इनोवेटिव सोच से बढ़ें आगे
जो आउट ऑफ बॉक्स सोचते हैं और जिनके पास इनोवेटिव आइडियाज हैं, उनकी लीडरशिप में कंपनी और एम्प्लॉयीज दोनों की ग्रोथ होती है। सीइओ टॉक में इस बार युवाओं को सक्सेस के टिप्स दे रहे हैं इंडिया में माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन भास्कर प्रमानिक..
टेक्नोलॉजी एज
आज का समय टेक्नोलॉजी का है। हर चीज टेक्नोलॉजी पर बेस्ड होती जा रही है। प्राइवेट के साथ-साथ गवर्नमेंट सेक्टर्स में भी टेक्नोलॉजी का खूब यूज किया जा रहा है। अब किसान भी खेती में टेक्नोलॉजी को यूज कर रहे हैं। आज छोटे-छोटे कामों में एप्लीकेशंस का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एप्स कोई और नहीं, बल्कि आज की हमारी नई जेनरेशन तैयार कर रही है। नई एप्लीकेशंस डेवलप करने में इंडियंस का काफी योगदान है। इंडिया ही नहीं,यूएस में भी आइटी इंडस्ट्री बहुत कुछ इंडियंस यूथ पर डिपेंड है।
आइटी सेक्टर का फ्यूचर
आज वर्ल्डवाइड टेक्नोलॉजी फील्ड में इंडियन काफी आगे हैं। पूरी दुनिया में तकरीबन 1.6 मिलियन डेवलपर्स हैं, जिनमें इंडिया में दूसरी सबसे बडी डेवलपर कम्युनिटी है। इसके अलावा, ग्लोबल लेवल पर इंडियन आइटी स्पेशलिस्ट की बहुत रिस्पेक्ट है। खुद माइक्रोसॉफ्ट में सबसे ज्यादा वर्कफोर्स इंडिया से है। आज पहले की तुलना में आइटी सेक्टर में काम करने का स्कोप और बढ गया है।
स्टूडेंट्स-स्टार्टअप्स को बढावा
माइक्रोसॉफ्ट में स्टूडेंट्स के लिए कई तरह के प्रोग्राम्स चलाए जाते हैं, जिससे नॉलेज डेवलपमेंट में स्टूडेंट्स को मदद मिलती है। माइक्रोसॉफ्ट के ड्रीम स्पार्क प्रोग्राम के तहत स्टूडेंट्स को फ्री सॉफ्टवेयर ऐंड टूल्स दिए जाते हैं और इमैजिन कप के तहत ग्लोबल लेवल पर प्लेटफॉर्म मुहैया कराया जाता है, इससे स्टूडेंट्स को अपनी टेक्नोलॉजी स्किल्स सामने लाने का मौका मिलता है। इसी तरह माइक्रोसॉफ्ट वेंचर्स के जरिए स्टार्टअप्स और एंटरप्रेन्योर्स को बढावा दिया जा रहा है। इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा इंडियन स्टूडेंट्स-यूथ की क्षमता का विकास करना है, ताकि इंडिया टेक्नोलॉजी में सुपर पावर बन सके।
मोटिवेटिंग मैसेज
नोरा राबर्ट्स का एक फेमस कोट है, जब तक आप किसी चीज को पाने के लिए कोशिश नहीं करेंगे, वह आपको नहीं मिलेगी। इसी तरह अगर आप सवाल नहीं करेंगे, तो जवाब हमेशा न ही रहेगा, अगर आप आगे कदम नहीं बढाएंगे, तो हमेशा एक ही जगह पर रह जाएंगे।
लीडरशिप क्वॉलिटी
हमें ऐसे लीडर्स की जरूरत है, जिनका विजन और सोच क्लियर हो। लीडर ऐसा होना चाहिए, जो प्राथमिकताएं तय कर सके, क्योंकि इसी से काम में तेजी आती है। जो लोग आउट ऑफ बॉक्स सोचते हैं और जिनके पास इनोवेटिव आइडियाज होते हैं, उनके लीडरशिप में कंपनी और एम्प्लायीज दोनों की ग्रोथ होती है। एक लीडर को एम्प्लॉयीज का विश्वास जीतने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसा करने से बुरे वक्त में भी एम्प्लॉयी हमेशा कंपनी के साथ रहता है।
सोसायटी के लिए
किसी काम को बेहतर तरीके से पूरा करना आपकी स्ट्रैटेजी पर ही डिपेंड करता है। माइक्रोसॉफ्ट में ऑपरेशन एग्जिक्यूशन, डिसीजन मेकिंग और एनालिसिस पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है। इससे हर तरह की सिचुएशन मैनेज करना आसान होता है। कंपनी की एक अहम स्ट्रैटेजी है सोसायटी के लिए कुछ करना। इसके लिए लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के साथ काम किया जाता है। इंडिया में कंपनी एजुकेशन, एम्प्लॉयमेंट जेनरेशन, इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी में सुधार से लेकर ई-गवर्र्नेस जैसे मेन प्वाइंट्स पर काम करने की प्लानिंग कर रही है।
Profile @ a glance
एजुकेशन: बी.टेक. आइआइटी कानपुर, एडवांस मार्केटिंग मैनेजमेंट प्रोग्राम, स्टैनफोर्ड
एक्सपीरियंस: 35 इयर्स इन आइटी सेक्टर
पोस्ट होल्ड: ग्लोबल वाइस प्रेसिडेंट, कॉमर्शियल सिस्टम्स, यूएस हेडक्वार्टर
मैनेजिंग डायरेक्टर-ओरेकल
मैनेजिंग डायरेक्टर-सन माइक्रोसिस्टम्स
मेंबर: एक्टिव मेंबर ऑफ एग्जिक्यूटिव काउंसिल ऑफ नैस्कॉम, को-चेयरमैन ऑफ नेशनल कमेटी फॉर आइटी, आइटीइएस ऐंड ई-कॉमर्स, सीआइआइ
लीडरशिप क्वॉलिटी: कस्टमर सटिस्फैक्शन ऐंड एम्प्लॉॅॅयी मोटिवेशन
पोजीशन: सीनियर मैनेजमेंट पोजीशंस इन डिजिटल इक्विपमेंट इंडिया, ब्लू स्टार लिमिटेड ऐंड नाल्को
हॉबीज: फोटोग्राफी ऐंड रीडिंग
करेंट पोजीशन: चेयरमैन, माइक्रोसॉफ्ट- इंडिया
इंटरैक्शन : मो. रजा