अलग-अलग सिचुएशन में बदलती है त्वचा की गंध, तो बॉडी केमिस्ट्री के हिसाब से चुनें अपने लिए सही परफ्यूम
हर व्यक्ति की बॉडी केमिस्ट्री अलग होती है इसलिए एक खुशबू अलग-अलग व्यक्तियों पर अलग-अलग प्रभाव पैदा करती है। क्या-क्या कराण त्वचा की गंध पर प्रभाव डालते हैं जानेंगे इसके बारे में..
परफ्यूम का चयन करना मुश्किल काम है। लेकिन पहले सवाल है कि क्या इसकी महक बंद बॉटल से बाहर आकर बदलेगी तो नहीं? ऐसा इसलिए, क्योंकि हर व्यक्ति की बॉडी केमिस्ट्री अलग होती है, इसलिए एक खुशबू अलग-अलग व्यक्तियों पर अलग-अलग प्रभाव पैदा करती है। त्वचा की यह खास गंध अलग-अलग समय पर अलग होती है। जो परप्यूम कभी सामान्य दिखता है, वही किसी अन्य समय में शानदार प्रभाव छोड़ सकता है। देखें क्या-क्या कराण त्वचा की गंध पर प्रभाव डालते हैं-दबाव या तनाव
जब व्यक्ति अधिक दबाव या बेचैनी महसूस करता है, उसके दिल की धड़कन पर इसका असर पड़ता है। हथेलियां, माथे या शरीर के अन्य हिस्सों में पसीना आने लगता है। ये तमाम बातें बॉडी केमिस्ट्री पर भी असर डालती हैं, इसलिए शरीर की गंध भी बदल जाती है।
खानपान
हम जैसा खाते हैं, उसका सीधा असर त्वचा की गंध पर पड़ता है। अगर कोई ज्यादा मसाले, लहसुन, प्याज का सेवन करता है, उसके पसीने से इसकी गंध आने लगती है। इसका कारण यह है कि त्वचा की गंध में इनकी गंध मिल जाती है।
उम्र
बॉडी केमिस्ट्री पर उम्र का असर भी पड़ता है। हर पुरुष व स्त्री को अलग-अलग समय पर हॉर्मोनल बदलावों का सामना करना पड़ता है। बचपन से टीनएजर तक का सफर इसका पहला पड़ाव होता है। प्यूबर्टी का समय भी त्वचा की गंध को काफी बदलता है।
गर्भावस्था
इस समय भी कई तरह के हॉर्मोनल बदलाव होते हैं। ऐसे में बॉडी केमिस्ट्री भी बदलती है। हो सकता है जो गंध पहले त्वचा को रास आती है, गर्भावस्था के समय वह पसंद न आए।
मेनोपॉज
मेनोपॉज बॉडी केमिस्ट्री पर बहुत प्रभाव डालता है। त्वचा रूखी-पतली हो जाती है। टेस्टोस्ट्रॉन व एस्ट्रोजन स्तर में बदलाव होते हैं और रात में पसीना आता है। कुछ दवाइयां व स्वास्थ्य समस्याएं भी त्वचा की गंध को परिवर्तित करती हैं। डायबिटीज के रोगी के लिए परफ्यूम चुनना मुश्किल है। इसका कारण यह है कि उनके ब्लड शुगर का स्तर घटता-बढता रहता है। शुगर स्तर के साथ ही परफ्यूम की गंध भी बदलती है।
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