Diabetes: डायबिटीज के मरीज शुगर कंट्रोल करने के लिए खाएं इन सब्जियों का भरता
Diabetes डॉक्टर हमेशा डायबिटीज के मरीजों को करेले का सेवन करने की सलाह देते हैं। इसमें मैग्नीशियम पोटेशियम जिंक आयरन केराटिन बीटा कैरोटीन और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। करेले सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Diabetes: डायबिटीज के मरीजों को खानपान पर विशेष ध्यान देना पड़ता है। इस बीमारी में मीठी चीजों को खाने की मनाही होती है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो एक बार लग जाने के बाद ताउम्र साथ रहती है। वहीं, डायबिटीज की बीमारी रक्त में शर्करा स्तर बढ़ने और अग्नाशय से इंसुलिन हार्मोन न निकलने के चलते होती है। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना चाहते हैं, तो इन सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। ये तीन सब्जियां डायबिटीज के मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होती हैं। इन सब्जियों के सेवन से शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। आइए जानते हैं-
करेले का सेवन करें
डॉक्टर हमेशा डायबिटीज के मरीजों को करेले का सेवन करने की सलाह देते हैं। इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम, जिंक, आयरन, केराटिन, बीटा कैरोटीन और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। करेला सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसके सेवन से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है। आप करेले के जूस का सेवन कर सकते हैं। साथ ही करेले की सब्जी या भरता बनाकर सेवन कर सकते हैं।
बैंगन का सेवन करें
एक शोध की मानें तो बैंगन में ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है। इसके अलावा, बैगन में विटामिन, मिनरल्स, फाइबर प्रचुर मात्रा में होती है। साथ ही कैलोरी बहुत कम मात्रा में होती है। फाइबर युक्त चीजों के सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है। इससे ब्लड शुगर लेवल सामान्य रहता है। इसके लिए डायबिटीज के मरीजों को बैंगन का सेवन अवश्य करना चाहिए।
परवल का सेवन करें
परवल सेहत के लिए फायदेमंद साबित होती है। इसके सेवन से पेट संबंधी विकारों में आराम मिलता है। इसके अलावा, पीलिया की समस्या दूर होती है। परवल में आवश्यक पोषक तत्व कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, विटामिन B1, B2 और C प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके लिए डायबिटीज के मरीज परवल का सेवन कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।