पोड़ाहाट-आनंदपुर वन प्रक्षेत्र में घायल हाथी कर रहा विचरण
पोड़ाहाट वन प्रमंडल के आनंदपुर पोड़ाहाट वन प्रक्षेत्र के आनंदपुर एवं गोईलकेरा के वन सीमा क्षेत्र में गोली लगने से घायल एक हाथी के विचरण करने की चर्चा पर वन विभाग में हड़कंप मच गया।
संवाद सूत्र, मनोहरपुर : पोड़ाहाट वन प्रमंडल के आनंदपुर पोड़ाहाट वन प्रक्षेत्र के आनंदपुर एवं गोईलकेरा के वन सीमा क्षेत्र में गोली लगने से घायल एक हाथी के विचरण करने की चर्चा पर वन विभाग में हड़कंप मच गया। कथित घायल हाथी की तलाश व उसकी स्थिति को जानने को लेकर वन विभाग की टीम लगातार संभावित वन क्षेत्र का दौरा कर सुराग ढूंढने में लगी है। मामले को लेकर फारेस्टर ज्ञानरंजन का कहना है कि पोड़ाहाट वन प्रमंडल के डीएफओ नीतीश कुमार को गुप्त सूचना मिली थी कि एक हाथी को गोली लगी है, जो आनंदपुर वनक्षेत्र जोडोबाड़ी, रूंगीकोचा, हरता और गोईलकेरा वनक्षेत्र के अंर्तगत पठानिया, दलकी एवं कड़ेदा गांव के आसपास के जंगल में विचरण कर रहा है। डीएफओ के आदेश पर फारेस्टर ज्ञानरंजन एवं वनकर्मियों द्वारा बुधवार रात व गुरुवार सुबह को रूंगीकोचा, जोडोबाड़ी और पहाड़डिया जंगल में गश्त की गई। गुरुवार को जोडोबाड़ी जंगल में गश्ती के दौरान ज्ञानरंजन को जंगल में लकड़ियां इक्कठा करती एक बुर्जुग महिला मिली। जिसने बताया कि एक हाथी जंगल में है, लेकिन वह घायल है या नहीं इसकी जानकारी नहीं है। इसके बाद वनकर्मियों ने घायल हाथी की खोज में पूरा जंगल छान मारा, इस दौरान उन्हें कई जगहों पर हाथी के मल दिखाई दिए और हाथी द्वारा कुतरी गई पेड़ की छाल देखने को भी मिली। मगर घायल हाथी के ब्लड कहीं पर देखने को नहीं मिला और ना हाथी ही का कहीं पता चल पाया है। आनंदपुर वन क्षेत्र करीब सात हजार सात सौ हेक्टेयर में फैला हुआ है। इधर फारेस्टर ज्ञानरंजन द्वारा निरीक्षण की वर्तमान स्थिति की जानकारी डीएफओ नीतीश कुमार को दे दी गई है। इधर खबर की तह तक जाने के लिए वनकर्मी जंगल में सक्रिय हैं। हाथी को गोली लगने की 10 दिन से क्षेत्र में ही रही चर्चा
आनंदपुर वनप्रक्षेत्र में एक दांत वाले हाथी की गोली लगने की चर्चा पिछले 10 दिन से क्षेत्र में हो रही है। घायल हाथी के हरता, रंगामाटी, हंसाबेडा़ और पतियार के जंगल में विचरण करने की चर्चा जोरों पर थी। पहले घायल हाथी समूह से बिछड़ अकेला विचरण कर रहा था। अब वह पुन: समूह में मिल गया है। जो रुंघीकोचा की पहाड़ियों में लगभग दो दर्जन हाथियों के समूह के साथ ग्रामीणों द्वारा देखा गया है। यह हाथियों का समूह रुंघीकोचा, अरवाकोचा में किसान के फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है। इधर घायल हाथी को लेकर जानकारों की अगर मानें तो वयस्क हाथी को गोली लगने से उसकी तत्काल मृत्यु नहीं होती है। गोली वाले जख्म में कीड़े लगने में लगभग एक माह का समय लगता है। जैसे-जैसे घाव का आकार बढ़ता है, वैसे-वैसे हाथी कमजोर होने लगता है और इसी कमजोरी के वजह से हाथी की मौत हो जाती है।
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गुप्त सूचना मिली थी कि आनंदपुर एंव गोईलकेरा सीमा वनक्षेत्र में घायल एक हाथी विचरण कर रहा है। फारेस्टर को वन क्षेत्रों में निरीक्षण के आदेश दिए गए थे। जोडोबाड़ी जंगल में गश्त के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि एक हाथी जंगल में विचरण कर रहा है, मगर वह हाथी घायल है या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हुई। मामले को लेकर गश्त निरंतर जारी रहेगी।
- नीतीश कुमार, डीएफओ पोड़ाहाट वनप्रमंडल।
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गोईलकेरा के गांवों में फिर पहुंचा 22 हथियों का झुंड, फसलें खाई संवाद सूत्र, गोईलकेरा : गोईलकेरा के निकटवर्ती गांवों में हथियों के झुंड ने फिर से उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। बीती रात पास के जंगल से होते हुए 22 हथियों का एक झुंड पुराना गोईलकेरा और दोड़बो गांवों तक आ धमका। गजराजों ने दोनों गांवों में आधा दर्जन किसानों के खेतों में लगी फसलों को बर्बाद कर दिया। पुराना गोईलकेरा में हथियों के झुंड ने सुनील मेराल, केदार मेराल और गोपी मेराल के खेत में लगे आलू और सब्जी खा गए। इसके अलावा हथियों ने फसलों को बर्बाद भी कर दिया। वहीं पुराना गोईलकेरा से सटे दोड़बो में हाथियों ने प्रेमसिंह के खेत में लगे आलू और सब्जी को भी नुकसान पहुंचाया। ग्रामीणों ने बताया कि रात में हाथियों का झुंड गांवों में आ धमका। इससे लोग डरे-सहमे घरों में दुबके रहे। बाद में हाथी चांडिल मोड़ की तरफ चले गए। बुधवार को दिन में हाथियों को चांडिल मोड़ पर देखा गया। हाथियों के पास के जंगल में ही मौजूद रहने के कारण लोग दहशत में हैं। करीब 15 दिन पहले भी हाथी इस इलाके में भारी नुकसान पहुंचा चुके हैं। कई घरों को भी ढहा दिया था।