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स्मारकों के लिए प्रोफेशनल रेस्टोरर की डिमांड

सरकार द्वारा टूरिज्म सेक्टर को बढ़ावा देने के मकसद से महत्वपूर्ण मॉन्यूमेंट्स पर खास ध्यान दिया जा रहा है, ताकि सरकार को ज्यादा से ज्यादा रेवेन्यू मिल सके। मॉन्यूमेंट्स के रख-रखाव के लिए प्रोफेशनल रेस्टोरर की काफी डिमांड है। इस फील्ड्स से जुड़े प्रोफेशनल्स को सरकार और

By Edited By: Published: Wed, 10 Sep 2014 01:32 PM (IST)Updated: Wed, 10 Sep 2014 01:32 PM (IST)

सरकार द्वारा टूरिज्म सेक्टर को बढ़ावा देने के मकसद से महत्वपूर्ण मॉन्यूमेंट्स पर खास ध्यान दिया जा रहा है, ताकि सरकार को ज्यादा से ज्यादा रेवेन्यू मिल सके। मॉन्यूमेंट्स के रख-रखाव के लिए प्रोफेशनल रेस्टोरर की काफी डिमांड है। इस फील्ड्स से जुड़े प्रोफेशनल्स को सरकार और प्राइवेट कंपनियों द्वारा अच्छी सैलरी ऑफर की जाती है..

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कुछ साल पहले ताजमहल को दुनिया के सात अजूबों में शामिल करने के लिए एक मुहिम चलाई गई थी। उस समय भारत से करोड़ों लोगों ने इस मुहिम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। ताज दुनिया के सात अजूबों में शामिल हो गया। मॉन्यूमेंट्स न सिर्फ देश की धरोहर होते हैं, बल्कि इनसे सरकार को करोड़ों डॉलर की कमाई भी होती है। पर्यटन को आगे बढ़ाने में मॉन्यूमेंट्स का अहम रोल होता है। मॉन्यूमेंट्स को संजोकर रखने में पुरातत्व विभाग के रेस्टोरर की अहम भूमिका होती है। रेस्टोरेशन का काम सिर्फ सरकारी विभागों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसने एक इंडस्ट्री का रूप ले लिया है। मार्केट में प्रोफेशनल रेस्टोरर की काफी डिमांड है।

क्या है आर्ट रेस्टोरेशन?

समय गुजरता जाता है, लेकिन हमारी धरोहरें सदियों तक इतिहास को यादगार बनाए रखती हैं। इन धरोहरों को संरक्षित रखने में आर्ट रेस्टोरर बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। इसके तहत आर्ट रेस्टोरर पुरानी धरोहरों, पेंटिंग्स आदि को दोबारा उसी रूप में संरक्षित करने का काम करते हैं, जैसा वे सदियों पूर्व हुआ करती थीं। घर में कोई पेंटिंग रखी है, जो 100 साल या फिर 150 साल या इससे भी अधिक पुरानी है। उस पर धूल जम गई है, उसकी चमक फीकी पड़ गई है। ऐसे में आप किसी आर्ट रेस्टोरर के पास जाकर उसे पुन: उसी रूप में हासिल कर सकते हैं, जैसा वह पहले था। लाल किला, कुतुब मीनार, ताजमहल जैसी ऐतिहासिक धरोहरों को सुरक्षित रखने के लिए आर्ट रेस्टोरर अहम भूमिका निभाते हैं।

कैसे बनें आर्ट रेस्टोरर

इस फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं, तो इसके प्रति इंट्रेस्ट होना जरूरी है। अगर इंट्रेस्ट होगा, तो आपकी ग्रोथ ज्यादा तेजी से हो सकेगी, क्योंकि इस फील्ड में पेशेंस की बहुत जरूरत होती है। किसी भी मान्यूमेंट्स को दोबारा उसी रूप में लाने के लिए न सिर्फ काफी मेहनत करनी पड़ती है, बल्कि काफी समय भी लगाना पड़ता है। आर्ट रेस्टोरर बनने के लिए नेशनल म्यूजियम इंस्टीटयूट से कोर्स किया जा सकता है। दिल्ली स्थित नेशनल म्यूजियम इंस्टीट्यूट दो साल का मास्टर्स डिग्री कोर्स ऑफर करता है। कुछ प्राइवेट संस्थानों में भी इस तरह के कोर्स की शुरुआत हुई है। इस दौरान एक स्टूडेंट को पेंटिंग रेस्टोरेशन, मेटल वर्क, टेक्सटाइल, पेपर वर्क और मैन्यू स्क्रिप्ट आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है।

क्वालिफिकेशन

कंजर्वेशन में मास्टर डिग्री कोर्स करने के लिए आपके पास केमिस्ट्री, जियोलॉजी, फिजिक्स, बॉटनी, जूलोजी, कंप्यूटर साइंस, फाइन आर्ट, हिस्ट्री, हिस्ट्री ऑफ आर्ट, आर्किटेक्चर, आर्कियोलॉजी, म्यूजियोलॉजी में से किसी एक विषय में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। इससे संबंधित कोर्स करने के लिए फीस भी बहुत ज्यादा नहीं है। कुछ संस्थानों में स्कॉलरशिप भी ऑफर की

जाती है।

जॉब की संभावनाएं

इस कोर्स को करने के बाद आपको आर्ट गैलरी, म्यूजियम सहित कई जगहों पर काम मिल सकता है। शुरू में आपको अनुभव हासिल करने के लिए किसी अच्छे आर्ट रेस्टोरर के साथ काम करना पड़ सकता है। कुछ साल का एक्सपीरियंस होने के बाद आप अपना प्राइवेट वर्क शुरू कर सकते हैं। चाहें तो विदेश में भी जॉब हासिल कर सकते हैं। कॉलेज और यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में भी आपको मौका मिल सकता है। कई बड़ी कंपनियां आर्ट रेस्टोरर को बतौर एम्प्लॉयी भी नियुक्त करती हैं। यही नहीं, इस कोर्स को करने के बाद आपको गवर्नमेंट जॉब भी मिल सकती है। ज्यादातर म्यूजियम्स में एक्सप‌र्ट्स की जरूरत होती है। इसके साथ ही आप पार्टटाइम जॉब भी कर सकते हैं। यदि आपको सरकारी नौकरी न मिले, तब भी आप स्वतंत्र रूप से काम करके अच्छी कमाई कर सकते हैं। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, जयपुर जैसे शहरों में आर्ट कंजर्वेटर्स की खूब मांग है।

नौकरी मिलने पर आपको 8-9 घंटे की शिफ्ट में काम करना पड़ता है। इसमें आसानी से हर माह 25 हजार से दो लाख रुपये तक सैलरी मिल सकती है। एक्सपीरियंस हासिल करने के बाद सैलरी और अधिक हो सकती है। इन दिनों विदेश में भी आर्ट रेस्टोरर की काफी मांग है।

(जागरण फीचर)


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