Move to Jagran APP

चाईबासा मंडलकारा से पहली बार रिहा हुए आजीवन कारावास की सजा काट रहे तीन कैदी

आजीवन कारावास की सजा काट रहे चाईबासा मंडल कारागार के तीन बंदियों को गुरुवार को आजाद कर दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 08:14 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 08:14 PM (IST)
चाईबासा मंडलकारा से पहली बार रिहा हुए आजीवन कारावास की सजा काट रहे तीन कैदी

जागरण संवाददाता, चाईबासा : आजीवन कारावास की सजा काट रहे चाईबासा मंडल कारागार के तीन बंदियों को गुरुवार को आजाद कर दिया गया। जेल प्रशासन ने किती बिरुवा, श्याम बिरुवा और बुधन केराई को जेल की कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद शाम चार बजे रिहा कर दिया। रिहाई की सूचना इनके परिवार वालों को पूर्व में ही दे दी गई थी। श्याम व बुधन को लेने के लिए उनका मित्र जगन्नाथ प्रधान और किती बिरुवा को लेने उसका भाई मुन्ना बिरुवा आया था। तीनों को जेलर बबलू गोप माला पहनाकर स्वयं बाहर तक छोड़ने आये। तीनों को यह कहा गया कि पहले जो जुर्म किया था, उसकी सजा मिल गई है। अब समाज में जाकर अच्छा काम करें। जेल में जो भी हुनर सीखा है उसे जीवन में आगे बढ़ने के लिए उपयोग में लायें। जेलर बबलू गोप ने बताया कि तीनों जेल में बहुत अच्छी बागवानी करते थे। मेंटेनेंस के काम में भी तीनों निपूर्ण हैं। उम्मीद करते हैं अपने इस हुनर की बदौलत तीनों जीवन में अब आगे बढ़ेंगे।

loksabha election banner

चाईबासा के जेल अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने बताया कि झारखंड राज्य पुनरीक्षण पर्षद की अनुशंसा पर मुख्यमंत्री ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे राज्य के विभिन्न जेलों में बंद कुल 139 बंदियों को रिहा करने के लिए अपनी स्वीकृति दी थी। इनमें चाईबासा मंडलकारा के ये तीन बंदी भी शामिल थे। ऊपर से आदेश आने के बाद गुरुवार को चक्रधरपुर के श्याम केराई, बुधन केराई व मंझारी के किती बिरुवा को रिहा कर दिया गया है। मालूम हो कि उमक्रैद की सजा काट रहे कैदियों को चाईबासा जेल से संभवत: पहली बार समय पूर्व रिहा किया गया है। लंबी अवधि बीतने व बेहतर आचरण को बनाया गया आधार

आजीवन कारावास की सजा पाए तीनों बंदियों द्वारा लंबी सजा अवधि जेल में काट ली गयी है। कारागार में उनके बेहतर आचरण, उनकी उम्र और उनके द्वारा किये गए अपराध की प्रकृति आदि पर राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद ने विचार करते हुए रिहाई की अपनी अनुशंसा की थी। अब ये सभी बंदी अपने परिवार वालों के साथ रह सकेंगे। 20 साल जेल में रहे बुधन, श्याम व किती

बुधन सिंह केराई और श्याम केराई 18 नवंबर 1999 से चाईबासा मंडल कारा में बंद थे। दोनों एक ही परिवार के सदस्य हैं। दोनों के खिलाफ चक्रधरपुर थाने में वर्ष 1999 में धारा 302, 149 व 148 के तहत मामला दर्ज हुआ था। 16 अक्टूबर 2003 को न्यायालय ने दोनों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 20 साल तक जेल में रहने के बाद अब दोनों रिहा हुए हैं। मंझारी निवासी किती बिरुवा के खिलाफ वर्ष 2000 में मंझारी थाना में हत्या का मामला दर्ज हुआ था। 23 मई 2001 में किती चाईबासा मंडलकारा में भेजा गया था। 19 नवंबर 2003 को न्यायालय ने इसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.