अमेरिका ने माना, ‘नमस्ते’ करना कोरोना से बचने का सबसे कारगर उपाय
भारत की परंपरा इतनी ज्यादा प्रभावशानी हैं कि आज दुनिया को इस परंपरा का कायल होना पड़ रहा हैं। अमेरिका ने कोरोना से बचने के लिए दोस्तों और साथियों का अभिवादन नमस्ते से करने को कहा।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना से बचने के लिए हाथ जोड़कर नमस्ते करना सबसे बेहतर तरीका है। अमेरिका के प्रतिष्ठित अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट 'दी कोविड-19 रिडल व्हाई डज द वायरस वैलॉप सम प्लेसिज एंड स्पेयर अदर्स’ के अनुसार, कोरोना वायरस ने पृथ्वी पर लगभग हर जगह अपना कहर दिखाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक ओर न्यूयॉर्क, पेरिस और लंदन जैसे महानगरों में कोरोना ने तबाही मचा रखी है, वहीं बैंकॉक, बगदाद, नई दिल्ली जैसे शहरों की स्थिति अब तक उतनी खराब नहीं हुई है।
रिपोर्ट कहती है कि हालांकि इसके और भी कारण हो सकते हैं, लेकिन संस्कृति इसमें अहम भूमिका अदा कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय तरीके से अभिवादन सामाजिक दूरी के पालन का सबसे उत्तम तरीका हैक, क्योंकि इससे वायरस से बचने का एक महत्वपूर्ण नियम सामाजिक दूरी बनाए रखने का उल्लंघन भी नहीं होता।
थाईलैंड, जापान और कोरियाई देशों में इसी कारण मामले कम है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट कहती है कि सवाल यह है कि कुछ स्थानों पर वायरस का कहर अधिक और कुछ जगह पर कम क्यों है? इसको लेकर कई सिद्धांत और अटकलें हैं, लेकिन इसका कोई ठोस जवाब नहीं मिल पाया है।
रिपोर्ट के अनुसार महामारी विशेषज्ञों ने माना है कि इसमें सांस्कृतिक कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ समाजों जैसे कि भारत, थाईलैंड, जापान, कोरिया आदि देशों में लोगों के अभिवादन करने की संस्कृति सामाजिक दूरी का उत्तम उदाहरण है। ये देश कोरोना से अधिक सुरक्षित हैं।
रिपोर्ट कहती है कि थाईलैंड और भारत में जहां वायरस के मामले तुलनात्मक रूप से कम हैं, वहां लोग एक-दूसरे का अभिवादन दोनों हाथ जोड़कर नमस्ते करके करते हैं। वहीं, जापान और दक्षिण कोरिया में भी कोरोना वायरस आने से काफी समय पहले से लोग सिर झुकाकर एक-दूसरे का अभिवादन करते रहे हैं और थोड़ा भी बीमार होने पर उन्हें मास्क पहनने की आदत है।
बुजुर्गों की देखभाल करने की संस्कृति भी विकसित करें। रिपोर्ट के अनुसार, विकासशील देशों में बुजुर्गों की घर में देखभाल करने की संस्कृति बहुत अच्छी है। भारत जैसे देशों में बुजुर्गों को अपने साथ रखा जाता है और यहां सामूहिक परिवार का चलन है। कई पीढ़ियां एक साथ एक ही छत के नीचे रहती हैं। इसलिए यहां बुजुर्गों में अन्य देशों की तुलना में बहुत कम मामले हैं। वहीं, जापान और कोरियाई संस्कृति में भी बुजुर्गों के प्रति सम्मान है।
दूसरी तरफ पश्चिमी देशों में एकल परिवार के चलन के कारण बुजुर्गों के लिए ओल्ड एज होम की जरूरत पड़ती है। इसलिए इन देशों में बुजुर्गों की मृत्यु दर अधिक है। हार्वर्ड ग्लोबल हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक आशीष झा ने कहा कि कई देशों में युवा आबादी अधिक होने की वजह से भी महामारी के मामले कम हैं।
Written By Shahina Noor