क्या डिप्रेशन की दवाइयों से भी होगा कोरोना का इलाज? जानें- वर्जिनिया यूनिवर्सिटी का दावा
वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना का इलाज अब डिप्रेशन की दवा से भी संभव हो सकता है। कोरोना के मरीजों में ये दवा इम्यून सिस्टम को ओवरड्राइव कर सकती हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना के इलाज के लिए फिलहाल देश और दुनिया के डॉक्टर्स के पास कोई पूरी तरह से प्रभावी दवा मौजूद नहीं है। अभी तक कोरोना के गंभीर रोगियों का इलाज मलेरिये और एचआईवी आदि की दवाओं से किया जा रहा है। लेकिन अब कोरोना वायरस को लेकर वैज्ञानिकों ने नई जानकारी दी है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक आम एंटी डिप्रेशन की दवाइयों से कोरोना के लक्षण में आराम मिल सकता है। अमेरिका के वाशिंगटन स्कूल ऑफ मेडिसीन के वैज्ञानिकों ने ये जानकारी दी है। यहां के वैज्ञानिक कोरोना के मरीजों पर फ्लूवोक्सामीन दवा का असर जांच रहे हैं। आपको बता दें कि फ्लूवोक्सामीन एक एंटी डिप्रेशन दवा है। इसका इस्तेमाल डिप्रेशन के मामलों में या ऑब्सेसिव कंपलसिव डिसऑर्डर में होता है।
द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस दवा के इस्तेमाल से साइकोटाइन सिंड्रोम से राहत मिल सकती है। इस सिंड्रोम में शरीर का इम्यून सिस्टम ओवरड्राइव कर जाता है और शरीर में इम्यून सेल्स साइकोटाइन की बाढ़ आ जाती है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, बेतरतीब इम्यून सिस्टम जिंदगी के लिए खतरा बन सकता है। इससे ऑर्गन फेलियर का खतरा बन जाता है। कोरोना वायरस से जूझ रहे गंभीर मरीजों में ऐसी हालत देखी गई है। शोधकर्ताओं के मुताबिक फ्लूवोक्सामीन की दवा के इस्तेमाल से कोरोना का इलाज संभव है। इसकी वजह से साइकोटाइन्स का उत्पादन कम होता है और मरीज को सेप्सिस होने की संभावना कम हो जाती है।
वर्जिनिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अल्बान गॉल्टियर ने बताया है कि वो इस दवा के क्लीनिकल ट्रायल को लेकर उत्साहित हैं। अल्बान इस दवा को लेकर रिसर्च करने वाली टीम में हैं। उन्होंने कहा है कि अगर इस दवा के इस्तेमाल से कोरोना के लक्षण में आराम मिलता है तो ये महामारी से निपटने में कारगर दवा साबित हो सकती है।
Written By Shahina Noor