Move to Jagran APP

अपना दर्द छिपाएं नहीं, इसे सिर्फ 1 Saridon से दूर करें: संदीप वर्मा, कंट्री हेड, इंडिया, बायर कंज्यूमर हेल्थ

खुद को स्वस्थ रखने की जागरूकता के बावजूद विशेष रूप से महामारी के दौरान सिरदर्द दर्द को चुपचाप सहने के बजाय उसे दूर करना समय की मांग है। हमें सिरदर्द को दूसरे दर्द की तरह समझना चाहिए और चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 10:52 AM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 04:26 PM (IST)
अपना दर्द छिपाएं नहीं, इसे सिर्फ 1 Saridon से दूर करें:  संदीप वर्मा, कंट्री हेड, इंडिया, बायर कंज्यूमर हेल्थ
अपना दर्द छिपाएं नहीं, इसे सिर्फ 1 Saridon से दूर करें

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। सिरदर्द एक सामान्य दर्द है। हममें से लगभग सभी को अपने जीवन में कभी न कभी सिरदर्द का सामना करना पड़ा है। हालांकि, ज्यादातर लोग दर्द की दवा लेने से बचते हैं, क्योंकि वह नहीं चाहते कि उनके दर्द से उनके प्रियजनों को घबराहट या चिंता हो। खुद को स्वस्थ रखने की जागरूकता के बावजूद, विशेष रूप से महामारी के दौरान, सिरदर्द दर्द को चुपचाप सहने के बजाय उसे दूर करना समय की मांग है। हमें सिरदर्द को दूसरे दर्द की तरह समझना चाहिए और चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए, क्योंकि इसका आपके स्वास्थ्य पर लंबे समय तक प्रभाव पड़ सकता है। अगर सिरदर्द ठीक नहीं होगा तो यह चिंता, अनिद्रा, अवसाद और माइग्रेन जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के साथ रोजाना के सिरदर्द को जन्म दे सकता है। महानगर और उपमहानगरों में लोगों पर सिरदर्द के प्रभाव और जागरूकता का विश्लेषण करने के लिए किए गए सर्वेक्षण के बारे में आप आगे पढ़ सकते हैं।

loksabha election banner

हम सभी जानते हैं कि सिरदर्द कितना आम है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन सिरदर्द को एक विकार मानता है? हाँ, बार-बार होने वाले सिरदर्द को WHO द्वारा नर्वस सिस्टम के विकार की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। जो लोग सिरदर्द को नजरअंदाज करते हैं, उनमें माइग्रेन, टेंशन-टाइप हेडेक (TTH), क्लस्टर हेडेक और मेडिकेशन ओवर यूज हेडेक (MOH) जैसे सिरदर्द विकार विकसित होने का खतरा होता है। दर्द छिपाने के संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए, और युवा वयस्कों के साथ सिरदर्द पर बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए, Bayer Pharmaceuticals Private Limited ने सिरदर्द से पीड़ित आबादी के प्रतिशत का विश्लेषण करने के लिए 14 राज्यों और 24 शहरों में 22-45 वर्ष की आयु के 10,004 लोगों का सर्वे किया। इस सर्वे के जरिए उन्होंने सिरदर्द की फ्रीक्वेंसी और राहत के लिए कितने लोगों ने दवा ली इसके बारे में जानकारी प्राप्त की। परिणाम आश्चर्यजनक है, क्योंकि यह पाया गया कि लोग सिरदर्द को गंभीरता से नहीं लेते हैं और बिना किसी दवा के अपना काम जारी रखते हैं, जिससे सिरदर्द और बढ़ता चला जाता है। हेल्थ जागरण में लीड एडिटर वाणी मलिक ने बायर कंज्यूमर हेल्थ-इंडिया के कंट्री हेड संदीप वर्मा से इस सर्वे और सिरदर्द के लिए Saridon क्यों है महत्वपूर्ण, के बारे में और अधिक जानकारी के लिए बात की।

प्रश्न: 'सरदर्द छुपाओ नहीं, मिटाओ' अभियान के पीछे क्या विचार है?

संदीप वर्मा: यह Saridon (Bayer कंज्यूमर हेल्थ का एक उत्पाद) द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है, जिसका मुख्य फोकस लोगों को सिरदर्द को छिपाने के बजाय इलाज की आवश्यकता को समझाना है। भारत में प्रति व्यक्ति सिरदर्द होने की संख्या विश्व में सबसे अधिक दर्ज की गई है! इसके विपरीत, भारत में सिरदर्द की दवा का उपयोग दुनिया में सबसे कम है। इससे पता चलता है कि अधिकांश लोग सिरदर्द की दवा नहीं लेते हैं। इसका सबसे आम कारण रोगों से लड़ने की क्षमता है, जो हमें बचपन से सिखाया जाता है, और यह 'दर्द के साथ जीना' जैसा प्रतीत होता है, क्योंकि छोटे दर्द के लिए दवा की कोई आवश्यकता नहीं है। इस अभियान की शुरुआत Saridon को सिरदर्द से छुटकारा दिलाने के लिए महत्वपूर्ण दवा और लोगों को दर्द छिपाने के बजाय सिरदर्द की दवा लेने के बारे में जागरूक करने के लिए की गई थी।

प्रश्न: लोग सिरदर्द को गंभीरता से क्यों नहीं लेते?

संदीप वर्मा: 47% से अधिक लोग सिरदर्द की दवा नहीं लेते हैं, जो सिरदर्द के प्रति उनके व्यवहार को दर्शाती है। इस सर्वे को करने का पूरा विचार यही था कि भारत में सबसे अधिक सिरदर्द होने के बावजूद सिरदर्द की दवाओं का सेवन कम क्यों है। विभिन्न प्रकार के सिरदर्द होते हैं, और निस्संदेह उनमें से अधिकांश सामान्य तनाव से संबंधित सिरदर्द हैं, जिनसे आप आसानी से छुटकारा पा सकते हैं। प्रियजनों को चिंता न हो उससे बचने के लिए लोग सिरदर्द की दवा लेने की जगह एक कप चाय या स्ट्रॉन्ग कॉफी जैसे अन्य विकल्पों का चुनाव करते हैं। वे सिरदर्द थोड़े समय की परेशानी मानते हैं।

प्रश्न: सिरदर्द की दवा और राहत के बारे में किस वर्ग को अधिक जागरूकता की आवश्यकता है?

संदीप वर्मा: सर्वे के माध्यम से, हमने जेंडर, आयु समूह, व्यवसाय और भौगोलिक विभाजन जैसे विभिन्न समूहों को टारगेट किया:

• आयु - शहरी क्षेत्रों में रहने वाले 22-35 वर्ष के भारतीयों में से 42% को सप्ताह में एक बार या अधिक बार सिरदर्द होता है। वहीं 36-45 आयु वर्ग के लोगों में यह अनुपात 41% है।

• जेंडर - महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक तनाव से होने वाले सिरदर्द को देखा गया।

• भौगोलिक विभाजन- शीर्ष चार महानगरों में , दिल्ली टियर-1 शहरों में तनाव की राजधानी के रूप में उभरी और उसके बाद मुंबई का स्थान रहा। आश्चर्यजनक रूप से, सर्वे में पाया गया कि टियर-1 शहरों की तुलना में टियर-2 शहरों में तनाव का स्तर अधिक था।

प्रश्न: क्या आपको सर्वे के दौरान सिरदर्द और कोविड-19 महामारी के बीच कोई संबंध मिला?

संदीप वर्मा: महामारी ने हमारे शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित किया है। तनाव से लेकर इम्यून सिस्टम कम होने और भावनात्मक चुनौतियों तक, COVID-19 ने हमारे जीवन को दयनीय बना दिया है। कोविड की पहली लहर और महीनों तक लगाए गए लॉकडाउन के दौरान तनाव का स्तर काफी बढ़ गया था। इससे निस्संदेह सभी आयु वर्ग के लोगों में सिरदर्द के मामलों में भारी वृद्धि हुई है। हमारा सर्वे दूसरी लहर के बाद किया गया था, और इसलिए कोई तुलना करने वाले परिणाम नहीं हैं। हालांकि, प्रतिभागियों ने उल्लेख किया है कि तनाव, चिंता और कोरोनावायरस संक्रमण के डर के कारण, उनमें सिरदर्द बढ़ा है। सिरदर्द की फ्रीक्वेंसी और इंटेंसिटी दोनों में वृद्धि हुई, जो दर्शाती है कि कैसे सिरदर्द जनता के लिए एक अभिन्न समस्या बन गया है।

• 84% शहरी भारतीयों (सर्वे में भाग लेने वाले) ने कहा कि उन्होंने पिछले एक साल में तनाव महसूस किया है।

• 82% लोगों (22-35 वर्ष आयु वर्ग) ने दावा किया कि वे पिछले एक वर्ष में तनावग्रस्त थे।

• इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में रहने वाले 22-35 वर्ष के भारतीयों में से 42% को सप्ताह में एक बार या अधिक बार सिरदर्द होता है। वहीं 36-45 आयु वर्ग के लोगों में यह अनुपात 41% है।

• 22-35 वर्ष आयु वर्ग के तनावग्रस्त लोगों में से 44% इस बात से सहमत थे कि महामारी के बाद तनाव के स्तर बढ़ोतरी हुई है।

• 35-45 साल के बीच तनावग्रस्त लोगों में से 48% ने कहा कि महामारी के बाद तनाव के स्तर बढ़ोतरी हुई है।

प्रश्न: सर्वे के दौरान आपके सामने आने वाले टॉप हेडेक के कारक कौन से हैं?

संदीप वर्मा : सर्वे के दौरान टीम ने सिरदर्द पैदा करने वाले विभिन्न कारकों की भी पहचान की। इससे जोखिम कारकों और विभिन्न परिदृश्यों में सिरदर्द कैसे शुरू हुआ, के बारे में पता लगाने में मदद मिली। हमारे सर्वे के दौरान एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, लगभग 91% महिलाएं और 84% पुरुष सिरदर्द से पीड़ित हैं। इसके अलावा, यहां कुछ प्रमुख सिरदर्द पैदा करने वाले कारक हैं जिनके बारे में आपको अवश्य पता होना चाहिए:

1# तनाव- जब आप तनाव में होते हैं, तो आपको सिरदर्द होने की संभावना बहुत अधिक होती है। तनाव सिरदर्द का सबसे प्रमुख कारण है। लेकिन काम करने वाले पेशेवरों सहित पुरुष और महिलाएं अलग-अलग तरह से प्रभावित होते हैं, यहां कुछ आंकड़े दिए गए हैं:

• 56% पुरुषों की तुलना में 65% महिलाओं ने तनाव के कारण सिरदर्द का अनुभव किया।

• 56% फुल टाइम वर्किंग पुरुषों की तुलना में 63% फुल टाइम वर्किंग महिलाओं ने तनाव के कारण सिरदर्द का अनुभव किया।

• पिछले एक साल में जिन कामकाजी महिलाओं को सिरदर्द हुआ उनमें से 92% ने दावा किया कि तनाव में वृद्धि से सिरदर्द में वृद्धि होती है।

2# वित्तीय समस्याएं- तनाव का सबसे बड़ा कारण वित्तीय समस्याएं हैं। कोविड के दौरान कई लोगों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा है। इसने लोगों की जीवन की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है और उन्हें सिरदर्द सहित बीमारियों का शिकार बना दिया है।

3 # रिश्ते और पारिवारिक संघर्ष- लॉकडाउन का समय कठिन था, क्योंकि हर कोई अपने प्रियजनों के साथ या उनके बिना अपने घरों में बंद था। जहां इस स्थिति के सकारात्मक पहलू ने लोगों को एक साथ अधिक समय बिताने के लिए एक साथ लाया, वहीं दूसरी ओर इसने पारिवारिक संघर्ष और रिश्तों में खटास को पैदा किया, जिसने तनाव के स्तर को बढ़ाया और जिससे सिरदर्द बढ़ा।

प्रश्न: आप Saridon को सिरदर्द के लिए सबसे अहम दवा के रूप में कैसे पेश करने की योजना बना रहे हैं?

संदीप वर्मा: भारत में पेन मैनेजमेंट के लिए सेल्फकेयर मेडिकेशन अभी शुरुआती चरण में है। Bayer Consumer Health जो पहला कदम उठाने जा रहा है, वह उन मिथकों को मिटाने या खत्म करने की दिशा में है जो सेल्फ मेडिकेशन के मामले में घिरे हुए हैं। इसके अलावा, हम लोगों को दर्द में दवा लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। ताकि वो अधिक प्रोडक्टिव लाइफ जी सकें। सिरदर्द एक छोटी सी बात की तरह लग सकता है लेकिन यह प्रोडक्टिविटी पर एक गहरा प्रभाव छोड़ सकता है। जब आपके सिर में दर्द होता है, तो आप अपने काम पर ध्यान केंद्रित नहीं करते हैं और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं दे पाते। सिरदर्द एक डिस्ट्रैक्शन है जो आपकी प्रोडक्टिविटी को बाधित करता है, और इसलिए, आपको इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। यह तब होता है जब Saridon आपके साथ होता है।

प्रश्न: क्या आपके पास Saridon के दुरुपयोग को रोकने के लिए कोई योजना है, जो OTC दवाओं के साथ आम है?

संदीप वर्मा: सेल्फ मेडिकेशन की आवश्यकता है, लेकिन कुछ जोखिमों के बारे में यूजर्स को अवगत कराने की आवश्यकता है। भले ही Saridon एक OTC दवा है, लेकिन इसका दुरुपयोग निषिद्ध है, क्योंकि यह प्रतिकूल कार्य कर सकता है। जानकारी की कमी के कारण, उपभोक्ताओं में OTC दवाओं के उपयोग के लिए प्रोत्साहन की कमी होती है। अगर उन्हें सही जानकारी प्रदान की जाती है तो वे सेल्फ केयर मेडिटेशन के माध्यम से ऐसे छोटी समस्याओं का इलाज करने के लिए उपयोग कर सकते हैं और समस्या को छिपाने के लिए नहीं। इस प्रकार, हमारा मुख्य उद्देश्य जनता को Saridon की उपयोगिता के बारे में शिक्षित करना है और उन्हें इसका सही उपयोग करना सीखना है। श्री संदीप वर्मा, कंट्री हेड, बायर कंज्यूमर हेल्थ, इंडिया का अंतिम संदेश अपना दर्द मत छुपाओ। हो सकता है कि आप अपने प्रियजनों को परेशान न करना चाहें लेकिन आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए और राहत के लिए समस्या का समाधान करना चाहिए। सिर में दर्द होने पर Saridon लें और आपका दर्द दूर हो जाएगा। नहीं तो दर्द आपके चेहरे पर दिखाई देगा, जो आपके प्रियजनों के लिए असुविधा का कारण बनेगा। 'सरदर्द छुपाओ नहीं, मिटाओ'। इस अभियान का उद्देश्य आपको सिरदर्द से छुटकारा दिलाने में मदद करना है ताकि आप दर्द से मुक्त जीवन जी सकें।   

Note - यह आर्टिकल ब्रांड डेस्‍क द्वारा लिखा गया है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.