कहीं आप सैनिटाइजर की जगह ज़हर का तो इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, संभलिए
देश में ऐसे सैनिटाइजर भी बिक रहे हैं जो खतरनाक विषैले हैं। इन सैनिटाइजर्स में ‘मेथानॉल’ का इस्तेमाल किया जा रहा है जो काफी विषैला हैं और मानव शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकता हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोनावायरस से बचने के लिए हाथों को बार-बार वॉश करना या फिर सैनिटाइज करना जरूरी है, ताकि आपके हाथों के जरिए कोविड-19 आपके शरीर में प्रवेश नहीं कर सके। कोरोना के इस मुश्किल दौर में मुनाफेखोर लोग अपने फायदे के लिए सैनिटाइजर की जगह जहर बेच रहे हैं, जो आपको बीमारी से बचाने की बजाए बीमार बना रहा है।
खबर आ रही है कि कई गिरोह काफी विषैले मेथानॉल (Methanol) के प्रयोग से बने हैंड सेनिटाइजर बेच रहे हैं। जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई (CBI) ने इंटरपोल से मिली जानकारी के आधार पर देश भर में पुलिस और कानून लागू करने वाली एजेंसियों को सतर्क किया है। CBI ने पहली बार अलर्ट जारी कर कहा है कि देश में ऐसे सैनिटाइजर भी बिक रहे हैं, जो खतरनाक हैं। इन सैनिटाइजर्स में ‘मेथानॉल’ का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो काफी विषैला है और मानव शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।
आइए आपको बताते हैं कि कैसे आप सैनिटाइजर खरीदें।
- जब आप सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हैं तो आपको हाथों में ठंडापन महसूस होता है, साथ ही सैनिटाइजर उड़ जाता है और हाथ सूख जाते हैं। इसमें आइसो प्रोपाइल एल्कोहल और इथाइल एल्कोहल होता है, जिसकी वजह से ये जल्द हवा में उड़ जाता है। सैनिटाइजर में एल्कोहल की मात्रा अलग-अलग होती है। अस्पताल में 70% वाला फैक्ट्री में 90% वाला, जबकि घरों में 50% वाला सैनिटाइजर इस्तेमाल होता है। तीनों ही सैनिटाइजर ठीक हैं। जो सैनिटाइजर हाथों पर लगाते ही उड़ जाए, वो असली है।
- नकली सैनिटाइजर सूखेगा नहीं और हाथ गीले ही रहेंगे। कई बार हाथों पर मिर्चे भी लगेगी। बहुत जरूरी हो तो आप सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें वरना हाथों को बार-बार धोएँ।
- ब्रांडेड सैनिटाइजर ही खरीदें। अगर आप किसी दूसरी कंपनियों का खरीद रहे हैं तो पहले उसकी पूरी डिटेल चेक करें। 99.9% बैक्टीरिया खत्म करने का दावा करने वाले सैनिटाइजर पर लाइसेंस नंबर जरूर देखें। जिस सैनिटाइजर पर लाइसेंस नंबर नहीं हो, उसे नहीं खरीदें।
- अगर आपको किसी सैनिटाइजर पर शक है तो आप इन नंबर पर 0120-2829040 पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
- हैंड सैनिटाइजर में कम से कम 60 फीसदी अल्कोहल की मात्रा होनी चाहिए। ऐसा सैनिटाइजर बीमार होने से रोकने और कीटाणुओं को फैलने से रोकने में कारगर होता है।
- अल्कोहलयुक्त सैनिटाइजर किसी परिस्थिति में तेजी से हाथों में माइक्रोब्स की संख्या कम कर देता है, लेकिन सैनिटाइजर सभी तरह के कीटाणुओं का सफाया नहीं करता है।
Written By Shahina Noor