WEAKNESS को बनाएं अपनी ताकत
मैं गांव में रहने वाला एक गरीब लडका हूं। बीएससी-फिजिक्स कर रहा हूं। मेरे पास कोचिंग करने और किताबें खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। प्लीज किसी जॉब या पार्ट-टाइम जॉब के लिए मेरी हेल्प करें।
मणिशंकर नायर
आप जैसी स्थिति में देश के लाखों बच्चे हैं, लेकिन वे सभी कमजोर-निर्धन होने के बावजूद फ्रस्टेट नहीं होते। आप अगर न्यूज पर नजर रखते होंगे, तो देखा होगा कि पिछले कुछ वर्षो में गरीब किसान, दिहाडी मजदूर, रिक्शा व ऑटो चालक के बेटे-बेटियों ने किस तरह आईएएस, डॉक्टर, आईआईटीयन, सीए आदि बनकर अंधेरे में उजाले की किरण फैलाई है। उन्होंने कमजोरी या हीन भावना को खुद पर हावी नहीं होने दिया। इसके विपरीत उन्होंने कामयाब होने के रास्ते तलाशे। अगर आप भी अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बनाना चाहते हैं, तो खुद को लाचार समझने की सोच से बाहर निकलना होगा। जब आप बीएससी कर रहे हैं, तो जाहिर कि इंटरमीडिएट में पीसीएम जरूर पढा होगा। अगर आप कुछ करके दिखाना चाहते हैं, तो हायर सेकंडरी तक के स्टूडेंट्स को ट्यूशन पढाकर फीस, बुक्स और कोचिंग का खर्च आसानी से निकाल सकते हैं। आज के समय की डिमांड के अनुसार पार्टटाइम टेक्निकल ट्रेनिंग या जॉब-ओरिएंटेड कोर्स करके खुद को स्किल्ड बना सकते हैं। इसके बाद आप फुल टाइम या पार्टटाइम दोनों तरह के जॉब हासिल कर सकते हैं। लेकिन इस सबके लिए विल पॉवर के साथ रेगुलर हार्ड वर्क भी करना होगा।
मुझे बोलने में तकलीफ होती है। क्या मुझे कहीं जॉब मिल सकती है? प्लीज मुझे सजेस्ट करें कि मैं अपना करियर किस दिशा में आगे बढाऊं? मैं अभी 11वीं में हूं और मेरा सब्जेक्ट मैथ है।
राहुल कुमार, पटना
किसी भी इंसान को अगर कोई एक परेशानी होती है, तो उसमें तमाम तरह की दूसरी क्वॉलिटीज भी होती हैं। हमें उन गुणों को पहचान कर उन्हें ज्यादा से ज्यादा निखारने का प्रयास करना चाहिए। आप ठीक से बोल नहीं पाते, तो क्या हुआ, लिख तो सकते हैं। अपनी इंट्रेस्ट वाले सब्जेक्ट्स में भरपूर मेहनत करते हुए ऐसी पकड बनाएं कि देखने वाले दंग रह जाएं। अपना कॉन्फिडेंस हाई रखें। इसके अलावा, बोलने की प्रैक्टिस जारी रखने के साथ-साथ इफेक्टिव और क्रिएटिव राइटिंग की भी प्रैक्टिस करें। न्यूज पेपर्स, मैगजींस को अच्छी तरह पढें, टीवी चैनल्स पर एड की लैंग्वेज पर ध्यान दें। इससे आपको आज के समय की लैंग्वेज में ईजी राइटिंग के गुर सीखने को मिल सकते हैं। 12वीं के बाद मास कम्युनिकेशन से रिलेटेड कोर्स करके अपनी स्किल और निखार सकते हैं। स्टडी के साथ मीडिया हाउसेज या एड एजेंसीज से फ्रीलांस बेसिस पर वर्क कर सकते हैं। कोर्स कम्पलीट होने के बाद कॉपी राइटिंग, जिंगल राइटिंग, रिपोर्टिग, एडिटिंग फील्ड में जॉब हासिल करने के लिए एफर्ट कर सकते हैं। जॉब पाने में आपके पब्लिश वर्क से भी काफी हेल्प मिल सकती है।
मैंने आईएससी-पीसीएम ग्रुप से 2012 में 63 परसेंट मार्क्स से पास किया है। एक साल ड्रॉप करके कॉम्पिटिशन की प्रिपरेशन भी की, पर कहीं सलेक्शन नहीं हुआ। अब इस साल क्या करूूं? फिर से तैयारी करूं या प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन ले लूं या फिर बीएससी कर लूं? घर में सभी मुझे कोई काम सीखने को कह रहे हैं?
आसिफ अहमद
सबसे पहले तो आप इस बात पर विचार करें कि आपने जो एफर्ट किए, वह पूरी ईमानदारी से किए। एनालिसिस करके खुद से यह तलाशने का प्रयास करें कि आखिर कमी कहां रह गई? अगर आपको लगता है कि आपने तो अपनी तरफ से कहीं कोई कसर नहीं छोडी थी, इसके बावजूद सलेक्शन नहीं हुआ। इसके बाद देखें कि आगे कौन-सा रास्ता आपके इंट्रेस्ट का है। उस पर घर वालों से बात करके उन्हें कनविंस करें कि आप जो सोच रहे हैं, वह सही है। वे जो कह रहे हैं, उस पर मिल-बैठ कर विचार करें। अगर आपको अपनी काबिलियत और क्षमताओं पर भरोसा है, तो बिना टेंशन में आए अपनी पसंद का रास्ता चुनें और उसके मुताबिक खुद को स्किल्ड बनाएं। अगर आपको भी लगता है कि कोई जॉब ओरिएंटेड कोर्स करके फेमिली की मदद करनी चाहिए, तो ऐसा अवश्य करें। आज ऐसे बहुत से कोर्स हैं।
सिविल ब्रांच से डिप्लोमा कर रहा हूं। अभी फर्स्ट ईयर है। प्लीज बताएं कि इसके बाद मुझे जॉब मिल सकती है और मिल सकती है, तो कहां? क्या जहां प्लेसमेंट की सुविधा नहीं होती, वह अच्छा कॉलेज नहीं होता?
रिशिकांत
सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने वाले की डिमांड गवर्नमेंट से लेकर प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों में खूब होती है। इंडियन रेलवे, सीपीडब्ल्यूडी, पीडब्ल्यूडी जैसे गवर्नमेंट सेक्टर और रियल एस्टेट, मॉल्स, कॉरपोरेट ऑफिसेज जैसे प्राइवेट सेक्टर में इंफ्रास्ट्रक्चर से जुडे कामों में डिप्लोमा होल्डर्स जूनियर इंजीनियर्स की काफी डिमांड होती है। डिप्लोमा कोर्स कम्पलीट करने के बाद आप गवर्नमेंट सेक्टर्स के डिफरेंट डिपार्टमेंट्स में वैकेंसीज के जवाब में आप अप्लाई कर सकते हैं। प्राइवेट सेक्टर्स की कंपनियां न्यूज पेपर्स और अपनी वेबसाइट्स के जरिए रिक्रूटमेंट करती हैं। अगर किसी कॉलेज में प्लेसमेंट की सुविधा नहीं है, तो इसका मतलब यह नहीं कि वह अच्छा नहीं है। जहां फैकल्टी अच्छी है, मार्केट की डिमांड के मुताबिक करिकुलम है, इंडस्ट्री से इंटरैक्शन होता है, लैब बढिया है, तो फिर वह कॉलेज बेस्ट माना जा सकता है।
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अरुण श्रीवास्तव