तेजी से वजन कम करने के साथ ही शारीरिक और मानसिक तनाव से भी राहत दिलाती है साइकिलिंग
साइकिलिंग को रिलीज़िंग एक्सरसाइज के रूप में भी जाना जाता है। इससे शारीरिक और मानसिक तौर पर तनाव और दर्द से राहत तो मिलती ही है साथ ही तेजी से वजन भी कम किया जा सकता है।
रोजााना 30 मिनट साइकिल चलाकर आप आसानी से कुछ ही दिनों में वजन कम कर सकते हैं। रिसर्चर्स भी मानते हैं कि ऐसा करने से आप कभी भी एक्स्ट्रा वेट गेन नहीं करते। वहीं साइकिलिंग को रिलीज़िंग एक्सरसाइज के रूप में भी जाना जाता है। इससे शारीरिक और मानसिक तौर पर तनाव और दर्द से राहत मिलेगी। अगर आप साइकिलिंग करते वक्त हेडफोन लगाएं हुए हैं तो आपको म्यूजिक बहुत धीमा रखना होगा, वरना आपको सड़क पर हॉर्न सुनाई नहीं देगा। म्यूजिक सुनें पर इतना कि इससे आपको नुकसान न पहुंचे।
साइकिल चलाने के फायदे
- साइकिल की सवारी तनाव को कम करती है। विशेषज्ञों की मानें तो किसी भी तरह का खेल या कोई भी एक्टिविटी करने से तनाव को कम करने में मदद मिलती है।
- साइकिल चलाने से कोशिकाओं में उपस्थित ग्लूकोज़ पूरी तरह से समाप्त हो जाते हैं, जिससे शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।एक दिन करें पूरा रेस्ट
अगर आप फिटनेस के लिए साइकिल चला रहे हैं, तो हर सप्ताह 1 दिन का आराम करें। अगर स्पीडोमीटर पर स्पीड ज्यादा है तब तो सप्ताह में पांच दिन ही साइकिलिंग करें।
चोट लगने पर थोड़े दिन रूक जाएं
साइकिलिंग करते वक्त मांसपेशियों में खिंचाव की शिकायत हो सकती है, जो अक्सर तकरीबन 3 दिन में ठीक हो जाती है। गंभीर खिंचाव होने पर 3 हफ्तों तक साइकिल से दूरी बनाएं। गिरकर कोहनी-घुटनों आदि में किसी तरह की हल्की-फुल्की खरोच या चोट लगना मामूली है, जो अकसर फर्स्ट ऐड लेने से ठीक हो जाती है। लेकिन मामूली चोट के बाद भी अगर पैडलिंग करने में समस्या या दर्द है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। अगर चेन आदि में पैर उलझ कर घायल हुए हैं या साइकिल के मैटेरियल यानि लोहे से चोट लगी है तो टेटनस का इंजेक्शन लगवाएं।
जब मौसम ले आपकी साइड
अगर मौसम आपके अनुकूल है, तो साइकिल पर सवार होकर अपने टारगेट को अचीव करें। रोजाना का अपना लक्ष्य बनाएं कि आपको कितने किलोमीटर साइक्लिंग करनी है। तेज बारिश में साइकिल को ब्रेक दें। वैसे साइकिल चलाने के शौकीन बारिश में रेनकोट पहनकर भी फिटनेस का ध्यान रखते हैं। फिर भी आप मौसम को देखते हुए ही साइक्लिंग करें। व्यस्त सड़कों पर या खराब मौसम के दौरान सावधानी जरूर बरतें। सबसे पहले सुरक्षा के नजरिए से नी-पैड से घुटनों को जरूर कवर करें। खुली चप्पलों के बजाय बंद जूते पहनकर साइक्लिंग करें। तभी आप अपने को मस्ती के साथ पूरा कर सकते हैं।
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