भेकासन का रोज़ाना अभ्यास आपको रखेगा दिनभर एक्टिव और फिट
भेकासन को कर आप लंबे समय तक अच्छी सेहत बरकरार रख सकते हैं। पेट के निचले हिस्से गले जांघों और एड़ियों के लिए ये आसन है बहुत ही फायदेमंद।
फ्रॉग पोज यानी भेकासन के कई लाभ है। इस आसन को कर आप अच्छी सेहत बरकरार रख सकते हैं। भेक यानी मेंढक। भेकासन को फ्रॉग पोज भी कहा जाता है क्योंकि मंडूकासन की ही तरह भेकासन की भी अंतिम अवस्था में शरीर की आकृति मेढक-सी हो जाती है। यह आसन पेट के बल लेटकर दिया जाता है। यह मंडूकासन और धनुरासन से काफी मिलता-जुलता है।
हॉफ फ्रॉग पोज या अर्ध भेकासन/अर्ध-धनुरासन और एकपद भेकासन
ये दोनों आसन भेकासन के दो अन्य रूप हैं। कम उम्र में जब शरीर लचीला होता है, इसका अभ्यास अधिक आसान है।
विधि: पेट के बल इस प्रकार लेटें कि शरीर का ज्यादातर भार पेट पर आ जाए। दोनों पैरों के बीच थोड़ा फासला रखते हुए सांस छोड़ें और दोनों घुटनों को मोड़कर पीठ की तरफ लाएं। अब सांस भरते हुए दोनों हाथों से पैरों के पंजों के ऊपरी हिस्से को पकड़ें और एडि़यों को नितम्बों पर टिका दें(छाती को आप जितना ऊपर उठाएंगे, हाथों से पैर के पंजों को पकड़ना उतना ही आसान हो जाएगा)। कुछ सेकेंड सहज सांस के साथ इस अवस्था में रहें। फिर सांस छोड़ते हुए पैरों को सामान्य अवस्था ले आएं और पेट के बल ही कुछ देर लेटे रहें। जब इस आसन के अभ्यास में निपुण हो जाएं तो एडि़यों को नितम्बों पर टिकाने की बजाए, उन्हें कमर की बगल में, जमीन से सटाए रखने पर जोर दें और पंजों के अगले भाग को हथेलियों से दबा दें।
लाभ
1. पेट, कमर के निचले हिस्से और नितंबों की चर्बी दूर होती है।
2. लंबे अभ्यास से फ्लैट फुट की समस्या हल होती है।
3. पैन्क्रियाज पर जोर पड़ने के कारण पाचन-तंत्र सशक्त होता है और इसुलिन का स्राव भी नियमित रहता है।
4. पूरे शरीर में लचीलापन और मांसपेशियों में कसाव पैदा होता है। वृद्धावस्था में भी कमर लचीली और मांसपेशियां मजबूत रहती है।
5. पैरों,एडि़यों,घुटनों और जोड़ों के दर्द तथा कमर के निचले हिस्से की परेशानियां दूर होती हैं।
6. इस आसन से आध्यात्मिक ऊर्जा जाग्रत होती है।
7. फेफड़ों को अधिक ऑक्सीजन मिलता है। सांस बेहतर ढंग से चलने लगती है।
सावधानी: गर्भावस्था में, कंधे, पीठ या घुटने के दर्द में यह आसन वर्जित हैं।
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