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संस्कृति की शिक्षा में रोजगारपरक कोर्स है बीबीए इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड कोर्स

शिक्षार्थियों को टेक्निकल के साथ प्रेक्टिकल जानकारी देने के लिहाज से ही संस्कृति ने इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड कोर्स में बीबीए डिग्री कोर्स कराने की शुरूआत की है।

By MMI TeamEdited By: Published: Tue, 26 Jul 2016 03:49 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jul 2016 04:23 PM (IST)
संस्कृति की शिक्षा में रोजगारपरक कोर्स है बीबीए इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड कोर्स

शिक्षा और कैंपस रिक्रूटमेंट के मामले में संस्कृति का उद्देश्य धनार्जन न होकर सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करना है। शिक्षार्थियों को टेक्निकल के साथ प्रेक्टिकल जानकारी देने के लिहाज से ही संस्कृति संस्था समूह ने इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड कोर्स में बीबीए डिग्री कोर्स कराने की शुरूआत अपने क्षेत्र में की है। जिसमें छात्र-छात्राओं को छमाही क्लासेज के बाद छमाही ट्रेनिंग पर कंपनियों में भेजा जाता है। इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड कोर्स से बीबीए डिग्री प्राप्त छात्र-छात्राओं का चयन लगभग 40 से अधिक कंपनियों में हो चुका है।

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संस्कृति संस्था समूह के वाइस चेयरमेन राजेश गुप्ता का कहना है कि आजकल विद्यार्थी रोजगार परक कोर्सेज का चुनाव करते हैं। जिसमें कोर्स खत्म करते ही अच्छी कंपनी में जाॅब करके अपनी पहचान बना सकें। इसी तरह अभिभावक भी आधुनिकता के माहौल में अपने बच्चों को अच्छी कंपनी में जाॅब के लिए इंटरमीडिएट बोर्ड एग्जाम के बाद ही सोचकर ऐसे इंस्टीट्यूट और शैक्षिक संस्थान में एडमिशन दिलाने की इच्छा रखते हैं जहां रोजगारपरक कोर्स करने के बाद अच्छी कंपनी में सेलेक्शन हो सके। संस्कृति की इसी बहुआयामी शिक्षा का ही परिणाम है कि कोर्स करने के बाद अब तक सैंकड़ों छात्र-छात्राओं का सेलेक्शन प्रतिष्ठित कंपनियों मे हो चुका है। शिक्षा के साथ ट्रेनिंग प्राप्त छात्र छात्राओं के लिए बीबीए (इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड) कोर्स रोजगार की दृष्टि से एक बेहतरीन कोर्स है। इसका फायदा यह है कि कोर्स करने के बाद ट्रेनिंग को औपचारिकता देते हुए कंपनियां भी ऐसे छात्र-छात्राओं को अपनी कंपनी में प्लेसमेंट देने में नही हिचकती हैं। संस्कृति शिक्षण संस्थान के सैंकड़ों छात्र दिल्ली, गाजियाबाद, आगरा, नोयडा, नई दिल्ली के माॅल, प्लाजा, रेस्टोरेंट, फाइव-स्टार होटल एवं बिजनेस कंपनियों में अच्छे पदों पर कार्यरत हैं।

बीबीए (इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड) कोर्स की जानकारी देते हुए विजय कुमार ने बताया कि छात्र-छात्राओं को लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर बीबीए (इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड) कोर्स में एडमिशन दिया जाता है। बीबीए (इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड) कोर्स में एडमिशन पाने के इच्छुक छात्र-छात्राओं के लिए बारहवीं में 50 प्रतिशत अंक होना आवश्यक है। किसी भी स्ट्रीम के छात्र इंटरमीडिएट करने के बाद बीबीए (इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड) कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। बीबीए (इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड) कोर्स के तहत छात्र-छात्राओं की छमाही क्लासेज लगाई जाती हैं इसके पश्चात एग्जाम लिया जाता है एग्जाम क्वालिफाई करने वाले विद्यार्थियों को कंपनियों में छमाही ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है, जिसमें क्लासेज के दौरान इंडस्ट्री के लिए होने वाली पढ़ाई के आधार पर ही विद्यार्थियों को ट्रेनिंग दी जाती हैं।

संस्कृति में इस समय आर्थिक रूप से कमजोर और बीबीए (इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड) कोर्स में एडमिशन लेेने के इच्छुक छात्र-छात्राएं स्काॅलरशिप के जरिए दाखिला ले सकते हैं। जिसमें स्काॅलरशिप बारहवीं में प्राप्त अंकों के आधार पर दी जा रही है। बोर्ड एग्जाम में 95 प्रतिशत मार्क्स आने पर पूरे 70 प्रतिशत की स्काॅलरशिप, 90 प्रतिशत अंक आने पर 60 प्रतिशत और 85 प्रतिशत अंक के आधार पर 40 प्रतिशत के साथ 80 प्रतिशत पर 20 एवं 75 प्रतिशत मार्क्स आने पर पूरे 10 प्रतिशत की छूट ट्यूशन फीस पर दी जा रही है। तीन साल के कोर्स में डेढ़ साल में काॅलेज शिक्षा के साथ डेढ़ वर्षीय ट्रेनिंग करवाई जाती है जिसका फायदा कैंपस में प्लेसमेंट के लिए आने वाली कंपनी के इंटरव्यू में मिलता है। बच्चों को दी जाने वाली रोजगार परक ट्रेनिंग और क्लासेज के अलावा संस्कृति प्लेसमेंट में भी कीर्तिमान हासिल कर चुका है। संस्कृति के 80 प्रतिशत छात्र-छात्राएं बिग बाजार, विशाल मेगा मार्ट, हाईवे प्लाजा, कोका-कोला, कैफे काॅफी डे जैसी चालीस से अधिक कंपनियां प्लेसमेंट देते हुए ऐसे ही क्वालिफाइड शिक्षार्थियों की डिमांड संस्कृति संस्था समूह में अंतिम वर्ष के छात्रों का प्लेसमेंट देने के लिए सजग हैं।

संस्कृति शिक्षण संस्थान के चेयरमेन सचिन गुप्ता का कहना है कि इंटीग्रेटेड प्रोग्राम में क्लासेज के दौरान व्यक्तित्व विकास के साथ कौशल क्षमताओं पर पूरा ध्यान दिया जाता है जिससे छात्र-छात्राओं का बहुमुखी विकास हो सके और निरंतर विकास के पथ पर बढ़ सकें। ट्रेनिंग के दौरान छात्र-छात्राओं को इंटीग्रेटेड प्रोग्राम के दिशा निर्देशन के साथ उनकी कमियों पर पूरा ध्यान देने के लिए कंपनियों में संस्थान की ओर से भेजा जाता हैं।
छमाही पढ़ाई के पश्चात ही छमाही ट्रेनिंग के लिए विद्यार्थियों को भेजा जाता है जिसमें स्टाइपेंड के आधार पर ट्रेनिंग दी जाती है। जिसमें पांच हजार रूपए के मासिक स्टाइपेंड के तहत संस्कृति यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं को शिक्षा का अवसर मिल रहा है।


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