Jagran Dialogues: बदलते मौसम और कोरोना महामारी के बीच कैसे रखें त्वचा का ख़्याल?
Jagran Dialogues जैसे हमारी सेहत की देखभाल ज़रूरी है ठीक उसी तरह त्वचा की देखभाल भी अहम है। खूबसूरत और बेदाग़ त्वचा की ख़्वाहिश सभी की होती है लेकिन मौसम और फिर आजकल कोविड महामारी की वजह से कई लोग त्वचा से जुड़ी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। जैसे हमारी सेहत की देखभाल ज़रूरी है, ठीक उसी तरह त्वचा की देखभाल भी अहम है। खूबसूरत और बेदाग़ त्वचा की ख़्वाहिश सभी की होती है, लेकिन मौसम और फिर आजकल कोविड महामारी की वजह से कई लोग त्वचा से जुड़ी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।
आज इसी समस्या को लेकर जागरण न्यू मीडिया की Ruhee Parvez और Urvashi Kapoor ने 'जागरण डायलॉग्ज़' त्वचा विशेषज्ञ और हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. पंकज चतुर्वेदी और कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. चैत्रा आनंद से बातचीत की। इन एक्सपर्ट्स ने कोविड के दौरान और मौसम बदलने पर त्वचा से जुड़ी समस्याओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। आइए जानते हैं-
लोग बिना स्किन टाइप जानें प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने लगते हैं, तो ऐसे में अपना स्किन टाइप कैसे जानें?
डॉ. पंकज: किसी भी प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने से पहले ये जानना बेहद ज़रूरी है कि आपका स्किन टाइप क्या है। इसे जानना आसान भी है। आप इसका पता 'one hour wash test की मदद से लगा सकते हैं। इसके लिए एक माइल्ड फेस वॉश लें और गुनगुने पानी से चेहरे को धोएं। चेहरा धोने के बाद किसी तरह का मॉइश्चराइज़र या सनस्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करना है। एक घंटा इंतज़ार के बाद देखें कि अगर आपकी स्किन चिपचिपी, रूखी, ऑयली या रेडनेस नहीं है, तो आपकी त्वचा नॉर्मल है। त्वचा 5 तरह की होती हैं- नॉर्मल स्किन, ऑयली स्किन, ड्राई स्किन, कॉम्बीनेशन स्किन और सेंसिटिव स्किन। चेहरा धोने के एक घंटे बाद अगर आपकी त्वचा पर तेल निकल रहा है, तो इसका मतलब आपकी स्किन ऑयली है। अगर त्वचा रूखी हो जाती है, तो आपकी स्किन ड्राई है। वहीं, अगर आपके गाल, चिन के आसपास की त्वचा रूखी है, लेकिन माथा और नाक का हिस्सा चमक रहा है, तो कॉम्बीनेशन स्किन है।
आर्मपिट की त्वचा के काले पड़ने के पीछे की वजह और इसका इलाज क्या है?
डॉ. चैत्रा: इसको हाइपरपिगमेंटेशन कहा जाता है। भारतीय स्किन टाइप में मेलानिन की मात्रा ज़्यादा होती है। कोई भी चीज़ जब स्किन को इरिटेट करती है, तो पिगमेंटेशन, दाग़ पड़ने लगते हैं। त्वचा पर सनस्क्रीन ज़रूर लगाना चाहिए, इससे आप टैनिंग से बचते हैं। फिर चाहे आप घर से बाहर निकल रहे हैं, या फिर घर के अंदर ही क्यों नहीं बैठे हैं। साथ ही लैपटॉप और मोबाइल के लगातार इस्तेमाल से भी आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचता है। सूरज की किरणों त्वचा को 90% डैमेज करती हैं, इसके बाद हार्मोन्स में बदलाव भी एक वजह है।
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