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Men Accessories: अपने जिम बैग में इन चीज़ों को भी करें कैरी, वर्कआउट हो जाएगा आसान

जिम में हैवी वर्कआउट करने के लिए सिर्फ आउटफिट्स का ही कम्फर्टेबल होना जरूरी नहीं है। तो अपने जिम बैग में और किन चीज़ों को कैरी करें जो वर्कआउट में करेंगी आपकी मदद जानें यहां।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Mon, 16 Mar 2020 07:44 AM (IST)Updated: Mon, 16 Mar 2020 07:44 AM (IST)
Men Accessories: अपने जिम बैग में इन चीज़ों को भी करें कैरी, वर्कआउट हो जाएगा आसान
Men Accessories: अपने जिम बैग में इन चीज़ों को भी करें कैरी, वर्कआउट हो जाएगा आसान

जिम में अचानक हैवी वर्कआउट करना पड़ जाए तो आपके पास पहले से एक्सेसरीज़ मौज़ूद होना ज़रूरी है। इसके लिए जिम बैग में यहां दी जा रही एक्सेसरीज़ रखना भी बेहद ज़रूरी है।

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फ्लैट शूज़

फ्लैट शूज़ वज़न उठाने के लिए अच्छे रहते हैं। इनसे पैरों के मसल्स ज़्यादा ऐक्टिव रहते हैं। वर्कआउट के दौरान अगर फ्लैट शूज़ न पहने हों तो एड़ी से प्रेशर लगाना मुश्किल होता है। हैवी स्क्वॉट्स, डेडलिफ्ट्स और किसी अन्य फ्री-कंपाउंड लिफ्ट के दौरान फ्लैट शूज़ अच्छा महसूस कराते हैं।

रैप्स

रैप आपके घुटनों की सेफ्टी करती हैं। साथ ही आपको स्क्वॉट, लेग प्रेस में हैवी वेट उठाने के दौरान मदद करती हैं। इन्हें पहनकर एक्सरसाइज़ करने से चोट लगने का डर भी नहीं रहता। इन्हें यूज़ करते समय ध्यान रखें कि घुटने से बहुत कसकर न लपेटें। कसकर लपेटने से ब्लड फ्लो रुक सकता है।

वेट लिफ्टिंग स्ट्रैप्स

रिस्ट रैप्स या वेट लिफ्टिंग स्ट्रैप्स पुलिंग, होल्डिंग और हैवी लिफ्टिंग में आपके लिए मददगार होते हैं। साथ ही इनसे किसी भी इक्यिूपमेंट को पकडऩे के लिए अच्छी ग्रिप मिलती है। वेट लिफ्टिंग स्ट्रैप्स का यूज़ आप मज़बूत ग्रिप और रिस्ट सपोर्ट के लिए हेवी वेट उठाने के दौरान कर सकते हैं। रिस्ट स्ट्रैप्स को बांधने में सावधानी रखनी चाहिए। गलत तरीके से बांधी गई रिस्ट स्ट्रैप्स से ब्लड फ्लो कम हो सकता है। इसे ज़्यादा कसकर या ढीला नहीं बांधना चाहिए।

वेट ट्रेनिंग बेल्ट

आपके वर्कआउट और स्ट्रेंथ इक्यिूपमेंट में काफी ज़रूरी होती है। लेकिन इस पर पूरी तरह भरोसा करना भी ठीक नहीं है। बेल्ट का यूज़ करने से पहले मसल्स मज़बूत होनी चाहिए, ताकि आप वज़न आसानी से उठा सकें। वेट लिफ्टिंग बेल्ट आपकी पीठ के निचले हिस्से को सुरक्षा प्रदान करती है। यह बड़े लिफ्ट जैसे स्क्वॉट्स, डेडलिफ्ट, बेंच प्रेस, ओवरहेड प्रेस के दौरान आपको सपोर्ट करती है।

ट्रेनिंग लॉगबुक

ट्रेनिंग लॉगबुक में आपको अपनी ट्रेनिंग से जुड़ी सभी जानकारियां लिखकर रखनी हैं। इसे आप डायरी या मोबाइल नोटपेड में भी टाइप कर सकते हैं। इसमें आप एक्सरसाइज़, सेट, रैप्स, वज़न आदि के बारे में लिखें। इससे आपको अपनी प्रोग्रेस के बारे में पता लगेगा।


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