Coronavirus Times: ये है घर पर शरीर का तापमान चेक करने का सही तरीका
Coronavirus Times बुखार सूखी खांसी और सांस लेने में तकलीफ होना इस खतरनाक बीमारी के अहम लक्षण हैं। तेज़ी से इसके मामले बढ़ने से मेडिल इंडस्ट्री पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है।
नई दिल्ली लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus Times: जब भी आपको बुखार जैसा महसूस होता है, तो आप सबसे पहले थर्मामीटर निकालकर शरीर के तापमान की जांच करते हैं। और जब कोरोना वायरस महामारी पूरी दुनियाभर में आग की तरह तेज़ी से फैल रही है, तो ऐसे में घर पर थर्मामीटर रखना बेहद ज़रूरी हो गया है। बुखार, सूखी खांसी और सांस लेने में तकलीफ होना, इस खतरनाक बीमारी के अहम लक्षण हैं। जिस तेज़ी से इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं, ज़ाहिर है मेडिल इंडस्ट्री पर भी इसके साथ दबाव चरम पर पहुंच गया है।
इस वक्त 95 प्रतिशत लोगों में करोना वायरस के हल्के लक्षण दिखाई दिए हैं, जिनता इलाज घर पर आइसोलेशन में रह कर हो सकता है। जिन लोगों में हल्के लक्षण या कोई लक्षण नहीं दिखें हैं, उन्हें डॉक्टरों ने दिन में दो बार अपना तापमान मापने की सलाह दी है। साथ ही ये भी कहा कि लक्षण गंभीर होने पर या लगातार तेज़ बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी है।
आज हम आपको खुद के शरीर का तापमान सही तरीके से मापने के कुछ टिप्स दे रहे हैं।
शरीर का सही टेम्प्रेचर
हमें कई बार बताया गया है कि शरीर का सामान्य तापमान 98.6 डिग्री होता है, हालांकि, कई शोध बताते हैं कि ये असल में थोड़ा कम यानी 97.9 डिग्री होता है। इसके अलावा वज़न, लंबाई और कई कारणों की वजह से हर व्यक्ति के शरीर का तापमान अलग हो सकता है।
इसलिए अगर आपको बुखार का पता लगाना है तो उसके लिए थर्मामीटर में शरीर का तापमान 100 या उससे अधिक आना चाहिए।
सही समय महत्वपूर्ण है
कई बार ऐसा होता है कि जब आप सुबह उठते हैं तो बिल्कुल स्वस्थ महसूस करते हैं, लेकिन दिन होने तक बुख़ार आ जाता है। आमतौर पर, शाम 4 से 9 बजे के बीच का समय होता है जब अक्सर बुखार अपने चरम पर पहुंच जाता है। इसलिए, अगर आप दिन में दो बार अपना तापमान माप रहे हैं, तो एक बार शाम 4 से 9 के बीच भी देखें। साथ ही हर दिन एक ही समय पर बुखार मापने से आपको शरीर के तापमान में बदलाव बेहतर तरीके से समझ आएगा।
बुखार मापने के लिए किस चीज़ का इस्तेमाल करें
बुखार के लिए आप आम मेडिकल थर्मामीटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें दो तरह के थर्मामीटर आते हैं, मर्क्यरी और डिजिटल, ये दोनों ही बुखार मापने के लिए परफेक्ट हैं। ध्यान रखें कि थर्मामीटर को इस्तेमाल करने के बाद डिसइंफेक्ट ज़रूर कर लें और अपना थर्मामीटर किसी के भी साथ शेयर न करें।
बच्चों का तापमान कैसे मापें
बच्चों का तापमान जांचना कई बार मुश्किल हो जाता है, खासकर छोटे बच्चे। अगर बच्चा इतना बड़ा है, जिसका तापमान थर्मामीटर को मुंह में लगाकर जांचा जा सकता है, तो ठीक है, लेकिन अगर बच्चा ज़्यादा छोटा है, तो सेंसर वाले थर्मामीटर का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा डिजिटल थर्मामीटर को बच्चे के बग़ल में लगाकर जांचा जा सकता है।
बुखार के बाकी लक्षण
हालांकि, बुखर का पता लगाने के लिए थर्मामीटर बेस्ट है, लेकिन इसके अलावा भी पता लगाया जा सकता है कि बुखार है या नहीं। बुखार के लक्षणों का अनुभव आपको बचपन से है। इसलिए जब भी ठंड लगनी शुरू हो जाती है, पसीना आने लगता है, बदन में बुरी तरह दर्द होने लगता है, तो ये सभी लक्षण बुखार के होते हैं।
अगर आपका बुखार कई दिन से कम नहीं हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। इसके अलावा आइसोलेशन में रहें और अपने परिवार के सदस्यों से भी दूर रहें।
दिन में कितनी बार तापमान मापना सही
कोविड-19 की वजह से शरीर का तापमान बढ़ना चिंताजनक हो जाता है। हालांकि, डॉक्टरों का मानना है कि दिन में दो बार बुख़ार चेक करना काफी रहेगा। अगर आपको कोरोना वायरस है, लेकिन लक्षण नहीं दिख रहे है, यानी आप एसिम्टोमैटिक हैं, तो आप एहतियात के लिए ज़्यादा कुछ नहीं कर सकते। हालांकि, अगर आपको बदन दर्द या ठंड लगने जैसे लक्षण महसूस होते हैं, दो दिन में दो से तीन बार शरीर का तापमान ज़रूर चेक करें।