Move to Jagran APP

5 WAY TO GET सक्सेस इन ग्रुप प्रोजेक्ट

ग्रुप प्रोजेक्ट के जरिए टीम स्पिरिट के साथ लीडरशिप क्वॉलिटी डेवलप करने की भी अपॉच्र्युनिटी मिलती है..

By Edited By: Published: Wed, 14 Aug 2013 10:47 AM (IST)Updated: Wed, 14 Aug 2013 12:00 AM (IST)

नए एजुकेशन पैटर्न में अधिकतर इंस्टीट्यूट्स प्रोजेक्ट वर्क को प्रिफरेंस देते हैं, जिसे स्टूडेंट्स ग्रुप मेंबर्स के साथ कंप्लीट करते हैं। ऐसे प्रोजेक्ट्स वर्क का फायदा यह होता है कि इससे टीम स्पिरिट के साथ कई नए आइडियाज भी डेवलप होते हैं। ग्रुप प्रोजेक्ट वर्क कैसे सक्सेस हो, इसके लिए हमें कुछ एटिकेट्स फॉलो करने होंगे।

loksabha election banner

डेडलाइन फ‌र्स्ट

सक्सेस चाहते हैं, तो वर्क शुरू करने से पहले ही उसकी डेडलाइन डिसाइड कर लें। जब डेडलाइन सामने होगी, तो हम उसी दिन उसे कम्प्लीट करने की कोशिश करेंगे। कॉलेज प्रोजेक्ट वर्क को डेडलाइन से पहले ही फिनिश करने के लिए 60-40 परसेंट के रेश्यो में डिवाइड कर लें। जो डेडलाइन है, उसका 60 परसेंट फ‌र्स्ट हाफ के लिए तय करें और अगले 40 परसेंट को बाकी के दिनों के लिए फिक्स कर लें। ध्यान रखें कि आपकी डेडलाइन और कॉलेज की डेडलाइन में तीन से चार दिन पहले का गैप होना चाहिए।

मेक फ्लैक्सिबिलिटी

ग्रुप प्रोजेक्ट वर्क भी हॉकी, क्रिकेट या फुटबॉल मैच की तरह है। जैसे क्रिकेट में डिसाइड होता है कि बॉलर कौन है और बैट्समैन कौन। ठीक उसी तरह प्रोजेक्ट मिलते ही डिसाइड कर लें कि किसे क्या काम सौंपना है। क्रिकेट में कभी-कभी बैटिंग के लिए शामिल किए गए प्लेयर को बॉलिंग भी दे दी जाती है। उसी तरह अपने ग्रुप प्रोजेक्ट में भी फ्लैक्सिबिलिटी बनाए रखें। हो सकता है कि कोई मेंबर अपने वर्क को कंप्लीट न कर पाए। ऐसे में दूसरे को उसका वर्क असाइन किया जा सके। आप चाहें, तो ग्रुप के किसी एक मेंबर को स्टैंडबाय के रूप में भी यूज कर सकते हैं।

ओपन कम्युनिकेशन

प्रोजेक्ट की सक्सेस में कम्युनिकेशन का मेन रोल है। गलत कम्युनिकेशन या कंफ्यूजन से प्रोजेक्ट अनसक्सेसफुल हो सकता है। ग्रुप के हर मेंबर को डे-टु-डे का वर्क प्रोग्रेस ऑनेस्टी से बाकी मेंबर्स के साथ शेयर करना चाहिए। जहां कोई प्रॉब्लम हो, उसे भी शेयर करने में संकोच न करें। प्रोजेक्ट से रिलेटेड बातें ग्रुप में ही शेयर करें। टीम के किसी मेंबर से अगर आइडियोलॉजी मैच नहीं करती है, तो इसका असर प्रोजेक्ट वर्क पर न पडनें दें।

शेयर कॉन्टैक्ट्स

ज्यादातर इंस्टीट्यूट्स में एक ग्रुप बना कर उसे प्रोजेक्ट वर्क सौंप दिया जाता है। ग्रुप में कुछ ऐसे मेंबर्स भी हो सकते हैं, जिनसे आपकी जान-पहचान न हो। ऐसे सभी लोगों का पहले ही दिन होम एड्रेस, मोबाइल नंबर, ई-मेल कलेक्ट कर लें। किसी भी सोशल नेटवर्किग साइट से आपस में कनेक्ट भी हो सकते हैं। आपस में डिस्कशन करके एक टाइम डिसाइड कर लें। इसी समय ऑनलाइन कम्युनिकेशन करके प्रोजेक्ट पर डिस्कस करें। ऐसा करेंगे, तो ग्रुप प्रोजेक्ट में आने वाली किसी भी तरह की प्रॉब्लम को बिना किसी डिफिकल्टी के फेस कर लेंगे।

फाइनल टच

अपनी तय डेडलाइन से दो दिन पहले ही फ‌र्स्ट पार्ट की फाइनल कंपाइलिंग कर लें। दूसरे पोर्शन में जो चीजें कंप्लीट हो गई हैं, उन्हें भी फाइनल टच दे दें। टीम के किसी जिम्मेदार मेंबर को फाइनल टच का काम सौंप दें। फाइनल डे से एक दिन पहले ग्रुप प्रोजेक्ट वर्क को फाइनली क्लोज कर दें। इस बात का ध्यान रखें कि प्रोजेक्ट की सॉफ्टकॉपी अपने पीसी में सेव कर लें। साथ ही प्रोजेक्ट की फोटोस्टेट करवाना न भूलें।

एक्सपर्ट ओपिनियन

ग्रुप प्रोजेक्ट पर वर्क शुरू करने से पहले पूरी तरह सब्जेक्ट क्लियर कर लेना चाहिए। स्टूडेंट वर्क को कई पा‌र्ट्स में डिवाइड करके आपस में शेयर कर लें। डेडलाइन तय करें और हर दूसरे दिन कितना वर्क हुआ है, इसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट लें। ग्रुप का कोई मेंबर अगर अपने पार्ट में कुछ मिस्टेक कर रहा है तो उसे डिस्करेज न करें, मोटिवेट करें। वह भी वर्क ठीक से करना शुरू कर देगा। इस तरह लीडरशिप क्वॉलिटी भी डेवलप होगी और प्रोजेक्ट वर्क भी बेस्ट रिजल्ट दे देगा।

दीप्ति छाबडा

असि.प्रोफेसर, इंदिरा गांधी टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वूमन, नई दिल्ली

इंटरैक्शन : शरद अग्निहोत्री


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.