Benefits of Matsyasana: थायराइड कंट्रोल करने के लिए रोजाना करें मत्स्यासन, जानें करने का सही तरीका
Benefits of Matsyasana हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो गर्दन के अंदर तितली की आकार में थायराइड ग्रंथि होती है जिसे अवटु ग्रन्थि भी कहा जाता है। इस ग्रंथि से दो प्रकार के हार्मोन का उत्सर्जन होता है। ग्रंथि से कम या अधिक हार्मोन निकलने पर थायराइड की समस्या होती है।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Benefits of Matsyasana: पुराने समय से सेहतमंद रहने के लिए योग किया जाता है। इससे ईश्वर की प्राप्ति भी होती है। भक्ति में भी योग का उल्लेख है। खासकर, ध्यान साधना को भक्ति मार्ग का अहम कड़ी बताया गया है। योग के कई प्रकार हैं, जिन्हें करने से थायराइड कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इनमें एक मत्स्यासन है। इस योग को करने से थायराइड समेत कई अन्य बीमारियों में फायदा मिलता है। अगर आप भी थायराइड को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो रोजाना मत्स्यासन करें। आइए, मत्स्यासन के बारे में सबकुछ जानते हैं-
थायराइड
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो गर्दन के अंदर तितली की आकार में थायराइड ग्रंथि होती है, जिसे अवटु ग्रन्थि भी कहा जाता है। इस ग्रंथि से दो प्रकार के हार्मोन का उत्सर्जन होता है। ग्रंथि से कम या अधिक हार्मोन निकलने पर थायराइड की समस्या होती है। आसान शब्दों में कहें तो अवटु ग्रंथि में हार्मोन असंतुलन की वजह से थायराइड होता है। इस स्थिति में शरीर की सभी कोशिकाएं प्रभावित होती हैं।
मत्स्यासन
मत्स्यासन हिंदी के दो शब्दों मत्स्य यानी मछली और आसन यानी बैठने की मुद्रा है। आसान शब्दों में कहें तो मछली की मुद्रा में आकर योग करना मत्स्यासन कहलाता है। अंग्रेजी में मत्स्यासन को फिश पोज कहते हैं। मत्स्यासन विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव में मददगार साबित होता है। इससे थायराइड और माइग्रेन में फायदा मिलता है। योग एक्सपर्ट्स की मानें तो मत्स्यासन करने से थायराइड ग्रंथि में रक्त संचार सही से होता है। साथ ही तनाव कम करता है। इससे थायराइड को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
मत्स्यासन कैसे करें
इसके लिए सबसे पहले समतल जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं। फिर दोनों पैरों को बैठने की मुद्रा में समेटकर अपनी जांघों पर रखे लें। अब धीरे-धीरे अपने धड़ को ऊपर की ओर उठाएं। इस मुद्रा में कम से कम 30 सेकंड तक रहें। इस दौरान धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें। फिर पहली अवस्था में आ जाएं। थायराइड के मरीज रोजाना मत्स्यासन करें।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।