Dengue Ayurvedic Treatment: डेंगू होने पर डरें नहीं, जानें-इसके आयुर्वेदिक अपचार
मरीज को पपीते के पत्तों का स्वरस एक चम्मच थोड़ी सी मिश्री मिलाकर दिन में तीन बार देने से भी रोगी को लाभ होगा। व्यक्ति को बार-बार स्वच्छ पानी पीना चाहिए।
नई दिल्ली, जेएनएन। बरसात के दिनों में मच्छरों का आतंक बहुत बढ़ जाता है। इस मौसम में मलेरिया और डेंगू का खौफ सबसे अधिक होता है। बारिश के सुहाने मौसम के साथ ही लोगों को मच्छर से होने वाली खतरनाक बीमारियों का डर भी सताने लगता है। खौफ इतना होता है कि मरीज साधारण बुखार को भी डेंगू समझने लगते हैं। देखा गया है कि लोग प्लेटलेट्स कम होने से घबरा जाते हैं जबकि साधारण बुखार में भी प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं।
डेंगू का आयुर्वेदिक इलाज
डॉ. गीतांजली अरोड़ा ने बताया कि 6 से 7 इंच गिलोय का तना या पंचाग लेकर दो गिलास पानी में उबालकर ठंडा होने पर हर आधे घंटे बाद पिलाने से डेंगू बुखार में बड़ा लाभ मिलेगा।
इसके अलावा मरीज को धान्याकादि हिम धनिया दो चम्मच, आंवला चूर्ण दो चम्मच, मुनक्का दो चमच, पर्यटक चूर्ण दो चम्मच समान भाग में लेकर 4 गिलास पानी में रात को मिट्टी के बर्तन में रखने के बाद सुबह छानकर पिलाएं। इसके अलावा दिन में 3-4 बार नारियल का पानी और 8-10 लौंग, 2-3 छोटी इलायची चार गिलास पानी में ढककर उबालें और ठंडा होने पर 3-4 मिनट तक रुचि अनुसार रोगी को पीने दें।
मरीज को पपीते के पत्तों का स्वरस एक चम्मच, थोड़ी सी मिश्री मिलाकर दिन में तीन बार देने से भी रोगी को लाभ होगा। व्यक्ति को बार-बार स्वच्छ पानी पीना चाहिए और हरी सब्जियां जैसे घीया, तोरी, टिंडा, कद्दू व खीरा आदि का सेवन करना चाहिए। साथ में ताजे मौसमी फल जैसे मौसमी, संतरा, अनार, आंवला, पपीता आदि का सेवन उत्तम रहता है। रोगी को स्वाद के अनुसार मिश्री के साथ आधा गिलास ठंडा दूध दिन में 2-3 बार देने से भी फायदा होता है।