Eye Care in Pollution: वायु प्रदूषण आंखों के लिए किस तरह है खतरनाक और कैसे कर सकते हैं इससे बचाव
Eye Care in Pollution हवा में मौजूद कई तरह के प्रदूषक रसायन या विषैले पदार्थ होते हैं जो हमारी आंखों के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकते हैं। तो कैसे प्रदूषण से होने वाले नुकसान से आंखों को बचा सकते हैं जानेंगे यहां।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Eye Care in Pollution: हम जिस हवा में सांस लेते हैं, वह न सिर्फ हमारे फेफ़ड़ों और श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है बल्कि आंखों सहित शरीर के सभी अंगों पर भी असर डालती है। आरामदायक और साफ़ नज़र के लिए आंखों का स्वास्थ्य बहुत अधिक मायने रखता है। कॉर्निया (आंखों का पारदर्शी भाग) की सतह आंसुओं की एक फिल्म से ढकी होती है, जिसमें तीन परतें होती हैं, कन्जक्टिवा और आंखों में मौजूद ग्लैंड्स इसका निर्माण करती हैं। हवा में मौजूद कोई भी प्रदूषक, रसायन या विषैले पदार्थ इस फिल्म को नुकसान पहुंचाते हैं। जिसके चलते यह फिल्म टूटने लगती है। कॉर्निया में मौजूद तंत्रिकाओं के सिरों को नुकसान पहुंचने के कारण आंखों में लालिमा, पानी आना जैसी समस्याएं होनी लगती है, जिसे आंखों की खुश्की कहते हैं।
प्रदूषण के कारण कन्जक्टिवा और आंखों की पलकों में मौजूद ग्लैण्ड्स को नुकसान पहुंचता है, जिसकी वजह से आंसुओं का स्राव कम हो जाता है, इसके कारण आंखों में सूजन और इन्फेक्शन जैसे कन्जक्टिवाइटिस, ब्लेफेरिटिस, स्टाय, कॉर्नियल अल्सर आदि की संभावना बढ़ जाती है। लंबे समय तक हवा में मौजूद रसायनों के संपर्क में रहने से आंखों की सतह और टियर ड्रेनेज सिस्टम को नुकसान पहुंचता है, जिसके कारण आंखों से पानी आने की समस्या बढ़ जाती है। गंभीर मामलों में कॉर्निया का इन्फेक्शन बढ़ने से आंखों की नज़र जा भी सकती है।
वायु प्रदूषण से आंखों को कैसे बचाएं?
- वायू प्रदूषण से बचना आसान नहीं है इसलिए सरल तरीका यही है कि कि आंखों को प्रदूषण से बचाने के लिए जब भी बाहर जाएं, सुरक्षात्मक चश्मे पहनें।
- कार की खिड़कियां बंद रखें, कमरे में एयर फिल्टर का उपयोग करें।
- घर लौटने के बाद साफ पानी से अपनी आंखों को धोएं, अगर आप आउटडोर स्पोर्ट्स खेलते हैं, तो सुरक्षात्मक आईवियर का उपयोग करें।
- इसके अलावा नियमित व्यायाम तथा एंटी ऑक्सीडेन्ट जैसे ताज़ी सब्ज़ियों और फलों से युक्त आहार के सेवन से अपनी इम्युनिटी (शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता) बढ़ाएं।
- धूम्रपान न करें और एल्कॉहल का सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
- कॉस्मेटिक्स, हेयर कलर एवं बॉडी केयर प्रोडक्ट्स के रूप में कैमिकल्स के इस्तेमाल को सीमित रखें। क्योंकि इन सब रसायनों के इस्तेमाल से वायु प्रदूषण का प्रभाव और भी गंभीर हो जाता है।
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो नेत्र चिकित्सक से संपर्क करें और उचित इलाज कराएं। अगर आप प्रदूषित हवा के संपर्क में रहते हैं तो अपनी आंखों की नियमित जांच कराते रहें।
(डॉ. संजय धवन, सीनियर डायरेक्टर एवं एचओडी- ऑप्थेल्मोलोजी, मैक्स मल्टी स्पेशलटी सेंटर, पंचशील पार्क से बातचीत पर आधारित)
Pic credit- freepik