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How Dengue Affects Your Heart: दिल के लिए भी बेहद घातक साबित हो सकता है डेंगू!

How Dengue Affects Your Heart डेंगू की बीमारी दिल पर भी गहरा असर डालती है। ये बीमारी उन लोगों के लिए सबसे ज़्यादा ख़तरनाक होती है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कमज़ोर होती है।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 12:59 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 03:15 PM (IST)
How Dengue Affects Your Heart: दिल के लिए भी बेहद घातक साबित हो सकता है डेंगू!
How Dengue Affects Your Heart: दिल के लिए भी बेहद घातक साबित हो सकता है डेंगू!

नई दिल्ली, जेएनएन। Dengue Can Be Dangerous For Your Heart: डेंगू एक ऐसी बीमारी या कहें कि महामारी है जो नज़रअंदाज़ करने पर विकराल रूप ले सकती है। डेंगू की शुरुआत तेज़ बुखार से होती है जो बाद में एक भयावह रूप लेता है। डेंगू के लक्षणों में सिरदर्द, बदन दर्द, मांसपेशियों में दर्द और आंखे लाल होना शामिल है। लेकिन शायद बहुत ही कम लोग जानते हों कि डेंगू की बीमारी दिल पर भी गहरा असर डालती है। ये बीमारी उन लोगों के लिए सबसे ज़्यादा ख़तरनाक होती है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कमज़ोर होती है।

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आइए सबसे पहले जानते हैं कि डेंगू के क्या लक्षण होते हैं और डेंगू की पहचान कैसे की जा सकती है?

डेंगू के लक्षणों में शामिल है तेज़ बुखार, उल्टी, सरदर्द और जोड़ो व मांसपेशियों में दर्द। डेंगू की पहचान करने का सबसे कारगर तरीका है रक्त जांच, जो डॉक्टरी सलाह के बाद ही करानी चाहिए। रक्त जांच में सबसे अहम होता है प्लेटलेट काउंट। अगर आपके लक्षण डेंगू के हैं तो रक्त जांच में आपका प्लेटलेट काउंट बेहद ही कम होगा। ऐसे कई दूसरे लक्षण हैं जो डेंगू होने की स्थिति में आपको देखने को मिल सकते हैं जैसे पेट में तेज दर्द होना, पेशीशूल (myalgia), लीवर में फ्लूड का जमा हो जाना, खून का बहना यानी रक्तस्राव (haemorrhages)।

डेंगू बुखार दिल पर भी बेहद ही घातक असर डालता है

डेंगू की बीमारी के दौरान मरीज़ के शरीर में प्लेटलेट्स काउंट बहुत तेजी से गिरते हैं जिस वजह से शरीर के बहुत ही खास अंग दिल की कार्यप्रणाली पर गहरा असर पड़ता है। अगर शरीर में प्लेटलेट काउंट 45 हज़ार से नीचे चला जाए तो ये जानलेवा भी सिद्ध हो सकता है। प्लेटलेट काउंट कम होने के साथ ही मरीज़ की सेहत का ख़ास ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इस दौरान दिल के आसपास एक तरह का तरल पदार्थ जमा होने लगता है और रक्त धमनियों में रिसाव होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसी स्थिति में मरीज़ को ह्दय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए, आमतौर पर डेंगू के दौरान ऐसे मामले बहुत ही कम पाए जाते हैं लेकिन इसकी संभावनाएं हमेशा बनी रहती हैं।

डेंगू से बचाव और इलाज: बरतें सावधानी

डेंगू की बीमारी से बचाव का सबसे कारगर तरीका है कि आप सतर्क और सावधान रहें। मानसून के दिनों में इस बात का ध्यान रखें कि अपने घर में या उसके आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। ठहरे साफ़ पानी में मच्छर पैदा होते हैं, जो डेंगू बीमारी की वजह बनते हैं। ऐसे में मच्छरों की रोकथाम से डेंगू की रोकथाम की जा सकती है। अगर किसी भी व्यक्ति को डेंगू हो जाता है तो उसे डॉक्टरी सलाह के मुताबिक ही नियमित दवा और परहेज करना होगा। डेंगू के दौरान किसी भी तरह का नशा या शराब पीना घातक हो सकता है। आमतौर पर डेंगू के दौरान दिल से जुड़ी समस्याओं के मामले बेहद ही कम देखे जाते हैं लेकिन इनकी संभावनाएं हमेशा बनी रहती हैं। ऐसे में आप नियमित रक्त जांच से अपने प्लेटलेट काउंट पर नज़र रखें। अगर डेंगू के दौरान किसी भी व्यक्ति को दिल से जुड़ी समस्या होती है तो डॉक्टर इसके इलाज के लिए एंटीअरिदमिक्स दवाओं, एनोट्रोप्स और ज़रूरत पड़ने पर पेसमेकर का इस्तेमाल भी करते हैं। डेंगू की बीमारी उन लोगों के लिए बेहद ही घातक साबित हो सकती है जो पहले से ही ह्दय रोगों से जूझ रहे हैं। ऐसे में ह्दय रोगियों को मॉनसून में सतर्क रहना चाहिए। डेंगू की बीमारी घातक इसलिए भी है क्योंकि अब तक इसकी कोई भी सटीक दवा या इलाज नहीं ढूंढा जा सका है। ऐसे में इससे बचाव का एकमात्र उपाय यही है कि आप मच्छरों की रोकथाम करें और उनके काटने से बचें।


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