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चाईबासा में उत्पादन बढ़ाने को टाटा स्टील को ग्रामीणों ने दी हरी झंडी

फोटो-12 लीड---- अब टाटा स्टील की खदान में 18 से बढ़कर 27 मिलियन टन होगा उत्पादन लोक जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने एक-एक कर रखी अपनी बातें सांसद ने प्रदूषण विभाग को मांग पत्र सौंपकर समस्या निराकरण की मांग की

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 07:17 PM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 07:17 PM (IST)
चाईबासा में उत्पादन बढ़ाने को टाटा स्टील को ग्रामीणों ने दी हरी झंडी

संसू, ,नोवामुंडी : टाटा स्टील की नोवामुंडी लौह अयस्क खदान के विस्तारीकरण को ग्रामीणों ने हरी झंडी दे दी है। शुक्रवार को टाटा डीएवी स्कूल मैदान में विस्तारीकरण को लेकर लोक सुनवाई हुई। जिसमें झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पार्षद बोर्ड से क्षेत्रीय पदाधिकारी सुरेश पासवान, सिरिस प्रसाद व एडीसी इंदु गुप्ता पहुंची हुई थी। मेसर्स नोवामुंडी आयरन ओर बेनिफिसिएशन का विस्तार 18 से बढ़ाकर 27 मिलियन टन करने को आयोजित जनसुनवाई में पहुंचे प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों ने एक-एक करके अपनी बातों को रखा। शुरू से अंत तक पलायन रोकने के लिए कंपनी के अधीन ठेका पर काम करने वाले ठेकेदारों के पास रोजगार दिलाने, स्थानीय ठेकेदारों को काम देने, स्थानीय को कंपनी नौकरी देने, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल व सिचाई आदि सुविधा उपलब्ध कराने की मांगें सामने आई। वहीं सांसद गीता कोड़ा ने प्रदूषण विभाग को मांग पत्र सौंपकर क्षेत्रीय समस्याओं के निराकरण की मांग की है। मौके पर कंपनी प्रभावित गांव महुदी, डुकासाई, बालीझोर, नोवामुंडी बस्ती, मेरेलगाड़ा, परम बालजोड़ी, बड़ा बालजोड़ी, दुधबिला, बेतेरकेया, कुलायसाई, सारबिल, कोटगढ़, गुंडीजोड़ा, पदापहाड़, कादाजामदा, टोंटोपोसी, काती कोड़ा, कोटगढ़, कुटिगता, कुमिरता, कुदापी, रेंगाड़बेड़ा, जामपानी, लेपांग, भनगांव आदि गांव के ग्रामीण शामिल थे।

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खदान में स्थानीय को रोजगार दिया जाए : गीता कोड़ा

सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि कंपनी क्षेत्र में माइनिग कर रही है तो लोग प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से प्रभावित तो होंगे ही। कंपनी क्षेत्र में 70 लोगों की जमीन गई है। इन्हें स्थायी नौकरी नहीं मिली है। इन्हें मुआवजा भी नहीं दिया गया है। वैतरणी से पाइप लाइन के माध्यम से पानी आता है। पहले किसानों को पाइप लाइन से खेतों में सिचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता था। उसे बंद कर दिया गया है। पलायन भी जारी है। कंपनी अस्पताल में ब्लड बैंक नहीं है। अस्पताल की अहर्ता को पूरी कर ब्लड बैंक दोबारा चालू करने की जरूरत है। ब्लड बैंक नहीं होने के कारण मरीजों को टीएमएच रेफर किया जाता है।

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कंपनी वादा करती है पर निभाती नहीं : सोनाराम

जगन्नाथपुर विधायक सोनाराम सिकू ने कहा कि टाटा स्टील जिस स्थान पर चल रही है। पोषक क्षेत्र के नौजवानों को आज भी स्थायी नौकरी नहीं दी है। रैयतों की जमीन ली गई परंतु उन्हें रोजगार नहीं दिया गया। कंपनी ने अब तक कितने स्थानीय लोगों को नौकरी दी है, सूची उपलब्ध कराई। कंपनी पोषक क्षेत्र के लोगों से वादा करना जानती है परंतु निभाना नहीं जानती है।

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स्थानीय को ही मिले टाटा कंपनी में नौकरी : मधु कोड़ा

पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा कहा कि यहां के आधार कार्ड वालों को ही टाटा कंपनी नौकरी दे। जिस व्यक्ति का आधार कार्ड यहां का है, जॉब उसी को मिलनी चाहिए। यदि कंपनी ईमानदारी पूर्वक दो फीसद राशि क्षेत्र के लिए खर्च करती है तो निश्चित अच्छे शिक्षण संस्थान और तकनीकी उपकरण युक्त अस्पताल मिलेंगे। इसके लिए जमशेदपुर जाना नहीं पड़ेगा। स्थानीय को रोजगार दिलाना पहली प्राथमिकता है।

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नोवामुंडी का विकास करे टाटा स्टील : लक्ष्मी सुरेन

जिला परिषद सदस्य लक्ष्मी सुरेन ने कहा कि कंपनी की उत्पादन क्षमता बढ़ेगी तो मनुष्य के जीवन पर प्रतिकूल असर तो पड़ेगा ही। इसके लिए कंपनी को मनुष्य के साथ जीव जंतु, पशु पक्षियों के लिए गर्मी के मौसम में पीने की पानी के लिए व्यवस्था करनी होगी। जंगली हाथियों को जंगल रास्ते से आने जाने के लिए चिन्हित किए गए कॉरिडोर रास्ते को सुरक्षित रखना होगा। कंपनी दो फीसद के हिसाब से सालाना दो करोड़ रुपये के हिसाब से दूसरी जगह पर विकास के नाम पर 100 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इसी पैसे को नोवामुंडी क्षेत्र में खर्च करना चाहिए।

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रोजगार में स्थानीय को देंगे प्राथमिकता : अतुल भटनागर

टाटा स्टील के महाप्रबंधक अतुल भटनागर ने कहा कि खनन विस्तारीकरण को लेकर चल रहे प्रोजेक्ट में ध्वनि, जल और वायु प्रदूषण पर ध्यान दिया गया है ताकि आने वाले समय में पोषित क्षेत्र में प्रभावित नहीं हो। नोवामुंडी अस्पताल में ऑनलाइन के माध्यम से मरीजों को टीएमएच के डाक्टरों से बातचीत कर बेहतर इलाज की प्रक्रिया शुरू होगी। रोजगार में स्थानीय लोगों के लिए विशेष रूप से प्राथमिकता होगी। जरूरत के अनुरूप रिक्त पद निकालकर रोजगार दिलाने का प्रयास रहेगा।


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