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Coronavirus & Vitamin-D: क्या विटामिन-डी कोरोना वायरस से बचाव कर सकता है?

Coronavirus Vitamin-D हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक विटामिन-डी सप्लीमेंट कोरोना वायरस जैसी सांस संबंधी बीमारी के प्रतिरोध में अहम भूमिका निभा सकता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 03:34 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 08:46 AM (IST)
Coronavirus & Vitamin-D: क्या विटामिन-डी कोरोना वायरस से बचाव कर सकता है?
Coronavirus & Vitamin-D: क्या विटामिन-डी कोरोना वायरस से बचाव कर सकता है?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus & Vitamin-D: कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते कहर और ख़तरे की वजह से अचानक हर तरफ खाने की ऐसी चीज़ों की चर्चा होने लगी है जिससे इम्यूनिटी को बढ़ावा मिल सके। कोरोना वायरस का अभी कोई इलाज नहीं मिल सका है, और इसी वजह से लॉकडाउन का ख़त्म होना इस वक्त मुश्किल लग रहा है। यही वजह है कि सभी लोग इस जानलेवा इंफेक्शन से बचने और अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए विटामिन्स और सप्लीमेंट का सहारा ले रहे हैं। 

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पिछले महीने हुई एक रिसर्च के मुताबिक, विटामिन-डी सप्लीमेंट कोरोना वायरस जैसी सांस संबंधी बीमारी के प्रतिरोध में अहम भूमिका निभा सकता है। आइरिश मेडिकल जनर्ल में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, विटामिन इस बीमारी की गंभीरता को कम कर सकता है। साथ ही इस रिसर्च में व्यस्कों को दिन में 20-50 माइक्रोग्राम विटामिन-डी खाने की सलाह दी गई है।   

वहीं, इंग्लैंड पब्लिक हेल्थ ने कोरोना वायरस के चलते लोगों को वसंत और गर्मियों के पूरे मौसम में विटामिन-डी की खुराक लेने की सलाह दी है। इससे पहले की हम विटामिन-डी से जुड़े फायदों और ये कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने में कितनी कारगर के बारे में बात करें, ये जानना ज़रूरी है कि आखिर विटामिन-डी है क्या?

क्या है विटामिन-डी और इसकी ज़रूरत क्यों पड़ती है?

विटामिन-डी को सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है क्योंकि यह सूर्य के प्रकाश की प्रतिक्रिया में शरीर द्वारा उत्पन्न किया जाता है। यह एक घुलनशील विटामिन के समूह में आता है यानी यह हमारी वसा कोशिकाओं में संचित रहता है और लगातार कैल्शियम के चयापचय (मेटाबोलिज्म) और हड्डियों के निर्माण में उपयोगी होता है। इसलिए कहा जाता है कि यह शरीर में कैल्शियम तथा फॉस्फेट के अवशोषण को बढ़ाता है। ये हमारे इम्यून सिस्टम में भी अहम रोल अदा करता है, इसलिए अच्छी और मज़बूत इम्यूनिटी के लिए इसका सेवन ज़रूरी है। दालें, अंड़े, मच्छली और मटन विटामिन-डी के अच्छे स्त्रोत हैं। इसके अलावा ये दूध और अनाज में भी होता है।

क्या कोरोना वायरस से बचाव कर सकता है विटामिन-डी?

विटामिन-डी प्रतिरक्षा प्रणाली के समुचित कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो वायरस और कीटाणुओं के खिलाफ शरीर में सबसे पहले बचाव करती है। रिसर्च की मानें तो विटामिन में एंटी-इंफ्लामेटरी और इम्यूनोरेगूलेटरी गुण पाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम के काम के लिए बेहद ज़रूरी हैं। विटामिन-डी के कम स्तर को संक्रमण, बीमारियों और प्रतिरक्षा संबंधी स्थितियों के बढ़ते जोखिम से जोड़ा गया है। कई शोध में पाया गया है कि विटामिन-डी इम्यूनिटी को बढ़ावा देता है और साथ ही सांस संबंधी इंफेक्शन से बचाता भी है। 

क्या लॉकडाउन की वजह से विटामिन-डी की कमी हो सकती है?

इस वक्त लॉकडाउन की वजह से सभी लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं। क्योंकि घर में पर्याप्त सूरज की रौशनी नहीं मिल पाती है, इसलिए ये सवाल खड़ा होना लाज़िम है कि क्या लॉकडाउन की वजह से शरीर विटामिन-डी की कमी हो रही होगी? हालांकि, लॉकडाउन को छोड़ दिया जाए, तब भी ज़्यादातर लोग ऐसे मौसम में बाहर निकलना पसंद नहीं करते हैं और घरों या ऑफिस में एसी में बैठना पसंद करते हैं। यही वजह है कि ज़्यादातर लोगों में विटामिन-डी की कमी होती है। 

भारत में विटामिन-डी की कमी आम

पूरी दुनिया में विटामिन-डी की कमी आम समस्या है। खासकर, भारत में ये 80-90 प्रतिशत है। इसके पीछे संतुलन डाइट का न होना, पर्याप्त सूरज की किरणें न मिलना और त्वचा में मेलानिन ज़्यादा होना अहम वजह है। इसके अलावा किडनी और लिवर की समस्या की वजह से भी विटामिन-डी की कमी होती है।

क्या होता है विटामिन-डी की कमी से

इसकी कमी से हड्डियां कमज़ोर होती है, जिसकी वजह से हड्डी टूटने के आसार बढ़ जाते हैं। इसके अलावा विटामिन-डी की कमी से इंफेक्शन के अलावा डायबिटीज़, उच्च रक्त चाप, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, डिसलिपिडेमिया और कैंसर भी हो सकता है।

विटामिन-डी की कमी को कैसे रोकें

सूरज की किरणें लें, लॉकडाउन के बावजूद सूरज में कुछ देर बैठें, इसके लिए चाहें वॉक करें या छट पर वर्कआउट। इसके साथ ही संतुलित आहार लें। अपने खाने में दालें, दही, मच्छली, अंडे और मीट जैसी चीज़ें शामिल करें और साथ ही मौसमी सब्ज़ियां और फल। 

Disclaimer:लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।


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