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Civil services तैयारी से मजबूत करें बेस

मैं इंग्लिश और सोशियोलॉजी सब्जेक्ट के साथ बीए थर्ड इयर का स्टूडेंट हूं। आर्थिक स्थिति सही नहीं है, पर आगे पढ़ना चाहता हूं। कृपया उचित मार्गदर्शन करें कि मुझे क्या करना चाहिए? पवन अगर आगे पढ़ने की दृढ़ इच्छाशक्ति है, तो आपको अतिरिक्त मेहनत करने के लिए कोई न कोई रास्ता निकालना होगा। आप शहर

By Edited By: Published: Tue, 04 Mar 2014 01:23 PM (IST)Updated: Tue, 04 Mar 2014 01:23 PM (IST)
Civil services  तैयारी से मजबूत करें बेस

मैं इंग्लिश और सोशियोलॉजी सब्जेक्ट के साथ बीए थर्ड इयर का स्टूडेंट हूं। आर्थिक स्थिति सही नहीं है, पर आगे पढ़ना चाहता हूं। कृपया उचित मार्गदर्शन करें कि मुझे क्या करना चाहिए?

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पवन

अगर आगे पढ़ने की दृढ़ इच्छाशक्ति है, तो आपको अतिरिक्त मेहनत करने के लिए कोई न कोई रास्ता निकालना होगा। आप शहर में रहते हैं या गांव-कस्बे में, आजकल हर जगह गार्जियन अपने बच्चों को ट्यूशन पढ़वाना चाहते हैं। आप अपनी क्षमता के अनुसार यह देखें कि किस क्लास तक के स्टूडेंट को ट्यूशन पढ़ा सकते हैं। इसके बाद ए4 साइज के व्हाइट पेपर पर ब्लैक पेन से एक एड (जिस पर आपका फोन नंबर भी हो) लिखकर मोहल्ले और आस-पास के इलाके में बांटें या उचित स्थान पर चिपका दें? अपने जानने वालों से भी आग्रह करें कि वे आपको ट्यूशन दिलाने में मदद करें। इस कार्य से आपकी पढ़ाई का खर्च तो निकलेगा ही, काम अच्छा चलने पर आपको अच्छी इनकम भी हो सकती है। अगर आप शहर में रहते हैं, तो अपनी पसंद का कोई टेक्निकल कोर्स (जैसे-कम्प्यूटर एकाउंटेंसी, मोबाइल रिपेयरिंग, इलेक्ट्रिशियन, प्लंबिंग, हार्डवेयर-नेटवर्किग इंजीनियरिंग) करके भी पैसे कमा सकते हैं।

मैं 11वीं में हूं। मुझे हिंदी से डर लगता है। इसे कैसे दूर करूं?

कुमार अमीश

यह बड़े अचरज की बात है कि जो आपकी मातृभाषा और राष्ट्रभाषा है और जिस परिवेश में आप पले-बढ़े, उसी से आपको डर लगता है। मुझे लगता है कि यह सिर्फ आपके मन का डर है। थोड़ा सा ध्यान देकर अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं। इससे आपका डर छू मंतर हो जाएगा। सबसे पहले तो इस बात की तलाश करें कि आपको हिंदी से डर क्यों लगता है? आप खुद को कहां कमजोर पाते हैं? कमजोरी की तलाश कर लेने के बाद पूरे मन से उसे दूर करने का प्रयास करें। इसके साथ-साथ हिंदी में अपनी पसंद के अखबार और पत्रिकाएं भी नियमित तौर पर पढ़ें। एक बार कमजोरी दूर हो गई, तो डर भी दूर हो जाएगा। फिर आप दूसरों की तरह हिंदी को अपनी ताकत बना सकते हैं।

मैंने हाइस्कूल पास करने के बाद सिविल इंजीनियरिंग से डिप्लोमा किया है। फिलहाल जूनियर इंजीनियर की तैयारी कर रहा हूं, लेकिन भारतीय प्रशासनिक सेवा में करियर बनाना चाहता हूं। कृपया मार्गदर्शन करें।

राकेश यादव

भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी आइएएस में जाने के लिए आपको सबसे पहले ग्रेजुएशन कम्प्लीट करना होगा। ग्रेजुएशन के दौरान आप इससे संबंधित कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी आरंभ कर सकते हैं। आइएएस का चयन सिविल सेवा परीक्षा के जरिए होता है, जिसका आयोजन यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा हर साल किया जाता है। इस एग्जाम में तीन चरण होते हैं-पहला, प्रारंभिक परीक्षा, दूसरा, मुख्य परीक्षा और तीसरा, इंटरव्यू। प्रारंभिक परीक्षा में ऑब्जेक्टिव टाइप के क्वैश्चंस पर आधारित दो कंपल्सरी पेपर होते हैं-सीसैट यानी सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट और जनरल स्टडीज। पहले चरण को क्वालिफाई करने वाले कैंडिडेट्स को दूसरे चरण यानी मुख्य परीक्षा में प्रवेश दिया जाता है। यह डिस्क्रिप्टिव टाइप का एग्जाम है। इसमें सामान्य हिंदी या किसी और इंडियन लैंग्वेज के अलावा जनरल इंग्लिश का कंपल्सरी क्वालिफाइंग पेपर होता है। इसके अतिरिक्त सामान्य अध्ययन के चार और एस्से का एक कंपल्सरी पेपर भी होता है। यूपीएससी की लिस्ट से चुने गए एक ऑप्शनल सब्जेक्ट के दो पेपर भी होते हैं। जरूरी नहीं कि यह सब्जेक्ट आपने ग्रेजुएशन में पढ़ा ही हो। मेन्स क्वालिफाई करने वाले कैंडिडेट्स को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। मेन्स और इंटरव्यू में प्राप्त मा‌र्क्स के आधार पर फाइनल मेरिट लिस्ट बनाई जाती है और सलेक्टेड कैंडिडेट्स के नाम के साथ रिजल्ट की घोषणा की जाती है। प्रिलिमिनरी एग्जाम सिर्फ क्वालिफाइंग होता है। उसके मा‌र्क्स मेरिट बनाते समय नहीं जोड़े जाते। इस एग्जाम के बारे में

ज्यादा जानकारी के लिए यूपीएससी की वेबसाइट देख सकते हैं।

मैं दसवीं में पढ़ रहा हूं। एसपी बनना चाहता हूं। मुझे इसके लिए क्या करना होगा?

मोहसिन अंसारी, रामपुर मलिक

एसपी यानी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस, इंडियन पुलिस सर्विस के अंग होते हैं। इनका चयन सिविल सर्विसेज एग्जाम के जरिए होता है। इस एग्जाम को यूनियन पब्लिक सर्विस आर्गेनाइज करता है। इसमें अपीयर होने के लिए किसी भी सब्जेक्ट, स्ट्रीम और डिवीजन के साथ ग्रेजुएशन होना चाहिए। इसमें शामिल होने की उम्र सीमा 21 से 30 वर्ष थी, जिसे बढ़ाकर 32 वर्ष कर दिया गया है। पहले जनरल क्लास के कैंडिडेट को चार अवसर मिलते थे। अब दो अवसर और बढ़ा दिया गया है। अगर आप अपने मनपसंद करियर की राह पर आगे बढ़ना चाहते हैं, तो अभी से प्रयास आरंभ कर देना होगा। बेशक एग्जाम में ग्रेजुएशन के बाद शामिल हों, लेकिन जनरल स्टडीज की तैयारी (खासकर एनसीइआरटी) और कम शब्दों में प्रभावशाली लिखने की प्रैक्टिस करें। नॉलेज बढ़ाने की जिज्ञासा हमेशा बनाए रखें। बेस को मजबूत बना सक्सेस की ओर बढ़ सकते हैं।

करियर से संबंधित सवाल

counselor@nda.jagran.com

पर ईमेल करके पूछ सकते हैं..

अरुण श्रीवास्तव


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