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जानिए, मेकअप से जुड़ी गलतफहमियों और उनके पीछे छिपे सच केे बारे में

सिर्फ मेकअप करना ही काफी नहीं होता। इसके साथ ही अगर आप मेकअप से जुड़ी गलतफहमियों और हकीकत से वाकिफ रहेंगे तो दूसरे लोगों को भी सही गाइड कर पाएंगे। तो आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ बातें।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Thu, 28 Feb 2019 09:44 AM (IST)Updated: Thu, 28 Feb 2019 09:44 AM (IST)
जानिए, मेकअप से जुड़ी गलतफहमियों और उनके पीछे छिपे सच केे बारे में

मेकअप से जुड़ी कई तरह की गलतफहमियां हैं जिनका पालन हम अपने रोजमर्रा के जीवन में करते हैं। साथ ही अलग-अलग लोग अपने एक्सपीरियंस के आधार पर भी कई तरह की सलाह देते है। लेकिन किसकी सलाह मानें और किसे अवॉयड करें इसे लेकर बहुत कनफ्यूज़न रहती है। तो आइए आज इस तरह के मिथकों और तथ्यों को एक्सपर्ट श्री यशु जैन(एमडी, मैटलुक कॉस्मेटिक्स) से जानते हैं।

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1. मिथकः मेकअप प्रोडक्ट्स की एक्सपायरी डेट नहीं होती है।

तथ्यः क्या आप कॉस्मेटिक्स खरीदने के लिए एक्सपायरी डेट चेक करते हैं? हममें से अधिकांश लोग इसकी जांच नहीं करते हैं क्योंकि हम मानते हैं कि मेकअप उत्पादों के उपयोग की कोई समय सीमा नहीं होती है। लेकिन सच्चाई यह है कि सभी कॉस्मेटिक उत्पादों की एक एक्सपायरी डेट होती है और सभी कॉस्मेटिक उत्पादों पर इसका उल्लेख होता है।

2. मिथकः महंगे उत्पाद बेहतर हैं।

तथ्यः सभी ब्रांडों में अच्छे और बुरे उत्पाद हैं। यह जरूरी नहीं है कि महंगे उत्पाद अच्छे गुणवत्ता मानकों वाले होंगे। आपको कॉस्मेटिक्स चुनते समय उनकी निर्माण सामग्री के बारे में भी जानने की जरूरत है।

3. मिथकः अपने माथे और गाल के साथ मेल करके अपनी फाउंडेशन चुनें।

तथ्यः परफेक्ट फाउंडेशन ढूंढना मेकअप के लिए सबसे मुश्किल हिस्सा है। एक तरफ पूरी तरह से मैचिंग फाउंडेशन आपके लुक को निखार सकता है जबकि दूसरी तरफ फाउंडेशन का बुरा विकल्प वास्तव में आपके लुक को खराब कर सकता है। ऐसे में सलाह दी जाती है कि वह चुनें जो आपकी गर्दन और चेहरे की रंगत से मेल खाता हो। इसके अलावा, यह भी ध्यान रखें कि कृत्रिम प्रकाश की तुलना में प्राकृतिक प्रकाश में फाउंडेशन का चयन करना काफी बेहतर रहता है।

4. मिथकः फाउंडेशन की ब्लेंडिंग के लिए अंगुलियां सबसे बेहतर टूल हैं।

तथ्यः फाउंडेशन की ब्लेंडिंग के लिए अंगुलियों का उपयोग करने से फाउंडेशन की कवरेज अनियमित होती है। इसके अलावा, जब आप इसे अंगुलियों से मिलाते हैं तो यह लंबे समय तक नहीं रहती है। अंगुलियों का उपयोग करने से आप जरूरत से तीन गुणा अधिक फाउंडेशन को खराब करते हैं। न्यूनतम मात्रा में बेहतर कवरेज प्रदान करने वाली ब्लेंडिंग के लिए ब्रश और स्पंज सर्वश्रेष्ठ हैं।

5. मिथकः पाउडर तैलीय (ऑयली) त्वचा के लिए अच्छा है।

तथ्यः लंबे समय तक पाउडर का उपयोग करने से त्वचा की सतह डीहाइड्रेट होने लगती है। इसके अलावा पाउडर का उपयोग करने के बाद चेहरे को गहराई से साफ करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह छिद्रों में विस्तार कर सकता है। शाइन को मैटीफाइ करने के लिए पाउडर की बजाए आधुनिक प्राइमरों का उपयोग किया जा सकता है।

 

6. मिथकः मॉइस्चराइजर प्राइमर का विकल्प है।

तथ्यः मॉइस्चराइजर और प्राइमर, फार्मूला और उपयोग के लिहाज से दो अलग-अलग चीजें हैं। मॉइस्चराइज़र त्वचा को हाइड्रेट करता है जबकि प्राइमर स्मूथ त्वचा के लिए आधार बनाता है, फाइन लाइंस को भरता है और फाउंडेशन के लिए एक सतह बनाता है। यह मेकअप को लंबे समय तक बनाए रखता है। श्री यशु जैन, एमडी, मैटलुक कॉस्मेटिक्स ने कहा कि “हमेशा मेकअप के आधार के रूप में प्राइमर का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।“

7. मिथकः अगर आपकी फाउंडेशन में सनस्क्रीन है तो आपको इसकी अलग से जरूरत नहीं है।

तथ्यः चूंकि अधिकांश कॉस्मेटिक कंपनियों का दावा है कि उनकी फाउंडेशन में एसपीएफ़ शामिल है, जबकि सच्चाई यह है कि उनमें आपकी त्वचा की सुरक्षा के लिए पर्याप्त सनस्क्रीन सामग्री नहीं है। अगर आप दिन में मेकअप कर रही हैं तो हमारी सलाह है कि हमेशा सनस्क्रीन लगाएं।

 

8. मिथकः मस्कारा को केवल तभी फेंकना चाहिए जब वह सूख जाए।

तथ्यः मस्कारा का उपयोग पहले उपयोग के तीन महीने तक की अवधि के लिए ही होता है। इस अवधि के बाद यह बैक्टीरिया के लिए एक सही ब्रीडिंग ग्राउंड के रूप में कार्य करता है। इससे आंखों को संक्रमण भी हो सकता है।

9. मिथकः यदि आप ही अपने कॉस्मेटिक्स की एकमात्र उपयोगकर्ता हैं तो आप ब्रश धोने से बच सकते हैं।

तथ्यः मेकअप ब्रश विभिन्न उत्पादों के संपर्क में आते हैं और इस तरह उन्हें धोना एक नियमित स्वच्छता की तरह है। ब्रश धोने से परहेज करने से बैक्टीरिया का जमाव होता है जो त्वचा के लिए खतरनाक होता है और उसके उपयोग करने की अवधि भी कम हो जाती है।

10. मिथकः कंसीलर को फाउंडेशन से पहले लगाया जाता है।

तथ्यः कई बार फाउंडेशन से पहले कंसीलर लगाने से कंसीलर का असर पूरी तरह से हट जाता है। इसके अलावा, फाउंडेशन के बाद कंसीलर लगाने से डार्क सर्कल और फाइन लाइंस जैसी खामियों को छिपाने में मदद मिलती है।


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