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एनडीएमए की पहल

उत्तराखंड में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन से हुई तबाही के बाद सेना के जवानों के साथ नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) के एक्सप‌र्ट्स भी राहत कार्यो में जुटे हैं। आओ जानते हैं एनडीएमए और इसकी कार्यप्रणाली के बारे में.. -दुनिया के तमाम इलाकों सहि

By Edited By: Published: Fri, 28 Jun 2013 03:10 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2013 03:10 PM (IST)
एनडीएमए की पहल

उत्तराखंड में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन से हुई तबाही के बाद सेना के जवानों के साथ नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) के एक्सप‌र्ट्स भी राहत कार्यो में जुटे हैं। आओ जानते हैं एनडीएमए और इसकी कार्यप्रणाली के बारे में..

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-दुनिया के तमाम इलाकों सहित भारत के पर्वतीय और तटवर्ती इलाकों में समय-समय पर प्राकृतिक आपदाएं आती रही हैं।

-दिसंबर 2004 में समुद्र के किनारे बसे राज्यों में आई सुनामी में जान-माल की बहुत क्षति हुई। आपदा में फंसे लोगों के राहत और बचाव कार्यो के लिए शिद्दत से एक एजेंसी की कमी महसूस की गई।

-इसी जरूरत को देखते हुए भारत-सरकार ने मई 2005 में नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) यानी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की स्थापना की।

-प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह इसके अध्यक्ष हैं। उनके अलावा इसके नौ सदस्य होते हैं, जिसमें से एक उपाध्यक्ष होता है। वर्तमान में इसके उपाध्यक्ष एम. शशिधर रेड्डी हैं।

-हाल में उत्तराखंड में आई आपदा में राहत और बचाव कार्यो में एनडीएमए के जवान अपना योगदान दे रहे हैं।

-एनडीएमए डिजास्टर मैनेजमेंट संबंधी योजनाएं और गाइडलाइंस बनाती है, जिन पर भारत सरकार के अलग-अलग मंत्रालय और राज्य सरकारें अमल करती हैं।

-एनडीएमए के तहत ही अलग-अलग स्थानों पर नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स यानी एनडीआरएफ का भी गठन किया गया है।

-बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ), इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी), सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्युरिटी फोर्स (सीआईएसएफ), सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआईएसएफ) आदि के दो बटालियन मिलकर एनडीआरएफ बना है।

-फोर्स को इस तरह प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे वे आपदाओं से कुशलतापूर्वक निपट सकें। जवानों को 72 मेंबर की टीम में बांटा गया है। यह टीम आपदाओं (पर्वतीय क्षेत्र, समुद्र और मैदानी भागों में) से निपटने में सक्षम है।

-महाराष्ट्र, असम और उड़ीसा ने केंद्र की तर्ज पर स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) का गठन किया है।

-सभी राज्यों में स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एसडीएमए) की स्थापना की गई है, जिसके अध्यक्ष उन राज्यों के मुख्यमंत्री हैं।

दुनिया में आपदा वाले प्रमुख क्षेत्र

-पृथ्वी का 20 प्रतिशत हिस्सा प्राकृतिक आपदा के लिहाज से संवेदनशील है। 3.5 अरब से ज्यादा लोग इन हिस्सों में रह रहे हैं।

-भारत, चीन, मैक्सिको और ब्राजील की आधी जीडीपी आपदा के लिहाज से संवेदनशील इलाकों से आती है।

सबक से सीख

-रिमोट सेंसिंग, ज्योग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम और एडवांस सेटेलाइट तकनीक के विकास से पर्वतीय और तटीय इलाकों में मौसम का सटीक पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।

-नीदरलैंड ने तटीय इलाकों का कुछ हिस्सा खाली कराके फ्लड प्लेन बढ़ाया है, ताकि बाढ़ के असर को कम किया जा सके।

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