लोटा की कहानी हुई पुरानी, शौचालय ने संवारी जिंदगानी
सुधीर पांडेय चाईबासा पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटरपश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर झींकपानी प्रखंड के तालाबासा की ललिता आल्डा पहले खुद को असहज और असुरक्षित महसूस करती थी। दूर झींकपानी प्रखंड के त
सुधीर पांडेय, चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर झींकपानी प्रखंड के तालाबासा की ललिता आल्डा पहले खुद को असहज और असुरक्षित महसूस करती थी। बाहर शौच के लिए जाने के लिए उसे 10 बार सोचना पड़ता था मगर अब उसकी असहजता और असुरक्षा दूर हो चुकी है। घर पर ही शौचालय बन जाने की वजह से उनका जीवन आसान हो गया है। ललिता की तरह ही तिरिलपी गांव की बसंती आल्डा, चाईबासा सदर की ज्योति कारवा समेत आधी आबादी कही जाने वाली पश्चिमी सिंहभूम की अन्य महिलाओं के भी जीवन में शौचालयों के बन जाने से बड़ा बदलाव आ गया है। अब उन्हें सूरज के ढलने और उगने से पहले का इंतजार नहीं करना पड़ता। या यूं कहें कि अब लोटा की कहानी पुरानी हो गई है।
बाहर शौच को जाने की वजह से चल गई थी जान
चाईबासा के दीपक नायक बताते हैं कि शौचालय नहीं होने की वजह से उनके परिवार का एक सदस्य आज उनके साथ नहीं है। 8 अप्रैल 2018 को घर में शौचालय नहीं होने की वजह से उसका छोटा भाई अजय नायक सड़क पारकर शौच के लिए जा रहा था। इसी क्रम में एक ट्रक ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। आर्थिक रूप से कमजोर और पुरानी व्यवस्थाओं को देखते हुए शौचालय की उपयोगिता का अंदाजा नहीं लग पाता था। सरकार की हर घर शौचालय की मुहिम के तहत उसके घर पर भी शौचालय बन गया है। अक्टूबर 2018 में ओडीएफ घोषित हुआ पश्चिमी सिंहभूम
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से बताया गया कि पश्चिम सिंहभूम को सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में ही ओडीएफ जिला घोषित कर दिया है। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है। स्वच्छ भारत अभियान का टागरेट पूरा करने की वजह से यह सफलता मिली है। सरकार ने जिले की सभी पंचायतों में कुल मिलाकर 1 लाख 40 हजार 824
टॉयलेट का निर्माण पूरा कर लिया है। इसमें स्वच्छ भारत मिशन के तहत 1 लाख 12 हजार 593 टॉयलेट इस साल बनाए गए हैं। इसके अलावा स्वयंसेवी संस्थाओं, मनरेगा के तहत भी शौचालय बनाए गए हैं। हालांकि एक रिपोर्ट के मुताबिक शौचालय बनने के बाद भी ग्रामीण जनता अभी पूरी तहर इसका इस्तेमाल नहीं कर रही है। अभी भी जिले में 30 से 35 फीसद लोग शौचालय का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। हाटगम्हरिया के सोमाय सिकू बताते हैं कि हमारे यहां शौचालय तो बना दिया गया है मगर पानी की सुविधा नहीं मिलने के कारण उसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि लोग शौचालय का इस्तेमाल नहीं करना चाहते मगर चूंकि पानी की समस्या है इस वजह से शौचालय में ताला लटका रहता है।
पश्चिम सिंहभूम जिला के शौचालय निर्माण की प्रखंडवार रिपोर्ट
आनंदपुर -- 6564
बंदगांव --- 9008
चाईबासा -- 9095
चक्रधरपुर -- 12612
गोइलकेरा --- 9688
गुदड़ी ------ 2816
हाटगम्हरिया - 6968
जगन्नाथपुर -- 12149
झींकपानी --- 3389
खूंटपानी ---- 8591
कुमारडुंगी --- 3232
मंझारी ------ 8406
मझगांव ----- 7667
मनोहरपुर --- 10766
नोवामुंडी ---- 8906
सोनुवा ------ 6491
तांतनगर ----- 8187
टोंटो -------- 6289