिए इस बात का खासतौर पर ध्यान रखें।

ये रिसर्च इटली के प्रसिद्ध बायोलॉजिस्ट वॉल्टर डी लोंगो ने अपनी टीम के साथ मिलकर की है. वॉल्टर इससे पहले भी न्यूट्रिशन, फास्टिंग और वेट लॉस प्रोग्राम पर कई स्टडीज कर चुके हैं.वहींं यह स्टडी 50 साल से अधिक उम्र के 6,138 प्रतिभागियों पर किया गया था. रिसर्च और इसके परिणाम को विस्तार से सेल मेटाबॉलिज्म पत्रिका में प्रकाशित भी किया गया है.


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.